अदाणी पोर्ट्स (Adani Ports) की ऑडिटर, डेलॉयट हास्किन्स एंड सेल्स एलएलपी (Deloitte Haskins & Sells LLP) अपने पद से इस्तीफा देने पर विचार कर रही है। न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग ने शुक्रवार 11 अगस्त को एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी। अगर ऐसा हुआ तो यह अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म ‘हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research)’ के निशाने पर रही अदाणी ग्रुप की (Adani Group) अकाउंटिंग क्वालिटी को लेकर चिंताए बढ़ा सकती है।
रिपोर्ट के मुताबिक, डेलॉयट हॉस्किन्स ने अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन को अपनी इस्तीफे की योजना के बारे में बता दिया है और आने वाले दिनों में इस मामले में आधिकारिक ऐलान होने की उम्मीद है। डेलॉयट, दुनिया की 4 सबसे बड़ी अकाउंटिंग फर्मों में से एक है। इसकी भारतीय यूनिट ने मई में अदाणी पोर्ट्स और तीन संस्थाओं के बीच एक ट्रांजैक्शन पर सवाल उठाए थे, जिसे अदाणी ग्रुप ने अनरिलेटेज पार्टी ट्रांजैक्शन बताया था।
ऑडिटर ने उस समय कहा था कि वह अडानी के दावों को सत्यापित नहीं कर सका और यह तय नहीं कर रहा सका कि कारोबार पूरी तरह से स्थानीय कानूनों का पालन कर रहा था या नहीं।
डेलॉयट के इस्तीफे की योजना अदाणी ग्रुप के कॉरपोरेट गवर्नेंस पर ऐसे समय नया सवाल उठाता है, जब मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) हिंडनबर्ग की ओर से लगाए गए अकाउंटिंग फ्रॉड और स्टॉक में हेरफेर आरोपों की जांच के नतीजे सौंपने वाली है। अडानी ग्रुप ने बार-बार किसी भी गलत काम से इनकार किया है और सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त पैनल को भी कोई नियामकीय चूक या स्टॉक हेरफेर के सबूत नहीं मिले हैं।
रिपोर्ट में एक सूत्र के हवाले से बताया गया कि डेलॉयट के इस्तीफे के बाद BDO इंडिया एलएलपी की ऑडिटिंग फर्म ‘MSKA एंड एसोसिएट्स’ को फर्म का नया ऑडिटर नियुक्त किया जा सकता है।
यह पहली बार नहीं है जब किसी ऑडिटर ने अदाणी ग्रुप की कंपनियों को लेकर अलग राय दी है। अर्न्स्ट एंड यंग की मेंबर फर्म, SR बटलीबोई ने भी अदाणी पावर लिमिटेड की वित्तीय स्थिति पर कई बार क्वालिफाइड राय जारी की। वहीं ग्लोबल अकाउंटिंग फर्म KPMG के एक सदस्य ने 2021 में अदाणी ग्रीन एनर्जी के को-ऑडिटर पद से इस्तीफा दिया था। साथ ही उसने देश की अकाउंटिंग इंडस्ट्री में बढ़ती जांच के बीच अदाणी ग्रुप की कुछ अन्य कंपनियों के ऑडिट के अनुरोध को ठुकरा दिया गया।