Nestle India के इनवेस्टर्स के लिए अच्छी खबर है। कंपनी ने प्रति शेयर 27 रुपये अंतरिम डिविडेंड का ऐलान किया है। यह साल 2023 के लिए होगा। कंपनी के एक शेयर की फेस वैल्यू 10 रुपये है। हालांकि, इस ऐलान का अच्छा असर नेस्ले के शेयरों पर देखने को नहीं मिला। 12 अप्रैल को कंपनी के शेयर का प्राइस 12 बजे 0.94 फीसदी की कमजोरी के साथ 19,489 रुपये पर चल रहा था। नेस्ले एक एफएमसीजी कंपनी है। इस विदेशी कंपनी की इंडियन मार्केट में अच्छी पैठ है। इसके मैगी ब्रांड की सेल्स बहुत अच्छी है।
8 मई से डिविडेंड का पेमेंट होगा
नेस्ले ने स्टॉक एक्सचेंजों को बताया है, “साल 2023 के लिए अंतरिम डिविडेंड का पेमेंट 8 मई को या इस तारीख से होगा। इसके साथ ही साल 2022 के लिए फाइनल डिविडेंड का भी पेमेंट होगा। हालांकि, कंपनी की सालाना आम बैठक में मंजूरी मिलने के बाद ही ऐसा होगा। कंपनी का सालाना आम बैठक 12 अप्रैल को होने वाली है।”
कंपनी का डिविडेंड पेमेंट का रिकॉर्ड अच्छा
Nestle India ने डिविडेंड पेमेंट के लिए 21 अप्रैल को रिकॉर्ड तारीख तय की है। नेस्ले का डिविडेंड देने का रिकॉर्ड बहुत अच्छा है। कंपनी 2021 से अब तक 66 बार डिविडेंड दे चुकी है। पिछले 12 महीनों में कंपनी प्रति शेयर 210 रुपये डिविडेंड का ऐलान कर चुकी है। शेयर के 19,525 रुपये की मौजूदा कीमत पर डिविडेंड यील्ड करीब 1.08 फीसदी है।
एक साल में अच्छा प्रदर्शन
नेस्ले इंडिया के शेयरों का प्रदर्शन पिछले एक साल में बाजार के प्रदर्शन के मुताबिक रहा है। इस दौरान इसने 5.9 फीसदी रिटर्न दिया है, जबकि बाजार के प्रमुख सूचकांकों का रिटर्न इस दौरान 5.4 फीसदी रहा है। अभी नेस्ले के शेयर 21,050 रुपये के अपने 52 हफ्ते के टॉप से नीचे हैं। इस शेयर ने पिछले साल 22 अक्टूबर को यह लेवल टच किया था। हालांकि, इस शेयर में पिछले 12 महीनों में कम उतार-चढ़ाव देखने को मिला है।
कंपनी के शेयरों के अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद
कंपनी 25 अप्रैल को चौथी तिमाही के अपने नतीजों का ऐलान करेगी। ब्रोकरेज फर्मों का मानना है कि आने वाले समय में नेस्ले के शेयरों का प्रदर्शन अच्छा रहेगा। एक्सिस सिक्योरिटीज ने नेस्ले के शेयरों को खरीदने की सलाह दी है। उसने इसके शेयरों के लिए 21,700 रुपये का टारगेट प्राइस तय किया है। इस कंपनी में प्रमोटर की 62.76 फीसदी हिस्सेदारी है। विदेशी संस्थागत निवेशकों की हिस्सेदारी 12 फीसदी से थोड़ा ज्यादा है। घरेलू संस्थागत निवेशकों की हिस्सेदारी करीब 9 फीसदी है। ये डेटा 31 दिसंबर, 2022 के हैं।