Probe Against Brij Bhushan Sharan Singh : यौन उत्पीड़न के मामले में आरोपों का सामना कर रहे भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं। अब उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने बृजभूषण के अवैध खनन के आरोपों पर जांच करने का आदेश दिया है। शरण सिंह खिलाफ राजा राम नाम के वयक्ति ने गोंडा के 3 गांवो में अवैध खनन को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी।
एनजीटी ने राजा राम सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच के लिए एक पैनल का गठन किया, जिन्होंने दावा किया कि केसर गंज से संसद सदस्य और कुश्ती संस्था के प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह, जो यौन उत्पीड़न मामले में केंद्र में रहे हैं, अवैध खनन में शामिल थे। तहसील तरबगंज और जिला गोंडा के मझराठ, जैतपुर और नवाबगंज जैसे गांवों में खनन कर रहे हैं।
बृजभूषण पर लगे आरोप
राजा राम सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि लगभग 20 लाख घन मीटर लघु खनिजों के अवैध परिवहन, भंडारण और बिक्री के लिए प्रतिदिन 700 से अधिक ओवरलोड ट्रकों का उपयोग किया जाता था। साथ ही उन्होंने दावा किया कि इन ओवरलोडेड ट्रकों से पटपड़ गंज पुल और सड़क क्षतिग्रस्त हो गई है।
पीठ ने क्या कहा
न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी (न्यायिक सदस्य) और डॉ ए सेंथिल वेल (विशेषज्ञ सदस्य) की पीठ ने 2 अगस्त को कहा कि “प्रथम दृष्टया, आवेदन में दिए गए कथन अधिनियमों के कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले पर्यावरण से संबंधित प्रश्न उठाते हैं। राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम, 2010 की अनुसूची I ”
पीठ ने कहा कि “आवेदन में दिए गए कथनों के मद्देनजर, हम इसे उचित मानते हैं कि तथ्यात्मक स्थिति को सत्यापित करने और उचित उपचारात्मक कार्रवाई करने के लिए एक संयुक्त समिति का गठन किया जाए।”एनजीटी ने मामले की अगली सुनवाई 7 नवंबर, 2023 को तय करते हुए दो महीने के भीतर एक तथ्यात्मक और की गई कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने को कहा है।