फरीदकोट/फिरोजपुर (The News Air) राजनीति, बस राजनीति। क्रेडिट की होड़ में वह सियासतदान जो सरहदी हिस्से के लोगों का मसीहा होने का दावा करते है, वही लोगों को बेहतर सेहत सुविधाओं से वंचित किए हुए हैं। खैर चाहे जो हो, परंतु अब लग रहा है, भाजपा शासित केन्द्र सरकार के पहले कार्यकाल के पहले वर्ष में फिरोजपुर में PGI सैटेलाइट बनाए जाने की जो घोषणा की हुई है, वह भाजपा शासित केन्द्र सरकार के दूसरे कार्यकाल के अंतिम वर्ष में पूरी होती दिखाई दे रही है।
2015 में फिरोजपुर में PGI सैटेलाइट सेंटर बनाए जाने की घोषणा की गई थी, जो आगामी 23 जुलाई 2023 को देश के गृहमंत्री अमित शाह द्वारा नींव पत्थर रखे जाने के साथ पूरी होती दिखाई दे रही है। जिस समय सरकार द्वारा इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट की घोषणा की गई थी, उस समय पंजाब भाजपा प्रधान कमल शर्मा थे, जो तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के राजनीतिक सलाहकार थे।
ITI ग्राउंड में बनवाया जाना था PGI सैटेलाइट सेंटर
कमल शर्मा द्वारा यह सेंटर फिरोजपुर के ITI ग्राउंड में बनवाने का प्रयास किया गया, पंरतु किन्हीं कारणों से उनका प्रयास सफल नहीं हो पाया और मामला ठंडे बस्ते में चला गया। प्रदेश की सत्ता बदली और फिर फिरोजपुर से कांग्रेस विधायक परमिंदर सिंह पिंकी ने इस प्रोजेक्ट में रूचि ली। फाइल की पैरवी करनी शुरू की। जुलाई 2018 में PGI के निदेशक के नेतृत्व में टीम यहां पहुंची और लोकेशन का निरीक्षण किया।
टीम द्वारा लोकेशन को हरी झंडी देने के बाद मोगा रोड पर बागवानी विभाग की 25 एकड़ जमीन PGI सैटेलाइट सेंटर के लिए सरकार ने दी। इसके बाद फिर से प्रोसेस शुरू हुआ और केंद्रीय PGI बोर्ड ने प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी। जून 2019 में PGI सैटेलाइट सेंटर को अप्रूवल मिली। प्रोजेक्ट केन्द्र सरकार का होने के कारण 5 जनवरी 2021 को फिरोजपुर में रैली के बाद सेंटर का नींव पत्थर रखे जाने का कार्यक्रम बना।
तीनों पर्टियां लेना चाहती क्रेडिट, अब आप की बारी
कृषि कानून का विरोध कर रहे कुछ किसान, तलवंडी भाई के पास प्रधानमंत्री के काफिले के समक्ष अचानक आकर प्रधानमंत्री का काफिला रोक लिया, जिसके बाद प्रधानमंत्री को वापस जाना पड़ा। इस प्रकार से 2 साल पहले PGI सैटेलाइट सेंटर का नींव पत्थर रखे जाने से वंचित रह गया। 7 वर्षों में कांग्रेस, शिअद व भाजपा द्वारा प्रोजेक्ट के क्रेडिट को लेकर समय-समय पर दावे किए जाते रहे। अब इसमें आम आदमी पार्टी भी उतर गई है।
वहीं सेंटर के शुरू होने से बड़ी संख्या में फिरोजपुर, फरीदकोट, मोगा, तरनतारण, फाज्लिका, श्रीमुक्तसर साहिब के अलावा पड़ोसी राज्य राजस्थान के मरीजों को फायदा पहुंचेगा। ऐसे में अब लोग यह आस लगाए बैठे हैं कि इस बार बिना किसी व्यवधान के सेंटर का निर्माण शुरु हो जाए बस। जिस समय सेंटर की घोषणा की गई थी, उस समय इसकी अनुमानित लागत 265 करोड़ निर्धारित थी, जो अब हजारों करोड़ में पहुंच गई है।