जांच एजेंसी ने दावा किया कि अवैध शराब की बिक्री से दो हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की काली कमाई की गई। अनवर कांग्रेस नेता और रायपुर के महापौर एजाज ढेबर के बड़े भाई हैं। वहीं, 2003 बैच के आईएएस अधिकारी टुटेजा वर्तमान में राज्य के उद्योग एवं वाणिज्य विभाग में संयुक्त सचिव के पद पर तैनात हैं। ईडी ने शनिवार को अनवर ढेबर को गिरफ्तार किया था। विशेष पीएमएलए अदालत ने बाद में उन्हें चार दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया।
प्रवर्तन निदेशालय ने आयकर विभाग की ओर से टुटेजा और अन्य के खिलाफ दिल्ली की एक अदालत में दायर आरोप पत्र के आधार पर धन शोधन रोकथाम अधिनियम (PMAL) के तहत मामले की जांच के लिए पिछले साल एक मामला दर्ज किया था। ईडी ने दावा किया कि छत्तीसगढ़ में एक आपराधिक सिंडिकेट का संचालन किया जा रहा है, जो राज्य के आबकारी विभाग समेत अहम महकमों और सरकारी कंपनियों के उच्च स्तरीय प्रबंधन को नियंत्रित कर रिश्वत ले रह था। जांच एजेंसी ने कहा कि टुटेजा रिश्वत की रकम इकट्ठी करते थे और वह अनवर के साथ इस अवैध सिंडिकेट के ‘सरगना’ हैं।
ईडी ने यह भी दावा किया कि सिंडिकेट रिश्वत की रकम में से अपना हिस्सा निकालकर बाकी राशि राजनीतिक हस्तियों के प्रचार के लिए भेज देता था। ईडी ने आरोप लगाया कि अनवर इस सिंडिकेट के मुख्य संग्रह एजेंट हैं। उसने कहा कि अनवर की ओर से टुटेजा को 14.41 करोड़ रुपये स्थानांतरित किए जाने के डिजिटल साक्ष्य उपलब्ध हैं। एजेंसी के आवेदन में कहा गया है कि सिंडिकेट ने छत्तीसगढ़ में शराब की बिक्री से तीन अलग-अलग तरीके से अवैध धन एकत्र किया। वहीं, अनवर के वकील राहुल त्यागी ने शनिवार को आरोप लगाया कि उनके मुवक्किल के खिलाफ कार्रवाई राजनीति से प्रेरित प्रतीत होती है। (एजेंसी)
The Directorate of Enforcement (ED) arrested Anwar Dhebar yesterday under the provisions of PMLA 2002 in the liquor scam in Chhattisgarh. ED had earlier conducted searches at multiple locations in March and has recorded the statements of various persons involved in the process… pic.twitter.com/sgmV1YBYUN
— ANI (@ANI) May 7, 2023






