नयी दिल्ली. बिहार (Bihar) से मिली बड़ी खबर के अनुसार, यहां में जाति आधारित जनगणना को रोकने के लिए दाखिल याचिका को आज पटना HC (Patna High Court) ने खारिज कर दिया है। वहीं कोर्ट के इस फैसले के साथ ही नीतीश सरकार अब प्रदेश में जातिगत जनगणना करवा सकेगी। पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति मधुरेश प्रसाद की पीठ अपना महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है।
Patna High Court dismissed the petitions challenging Bihar Government's Caste based survey. pic.twitter.com/dzRYYMxTKs
— ANI (@ANI) August 1, 2023
जी हां आज पटना HC ने बिहार में जाति आधारित गणना के राज्य सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली सभी याचिकाएं मंगलवार को खारिज कर दीं। मामले में मुख्य न्यायाधीश के विनोद चंद्रन की अध्यक्षता वाली पीठ का फैसला आने के बाद अदालत के बाहर पत्रकारों से मुखातिब याचिकाकर्ताओं के वकील दीनू कुमार ने कहा कि वह आदेश के खिलाफ अब सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे।
वकील कुमार ने बताया, “पीठ ने खुली अदालत में कहा कि वह सभी याचिकाओं को खारिज कर रही है।” उन्होंने कहा, “हमें अभी इस आदेश की प्रति प्राप्त नहीं हुई है। फैसला देखने के बाद ही हम कुछ और कह सकेंगे। बेशक, फैसले का तात्पर्य यह है कि राज्य सरकार सर्वेक्षण कर सकती है। हालांकि, हम इस फैसले के खिलाफ अब सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे।”
जानकारी हो कि, जाति आधारित जनगणना प्रक्रिया पर रोक लगाने के लिए पांच अलग-अलग याचिका HC में दायर की गई थी, जिसपर कोर्ट कई दिनों तक सुनवाई की थी और अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया था। इससे पहले पटना HC के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति मधुरेश प्रसाद की पीठ ने एक साथ 5 याचिकाओं पर सुनवाई की थी और सुनवाई पूरी होने के बाद इस पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। लेकिन आज अपने फैसले में HC ने बिहार में जाति आधारित गणना के राज्य सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली सभी याचिकाएं मंगलवार को खारिज कर दीं है।