आगरा (The News Air): भाजपा के राज्यसभा सांसद हरिद्वार दुबे नहीं रहे। उन्होंने का 74 वर्ष की आयु में अपनी आखिरी सांस ली। उनका निधन दिल्ली के एक अस्पताल में हुआ। इस बात की जानकारी उनके बेटे प्रांशु दुबे ने दिया।
देर रात बिगड़ी थी तबीयत
राज्यसभा सदस्य हरिद्वार दुबे का तड़के सुबह दिल्ली के फोर्टिंस अस्पताल में हुआ। सांसद का उनके दिल्ली के आवास पर देर रात तबीयत बिगड़ गया था, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। आज दोपहर तक उनका पार्थिक शरीर आगरा लाया जाएगा।
हार्ट में दर्द होने की शिकायत
बेटे प्रांशु दुबे ने बताया कि वो रविवार को बिल्कुल ठीक थे। अचानक हार्ट में दर्द होने की शिकायत पर उन्हें फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां कुछ देर बाद ही सांसें थम गई।
हरिद्वार दुबे का कैसा रहा राजनीतिक करियर
हरिद्वार दुबे 2020 में राज्यसभा सदस्य बने थे। इसके पहले वह छावनी विधानसभी सीट से दो बार पूर्व विधायक और कल्याण सिंह के सरकार में पूर्व राज्यमंत्री रहे थे। इसके अलावा वह सीतापुर, शाहजहांपुर में आरएसएस के जिला प्रचारक भी रहे।
लंबे समय से आगरा की राजनीति में थे सक्रिय
हरिद्वार दुबे मूल रूप से बलिया के निवासी थे। लेकिन, वह लंबे समय से आगरा से राजनीति कर रहे हैं। वह साल 1969 में एबीपी यानी अखिल भारतीय परिषद विद्यार्थी परिषद के संगठन मंत्री बन कर आगरा आए थे। तभी से वह आगरा के राजनीति में सक्रिय हो गए थे।
- साल 1983 में वे महानगर इकाई के मंत्री बने। इसके बाद महानगर अध्यक्ष बने।
- 1989 में छावनी से वे पहली बार उन्होंने चुनाव लड़ा और जीते।
- इसके बाद 1991 में भी जीते।
- उन्हें संस्थागत वित्त राज्यमंत्री बनाया गया।
- 2005 में वह खेरागढ़ विधानसभा से उपचुनाव लड़े, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
- साल 2011 में प्रदेश प्रवक्ता और 2013 में प्रदेश उपाध्यक्ष रहे।
इसके अलावा उनके बेटे सहित परिवार और रिलेशन में कई लोग बीजेपी के विरष्ठ नेता हैं।






