यह एस्टरॉयड 27 हजार 849 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज स्पीड से पृथ्वी की ओर आ रहा है। यह एस्टरॉयड्स के अमोर ग्रुप से संबंधित है। हालांकि इस एस्टराॅयड के पृथ्वी से टकराने की संभावना नहीं है, लेकिन वैज्ञानिक इस चट्टानी आफत को तब तक मॉनिटर करेंगे, जबतक यह पृथ्वी से बहुत दूर नहीं चला जाता। क्योंकि एस्टरॉयड की दिशा में कभी भी बदलाव हो सकता है, इसलिए वैज्ञानिकों को इन्हें मॉनिटर करने की जरूरत होती है।
नासा के अनुसार, एस्टरॉयड्स को लघु ग्रह भी कहा जाता है। जैसे हमारे सौर मंडल के सभी ग्रह सूर्य का चक्कर लगाते हैं, उसी तरह एस्टरॉयड भी सूर्य की परिक्रमा करते हैं। लगभग 4.6 अरब साल पहले हमारे सौर मंडल के शुरुआती गठन से बचे हुए चट्टानी अवशेष हैं एस्टरॉयड। वैज्ञानिक अभी तक 11 लाख 13 हजार 527 एस्टरॉयड का पता लगा चुके हैं।
जब किसी एस्टरॉयड की खोज होती है, तो उसका नामकरण इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन कमिटी करती है। नाम कुछ भी हो सकता है, लेकिन साथ में एक नंबर भी उसमें जोड़ा जाता है जैसे- (99942) एपोफिस। कलाकारों, वैज्ञानिकों, ऐतिहासिक पात्रों के नाम पर भी एस्टरॉयड का नाम रखा जाता है।