चंडीगढ़ (The News Air) ‘वेस्ट टू एनर्जी’ प्लांट को देखने के बाद गोवा टूर पर गए पार्षदों का मानना है कि अगर ऐसा प्लांट शहर में लगता है तो डड्डूमाजरा से कचरे के पहाड़ को हटाया जा सकता है। कचरे को रिसाइकिल कर उससे बिजली तो बनेगी ही, साथ ही पैसा भी कमाने का मौका मिलेगा। कचरे में मौजूद पानी से लेकर सभी वेस्ट को रिसाईकिल कर इस्तेमाल में लाया जा सकता है। चंडीगढ़ दिनभर ने गोवा में गए पार्षदों से बात कर गोवा स्थित वेस्ट टू एनर्जी प्लांट के बारे में जानकारी ली और उनकी राय जानी। उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट शहर में लगता है तो डड्डूमाजरा से कूड़े के पहाड़ को खत्म करने में सहायता मिलेगी। प्लांट में दिखाया गया कि किस तरह सारे शहर के कचरे को रिसाईकिल कर बिजली में तबदील कर दिया जाता है और कचरे से पानी व अन्य पदाथों को अलग कर दिया जाता है।
कचरे से बनने वाली बिजली से ही प्लांट में लगी मशीनरी व उपकरणों को चलाया जाता है और जो बिजली अतक्ति बच जाती है उसे बेच दिया जाता है। इतना ही नही इस प्लांट के कचरे से जो पानी निकलता है, उसे प्रोसेस कर खेती व पेड़ पौधों में सिंचाई करने से लेकर कपड़े धोने तक के लिए इस्तेमाल किया जाता है। अंत में जो बिलकुल वेस्ट बच जाता है, उसे भी खाद बना 5 रुपए प्रतिकिलो के हिसाब से बेचा जाता है। यानि कि कचरे से निकलने वाला कोई भी पदार्थ व्यर्थ नहीं होता। सब को इस्तेमाल किया जा रहा है।
पार्षदों ने कहा कि वेस्ट टू एनर्जी प्लांट की खासियत यह भी है कि वहां से बिलकुल भी दुर्गंध नही आती। वहां पर साफ सफाई रखी जाती है। वहां सारा काम बेहतर तकनीक से हो रहा है। प्लांट में लगी मशीनरी से शहर के रोजाना निकलने वाले कचरे को चंद घंटों में प्रोसेस कर दिया जाता है। जिस कारण वहां कूड़े के पहाड़ नहीं बनते। अगर यह प्लांट शहर में लगता है तो रोजाना निकलने वाले कचरे को चंद घंटों में प्रोसेस कर दिया जाएगा और इससे बिजली से लेकर खाद तक बनेगी।
कचरे को प्रोसेस करने की तकनीक नायाब : पार्षद दलीप
पार्षद दलीप शर्मा का कहना है कि गोवा के वेस्ट टू एनर्जी प्लांट को देख सभी प्रतिनिधि चकित रह गए। प्लांट में कचरे को प्रोसेस करने की तकनीक नायाब है। कचरे को प्रोसेस करने पर बिलकुल भी बदबू नहीं आती। कचरे से निकलने वाले हर पदार्थ का इस्तेमाल किया जा रहा है। शहर को कूड़े के पहाड़ से निजात दिलाने के लिए ऐसा प्लांट लगना बहुत जरूरी है।