नई दिल्ली. जहां एक तरफ आज राजस्थान (Rajasthan) के सीकर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने BJP की एक रैली को संबोधित किया। वहीं PM मोदी ने इसी के साथ राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भी आज बिगुल फूंका। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां समूचे विपक्ष, अशोक गहलोत पर भी जमकर निशाना साधा। वहीं ‘लाल डायरी’ के अलावा पीएम मोदी ने विपक्ष के INDIA गठबंधन को आड़े हाथों लिया और QUIT INDIA का भी नारा दिया। इधर मामले पर अब राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gahlot) ने भी पलटवार किया है।
दरअसल कांग्रेस पर निशाना साधते हुए PM मोदी ने कहा कि, “आपने लाल डायरी के बारे में तो यहां सुना ही है, कहते हैं कि इस लाल डायरी में कांग्रेस सरकार के काले कारनामों का काला-चिट्ठा है। लोग कह रहे हैं कि लाल डायरी के पन्ने खुले तो अच्छे-अच्छे निपट जाएंगे। कांग्रेस नेताओं की लाल डायरी का नाम सुनते ही बोलती बंद हो रही है।’
वहीं मुद्दे पर गहलोत ने भी PM मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि, “मैंने सुना है कि प्रधानमंत्री ने सीकर में ‘लाल डायरी’ पर भाषण दिया था। PM के पद की गरिमा होती है। देश भर में आईटी, ईडी और सीबीआई का दुरुपयोग हो रहा है। क्या वे उनसे ‘डायरी’ के बारे में जानकारी नहीं जुटा सकते?।।।क्या वे इतने परेशान हैं? राजस्थान को निशाना बनाया जा रहा है – कि यहां अत्याचार है, कि यहां कोई कानून व्यवस्था नहीं है। राजस्थान में सबसे ज्यादा छापे पड़े हैं। तीन महीने में चुनाव होने हैं। वे परेशान हैं क्योंकि वे लोगों का मूड देख सकते हैं। इसलिए, वे बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं। ‘लाल डायरी’ उनमें से एक है।”
#WATCH | Rajasthan CM Ashok Gehlot says, "I heard that PM gave a speech in Sikar on 'Laal Diary'. The position of PM holds dignity. IT, ED and CBI are being misused across the country. Can't they gather information from on the 'Diary' from them?…Are they so perturbed? Rajasthan… pic.twitter.com/douyml0Eiu
— ANI (@ANI) July 27, 2023
उन्होंने यह भी कहा कि, “प्रधानमंत्री को लाल डायरी, जो डायरी कपोल कल्पित है उस पर बात करने की बजाय लाल टमाटर, महंगाई से हुए लोगों के लाल चेहरों पर बात करनी चाहिए।आने वाले वक्त में जनता भाजपा को लाल झंडी दिखाएगी।”
जानकारी दें कि, राजस्थान में इस साल ही विधानसभा चुनाव होने हैं, उससे पहले कांग्रेस और BJP में जंग छिड़ी है। अकेले सिर्फ राजस्थान ही नहीं बल्कि लोकसभा चुनाव 2024 से पहले विपक्ष पूरे देश में एकजुट होने की लगातार कोशिश में लगा है, संसद के मॉनसून सत्र में मणिपुर का मसला उठाकर विपक्ष एकता का लिटमस टेस्ट या यूं कहें की भरोसे का परिक्षण भी कर रहा है।