जालंधर (The News Air) जालंधर के बाढ़ प्रभावित शाहकोट उप-मंडल के गांव गिद्दड़पिंडी (लोहियां) में हालात बद से बदतर बने हुए हैं। न गांव में संपर्क के लिए मोबाइल नेटवर्क आ रहा है और न ही स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही हैं। इसी का नतीजा है कि गांव के मास्टर सोहन सिंह स्वास्थ्य सेवाएं न मिल पाने के कारण दम तोड़ गए। इतना ही नहीं गांव में पानी भरने से श्मशान घाट डूबे होने से उनका अंतिम संस्कार भी सड़क किनारे करना पड़ा।
मास्टर सोहन सिंह का अंतिम संस्कार करने वाले उनके दोहते ने बताया कि उनके नाना जो कि 85 साल के थे कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। लेकिन गांव में भारी भरने के बाद उन्हें कुछ तनाव हो गया। इसके बाद उनकी सेहत एकदम खराब हो गई। उन्होंने कहा कि मोबाइल नेटवर्क और किसी से संपर्क न होने के कारण वह अपने नाना को अस्पताल तक भी नहीं पहुंचा पाए।

सड़क किनारे अंतिम अरदास करते गांव के लोग
कोई नेता और प्रशासनिक अधिकारी गांव में नहीं पहुंचा
स्वर्गीय मास्टर सोहन सिंह के दोहते ने कहा कि वह पिछले तीन दिनों तक मदद के लिए हाथ पांव मारते रहे। लेकिन उनके गांव में कोई नहीं आया। यहां तक गांव पानी से घिरा होने के कारण प्रशासन का भी कोई अधिकारी या फिर नेता नहीं पहुंचा। बाढ़ग्रस्त क्षेत्र होने के कारण रिश्तेदार भी मास्टर सोहन सिंह का हाल जानने या फिर उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने के कारण नहीं पहुंच सकें।
मास्टर सोहन सिंह के दोहते से यह पूछने पर कि प्रशासन ने गांव में कोई मदद नहीं की तो उनका जवाब था कि हमें तो प्रशासन गांव में कहीं दिख नहीं रहा अगर आपको दिख रहा है तो आप ही बता दो। उन्होंने आपदा के समय अपनी गहरी नाराजगी प्रकट की और कहा कि सब तमाशा देखने के लिए आते हैं।






