नई दिल्ली (The News Air) जहां बीते चार साल से चीन के साथ लद्दाख बॉर्डर (Laddakh Border) पर आज भी टेंशन और गतिरोध जारी है। वहीं इस विवाद और गतिरोध के बीच अब भारतीय सेना 9Indian Army) ने न्योमा सैन्य स्टेशन पर नए लड़ाकू टैंक, तोप और ऑर्म्ड व्हीकल भी तैनात कर दिए हैं। आज यानी शनिवार को इनके शानदार फुटेज और फोटोज सामने आए हैं।
#WATCH via ANI Multimedia | Indian Army tanks, BMPs in action in Eastern Ladakh, cross Indus River and show other capabilitieshttps://t.co/fnnaNgcwm0
— ANI (@ANI) July 8, 2023
इन ख़ास और जानदार हथियारों में धनुष होवित्जर से लेकर M4 क्विक रिएक्शन फोर्स व्हीकल शामिल हैं। इसके साथ ही सेना ने पहाड़ों पर चलने वाले ऑल टरेन व्हीकल को भी आज यहां चिन्न के दांत खट्टे करने के लिए तैनात किया है।
#WATCH | New weapons and equipment of Indian Army deployed in the eastern Ladakh sector.
The new weapon systems include Dhanush – Made in India Howitzer, M4 Quick Reaction Force Vehicles, All Terrain Vehicles. pic.twitter.com/wOoW4Nf2Ao
— ANI (@ANI) July 8, 2023
इंडियन आर्मी द्वारा तैनात इन नए हथियारों और वाहनों के साथ सेना ने सिंधु नदी के किनारे 14,500 फीट की ऊंचाई पर एक्सरसाइज भी की है। इसका एक शानदार वीडियो भी सामने आया। जिसमें T-90 और T-72 टैंकों को नदी पार करते हुए देखा जा सकता है।
आइए आपको बताते हैं इन ख़ास हथियारों की खूबियां
शानदार M4 क्विक रिएक्शन फोर्स व्हीकल
तो दोस्तों, इस इस बख्तरबंद गाड़ी पर माइंस का भी असर नहीं होता है। यह 50 किग्रा तक IED ब्लॉस्ट सहन कर सकता है। वहीं लद्दाख सेक्टर में तैनात सेना के अधिकारियों ने कहा कि लद्दाख सेक्टर के कठिन इलाके में भी यह वाहन लगभग 60-80 किमी प्रति घंटे की स्पीड से चल सकता है।
M4 क्विक रिएक्शन फोर्स वाहनों को पिछले साल बल में शामिल किया जाना शुरू हुआ था और सेना की पूर्वी लद्दाख सेक्टर के आगे के इलाकों में अधिक संख्या में ऐसे वाहनों को शामिल करने की योजना है।
#WATCH | Naib Subedar J Singh, says, “…This vehicle is an M4, it’s made in India. This vehicle was included in the Indian Army in 2022 & was designed for a total of ten soldiers. This vehicle has 8 fire ports by which the jawan can fire effectively. It has a facility for auto… pic.twitter.com/jkGnIzCWxj
— ANI (@ANI) July 8, 2023
M4 क्विक रिएक्शन फोर्स व्हीकल की खूबियाँ बताते हुए नायब सूबेदार जे सिंह ने बताया कि, “।।।यह वाहन M4 है, इसे भारत में बनाया गया है। इस वाहन को 2022 में भारतीय सेना में शामिल किया गया था और इसे कुल दस सैनिकों के लिए डिज़ाइन किया गया था। इस वाहन में 8 फायर पोर्ट हैं, जिससे जवान प्रभावी ढंग से फायर कर सकता है। इसमें ऑटो हथियारों की सुविधा है जो लंबी दूरी तक फायर कर सकती है। वहीं लद्दाख जैसे दुष्कर क्षेत्र में, हम इस वाहन का उपयोग 60-70 किलोमीटर की गति से कर सकते हैं…”
ऐसा धमाकेदार है धनुष होवित्जर
दरअसल इंडियन आर्मी ने हाल ही में भारत में बनी स्वदेशी धनुष होवित्जर को अब अपने आयुधों में शामिल किया है। यह बोफोर्स तोप का एडवांस्ड वर्जन है। आर्टिलरी रेजिमेंट के कैप्टन वी मिश्रा ने कहा कि धनुष होवित्जर 48 किलोमीटर तक लक्ष्य पर हमला कर सकता है और इसे पिछले साल ही पूर्वी लद्दाख सेक्टर में शामिल किया गया है। यह उपकरण 155 मिमी x 45 कैलिबर धनुष मेड इन इंडिया होवित्जर है।
#WATCH | Captain V Mishra, says, “This equipment is a 155 mm x 45 calibre Dhanush Made in India Howitzer. This modern two-system is made by a gun carriage factory in Jabalpur under the Make in-India scheme and it is stationed here since last year. It has the ability to target… pic.twitter.com/5EQA77jDWH
— ANI (@ANI) July 8, 2023
यह आधुनिक दो-प्रणाली मेक इन-इंडिया योजना के तहत जबलपुर के गन कैरिज फैक्ट्री द्वारा बनाई गई है और यह पिछले दिनों से यहां तैनात है। इसमें 48 किलोमीटर के लक्ष्य की सटीकता के साथ समुद्र तल से 4000 मीटर से ऊपर निशाना लगाने की शनदार क्षमता है। इसमें छह प्रकार के गोला-बारूद मौजूद रहते हहैं और पहली आग में तीन राउंड फायर कर सकते हैं।।।यह बोफोर्स की प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण है ।लेकिन भारत ने इसे मेक इन इंडिया योजना के तहत खुद ही बनाया है..
धनुष की ख़ास और शानदार विशेषताएं…
- धनुष तोप के बैरल का वजन 2692 किलो है
- इस तोप की लंबाई 8मीटर है।
- इसकी मारक क्षमता 48 किलोमीटर तक है।
- यह लगातार 2 घंटे तक फायर करने में सक्षम है
- यह शानदार टॉप प्रति मिनट 2 फायर करती है।
- इसमें 46.5 किलो का गोला आराम से प्रयोग किया जा सकता है।
बेहतरीन ऑल टरेन व्हीकल (ATV)
भारतीय सेना ने बड़ी संख्या में ऑल-टरेन वाहनों को भी शामिल किया है। इससे एक बार में 4 से 6 सैनिकों को ले जाया जा सकता है। इन वाहनों का इस्तेमाल सैनिकों का सामान और जरुरी उपकरण ले जाने के लिए किया जाता है। ये ख़ास वाहन अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी काम करने में सक्षम है। 2020 में गलवान में चीनी सैनिकों से झड़प के बाद पहली बार इस वाहन को यहां तैनात किया गया है।
बाज की पैनी नजर वाला रजक सर्विलांस सिस्टम
इसके साथ ही इंडिया आर्मी ने सर्विलांस को मजबूत बनाने के लिए अब नए रजक सिस्टम को शामिल किया है। यह 15 किलोमीटर से अधिक दूरी से सैनिकों और 25 किलोमीटर से अधिक दूरी से वाहनों का पता लगा सकता है। वहीं नए उपकरण सेनाओं को LAC के पार चीन की गतिविधियों पर नजर रखने में यह अब हमारे जवानों की भरपूर मदद कर रहे हैं।