चंडीगढ़ (The News Air) चंडीगढ़ में क्रिकेट एसोसिएशन को लेकर बवाल शुरू हो गया है। इसमें आप नेता प्रदीप छाबड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि मैं चंडीगढ़ क्रिकेट एसोसिएशन का असली प्रधान हूं। 2013 में मुझे प्रधान बनाया गया था। 2015 में सुप्रीम कोर्ट के जरिए यूटी क्रिकेट एसोसिएशन को बीसीसीआई से मान्यता मिली थी। उसके बाद मैं निजी कारणों से कहीं व्यस्त हो गया था। भाजपा नेता संजय टंडन ने केंद्र की सरकार और चंडीगढ़ प्रशासन के साथ मिलकर संगठन पर गलत तरीके से कब्जा कर लिया है। एसोसिएशन में निष्पक्ष रूप से 90 सदस्य शामिल किए गए थे। लेकिन अभी इन्होंने घटाकर 86 कर दिए हैं। वह भी सभी इनके नाते रिश्तेदार और भाजपा के नेता हैं। क्रिकेट एसोसिएशन को एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बना दिया गया है।
आईपीएल खेले हुए खिलाड़ियों को गलत तरीके से निकाला
प्रदीप छाबड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आरोप लगाया कि चंडीगढ़ में आईपीएल खेले हुए टैलेंटेड़ प्लेयर को बाहर निकाला जा रहा है। जबकि सिफारिश पर चंडीगढ़ के बाहर के खिलाड़ियों को यहां पर शामिल किया जा रहा है। इसमें भाजपा नेताओं के बच्चे और शिफारशी लोग ज्यादा है।
गली क्रिकेट से नाम चमकाने की कोशिश
गली क्रिकेट के नाम पर चंडीगढ़ क्रिकेट एसोसिएशन के पैसे की बर्बादी की गई है। गली क्रिकेट में करीब 5 से 5.5 लाख रुपए रिफ्रेशमेंट के नाम पर खर्च किए गए हैं। जबकि इसे कई जगह से स्पॉन्सर कराया गया था। यह टूर्नामेंट रबड़ की बॉल से कराया गया था, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए था।






