नई दिल्ली/मुंबई (The News Air) जहां एक तरफ महाराष्ट्र (Maharshtra) में बड़े राजनीतिक उलटफेर के बाद अब मामला त्रिकोणीय हो गया है। वहीं NCP के कद्दावर अजित पवार की बगावत ने न सिर्फ एकनाथ शिंदे के लिए मुसीबत खड़ी की, बल्कि खुद देवेंद्र फडणवीस के भी हाथ-पैर फूले हुए हैं। अजित पवार समेत बगावती आठ एनसीपी नेताओं ने 2 जुलाई को मंत्री पद की शपथ ली थी। तब से ही मंत्रालय पर खींचतान जारी है।
दरअसल शरद पवार की अगुवाई वाली पार्टी NCP के बागी अजित पवार ने वित्त, आवास, सहकारिता और लोक निर्माण जैसे मंत्रालयों की डिमांड की थी। वहीं मिली खबर के अनुसार और सूत्रों की मानें तो, उनकी लगभग मांगें मान ली गई है। साफ है कि जल्द ही राज्य कैबिनेट का विस्तार होगा।
लेकिन एक और बड़ी खबर के अनुसार, यहां वित्त विभाग की घोषणा होने के पहले ही वित्त विभाग के अधिकारियों के साथ उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की बैठक शुरू हो चुकी है। अजित पवार इस समय वित्त मंत्रालय की समीक्षा कर रहे हैं। वहीं छगन भुजबल को कृषि विभाग मिल सकता है।
हालांकि इस मंत्रालयों के मुद्दे पर पिछले दिनों दोनों डिप्टी सीएम – देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच कई दौर की तीन रात बैठक हुई थी। इतना ही नहीं अजित पवार और प्रफुल्ल पटेल गृह मंत्री अमित शाह से मिलने दिल्ली भी पहुंचे थे।
गौरतलब है कि, अजित पवार की जिन मंत्रालयों की डिमांड की थी उनमें से ज्यादतर की जिम्मेदारी डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस के पास है। वहीं दूसरी तरफ शिंदे गुट बिल्कुल भी नहीं चाहता था कि, वित्त विभाग अजित पवार को मिले। दरअसल इसके पहले MVA सरकार में अधिकांश शिवसेना मंत्रियों की शिकायत थी कि, अजित फंड नहीं देते। ऐसे में वित्त विभाग उन्हें दिया जाना जरूर उच्च स्तरीय आदेश का हिस्सा हो सकता है। फिलहाल तो ख़बरों के अनुसार अजित पवार इस समय वित्त मंत्रालय की समीक्षा में व्यस्त हैं।






