नूंह (हरियाणा). हरियाणा (Haryana) में गौरक्षकों द्वारा दो लोगों को कथित रूप से अगवा करने और उनकी हत्या किए जाने के मामले में आरोपियों में से एक के परिवार ने आरोप लगाया है कि राजस्थान पुलिस के कर्मियों की पिटाई के कारण उसकी पत्नी के गर्भ में पल रहे शिशु की मौत हुई ।
मृत पैदा हुए शिशु की मौत के सही कारण का पता लगाने के लिए उसके शव का सोमवार को पोस्टमॉर्टम किया जाएगा। राजस्थान पुलिस की प्राथमिकी में आरोपी बनाए गए व्यक्ति की मां दुलारी देवी ने आरोप लगाया कि पिटाई के कारण उसकी बहू के गर्भ में पल रहे शिशु की मौत हो गई। हालांकि, राजस्थान पुलिस ने महिला के आरोपों से इनकार किया है।
दुलारी देवी का बेटा श्रीकांत पंडित गौरक्षकों द्वारा दो लोगों का कथित तौर पर अपहरण और हत्या किए जाने के मामले में एक आरोपी है। पंडित बजरंग दल के स्थानीय नेता मोनू मानेसर के नेतृत्व में एक गौरक्षा समूह का सदस्य है। पंडित की मां ने अपनी शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि पुलिस उसके दो अन्य बेटों को भी जबरन अपने साथ ले गई। शिशु के शव को पुलिस और परिवार के सदस्यों की मौजूदगी में रविवार को खोद कर बाहर निकाला गया।
नूंह के पुलिस अधीक्षक वरुण सिंगला ने ‘पीटीआई-भाषा’ रविवार को बताया था, ‘‘हमने आज नवजात शिशु के शव को बाहर निकाला और उसे शवगृह में रखा है। सोमवार को डॉक्टरों की टीम उसका पोस्टमॉर्टम करेगी।” इससे पहले राजस्थान में भरतपुर के पुलिस अधीक्षक श्याम सिंह ने दावा किया था कि राजस्थान और हरियाणा पुलिस के कर्मी पंडित के घर तो गए थे लेकिन वे घर के अंदर नहीं घुसे थे। उन्होंने इससे पहले कहा था, ‘‘आरोपी वहां मौजूद नहीं था। उसके दो भाई घर से बाहर आए और पूछताछ के बाद उन्हें जाने दिया गया।
महिला द्वारा लगाए गए आरोप गलत हैं। उनके परिवार का सदस्य आरोपी है इसलिए वे आरोप लगा रहे हैं।” पंडित उन पांच लोगों में शामिल है जिन पर दो लोगों के अपहरण और उनकी हत्या करने का आरोप है। इन दोनों लोगों के जले हुए शव बृहस्पतिवार को हरियाणा के भिवानी में लोहारु में मिले थे। दोनों लोगों- जुनैद और नासिर को कथित रूप से राजस्थान के भरतपुर से अगवा किया गया था।