नई दिल्ली (The News Air): भारतीय संस्कृति में नदियों को देवी का स्वरूप माना जाता है। सनातन धर्म में कई नदियोँ, पौधे, गाय आदि को पूजनीय माना जाता है। नदियां प्रकृति का एक अभिन्न अंग है। भारत में जितनी भी नदियां हैं, उनके नाम में स्त्रीलिंग का उपयोग होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में एक ऐसी भी नदी मौजूद है जिसे पुरुष नदी कहा जाता है। यह न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व का इकलौता पुरुष नदी है।
आइए जानते है इस नदी की रोचक बातें
भारत की एकमात्र पुरुष नदी ‘ब्रह्मपुत्र नदी ‘है। इस नदी को ब्रह्मा का पुत्र माना जाता है। हिंन्दुओं के लिए ही नहीं बल्कि बौद्ध और जैन धर्मके लिए भी यह नदी पूजनीय है। बौद्ध धर्म के लोगों का मानना है कि यह नदी एक महान झील चांग थांग पठार से निकलती है। वहीं दूसरी ओर हिंन्दुओं का मानना है कि ब्रह्मपुत्र नदी ब्रह्मा और अमोघ ऋषि का पुत्र है।
कहां-कहां बहती है ये नदी
‘ब्रह्मपुत्र नदी का शुरूआत हिमालय के उत्तर में तिब्बत के पुरंग जिले में स्थित मानसरोवर झील के निकट होता है। यह नदी भारत के अरुनाचल प्रदेश के बाद असम की घाटी में बहते हुए बांग्लादेश में प्रवेश करती है। ब्रह्मपुत्र नदी भारत का दूसरा सबसे बड़ा नदी है, इसकी लंबाई लगभग 2700 किलोमीटर की है।
क्या है पौराणिक मान्यता
ब्रह्मपुत्र नदी को दिव्य और चमत्कारी माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पुष्कर में मौजूद ब्रह्मा जी के मंदिर के दर्शन के बाद ब्रह्मपुत्र नदी में नहाना चाहिए। ऐसा करने से व्कति को विशेष लाभ मिलता है। जिससे ब्रह्म दोष नहीं लगता और शारीरीक कष्टों से भी मुक्ति मिलती है।






