पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल (Parkash Singh Badal) का अंतिम संस्कार गुरुवार को राज्य के मुक्तसर जिले में स्थित उनके पैतृक गांव में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया। पांच बार मुख्यमंत्री रहे दिग्गज अकाली नेता को हजारों शोकाकुल नागरिकों और नेताओं ने अंतिम विदाई दी। प्रकाश सिंह बादल को उनके बेटे तथा शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने मुखाग्नि दी। पंजाब पुलिस की एक टुकड़ी ने इस अवसर पर बंदूक से सलामी दी। बादल का 25 अप्रैल को मोहाली के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह सांस लेने में समस्या के बाद 9 दिन तक अस्पताल में भर्ती रहे।
इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने एक लेख के जरिए प्रकाश सिंह बादल के साथ जुड़े अपने अनुभव साझा किए हैं। प्रकाश सिंह बादल को इमरजेंसी के काले दिनों के दौरान लोकतंत्र की बहाली में उनके योगदान के लिए एक महान योद्धा बताया है। उन्होंने कहा कि बादल ने स्वयं कांग्रेस के अहंकार और निरंकुशता का सामना किया और उनकी सरकार भी बर्खास्त कर दी गई थी।
एक हिंदी दैनिक में प्रकाशित लेख में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बादल ने भारत और पंजाब की राजनीति को दिशा दी और उनका योगदान अतुलनीय है। पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें विभिन्न मुद्दों विशेष रूप से कृषि, जल संरक्षण, पशुपालन और डेयरी के बारे बादल के अनुभव का लाभ मिला।
पीएम मोदी ने प्रकाश सिंह बादल को पिता तुल्य बताते हुए लिखा है कि वे दशकों तक मेरा मार्गदर्शन करते रहे। जब उनके निधन की खबर मिली, मन बहुत दुखी हुआ। उन्होंने पूर्व सीएम की तारीफ करते हुए आगे लिखा कि पंजाब और भारत की राजनीति को अद्भुत आकार दिया। पीएम मोदी ने प्रकाश सिंह बादल को बड़े दिलवाला बड़ा नेता बताया और लिखा कि पूरे पंजाब में लोग कहते हैं- ‘बादल साहब की बात अलग थी।’
पीएम मोदी ने आगे कहा कि 2014 में केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार के आने के बाद भी समय-समय पर उनके अनुभव का लाभ मिलता रहा। प्रधानमंत्री ने कहा कि बादल ने ऐतिहासिक GST सहित कई बड़े सुधारों का पुरजोर समर्थन किया। उन्होंने कहा कि बादल ने सिख विरासत को संरक्षित करने के लिए विशेष प्रयास किए।
प्रधानमंत्री ने बादल को बड़ा किसान नेता बताते हुए लिखा कि किसान उनके दिल में रचे-बसे थे। उन्होंने 90 के दशक का किस्सा याद करते हुए लिखा है कि तब प्रकाश सिंह बादल पंजाब के मुख्यमंत्री हुआ करते थे और मैं बीजेपी का एक साधारण कार्यकर्ता लेकिन अपने स्वभाव के अनुरूप कोई खाई नहीं बनने दिए। वे गर्मजोशी के साथ ही संवेदनाओं से भरे एक जीवंत व्यक्तित्व थे। जिसने भी बादल साहब के साथ करीब से बातचीत की, उनके स्वभाव का कायल हो गया।