चंडीगढ़ (The News Air) पंजाब के जिला संगरूर के गांव खनाल खुर्द निवासी पद्मश्री ओलंपियन मुक्केबाज कौर सिंह (74) का बुधवार को निधन हो गया। हरियाणा के जिला कुरूक्षेत्र के अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। पद्मश्री, अर्जुन अवॉर्ड, एशियन गोल्ड मेडलिस्ट कौर सिंह के निधन पर CM पंजाब भगवंत मान ने ट्वीट कर दुख प्रकट किया है।
CM पंजाब भगवंत मान द्वारा किया गया ट्वीट।
कौर सिंह का अंतिम संस्कार आज उनके गांव खनाल खुर्द में किया जाएगा। दरअसल, कौर सिंह डायबिटीज की बीमारी से ग्रस्त थे। बीते 2 दिन पूर्व उन्हें इलाज के लिए पहले पटियाला और बाद में कुरूक्षेत्र के अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
भारतीय फौज में रहे सूबेदार
कौर सिंह साल 1970 में भारतीय फौज में भर्ती हुए। देश सेवा के दौरान उनमें मुक्केबाजी में मुकाम हासिल करने का जज्बा जागा। कौर सिंह की प्रतिभा को देख कर्नल बलजीत सिंह जोहल ने उन्हें पुणे इंस्टीट्यूट में ट्रेनिंग कैंप में शामिल होने को प्रेरित किया। इसके बाद कौर सिंह ने यहां से मुक्केबाजी की ट्रेनिंग लेते हुए दोबारा पीछे मुड़कर नहीं देखा। कड़ी मेहनत व लग्न से उन्होंने नेशनल गेम्स, सिकंदराबाद में पहला गोल्ड मेडल जीता। इसके बाद वह वह इंडियन कप के लिए चुने गए।
9वीं एशियन चैम्पियनशिप के पहले गोल्ड मेडलिस्ट
सूबेदार कोर सिंह ने कौमनवैल्थ खेलों और किंग कप में गोल्ड मेडल हासिल किए। वह मुंबई में 9वीं एशियन चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने वाले पहले इकलौते मुक्केबाज बने। यहां तक कि उन्होंने विश्व के नंबर-1 बॉक्सर मोहम्मद अली से भी दो-दो हाथ किए।
कौर सिंह ने ऐसे किया नाम रोशन
बॉक्सर कौर सिंह को साल 1982 में अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। फिर साल 1983 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया। साल 1984 में अमेरिका के लॉस एंजेलिस के ओलिंपिक खेलों में हिस्सा लिया लेकिन वहां हुई एक घटना की हताशा में उन्होंने मुक्केबाजी से संन्यास ले लिया।
9वीं-10वीं के सिलेबस में कौर सिंह की जीवनी शामिल
पंजाब की मान सरकार ने कुछ ही दिन पहले बॉक्सर कौर सिंह की जीवनी को 9वीं और 10वीं के सिलेबस में शामिल किया है। नौजवानों की प्रेरणा के लिए कौर सिंह समेत उड्डन सिख के नाम से विख्यात मिल्खा सिंह और अन्य खिलाड़ियों की जीवनी को भी पाठ्य पुस्तकों में शामिल किया गया है।