यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस किसी भी विपक्षी गठबंधन का केंद्र बिंदु होगी तो उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा के अलावा कांग्रेस ही एकमात्र पार्टी है जिसकी राष्ट्रीय स्तर पर उपस्थिति है और देश के कुछ हिस्सों में हमारी उपस्थिति भाजपा से ज्यादा मजबूत है, जैसे मेरे राज्य केरल और तमिलनाडु में।”
पूर्व केंद्रीय मंत्री का कहना है कि कांग्रेस की राष्ट्रीय स्तर पर मौजूदगी है, ऐतिहासिक विरासत है तथा ऐसे में वह किसी भी विपक्षी मोर्चे या विपक्षी सरकार के किसी भी समीकरण में निश्चित तौर पर शामिल रहेगी। थरूर ने कहा, ‘‘पिछले दो चुनावों में भाजपा को 31 और 37 प्रतिशत वोट मिले, ऐसे में यह सबक है कि बिखरा हुआ विपक्ष भाजपा के लिए मददगार हो सकता है।”
विपक्षी एकजुटता की जरूरत पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि यह चुनाव पूर्व गठबंधन या सीटों का अकलमंदी से चयन के जरिये हो सकता है ताकि भाजपा के खिलाफ एक मजबूत उम्मीदवार हो और आखिरी समझौता चुनाव के बाद हो। उनका कहना है कि अगर हर संसदीय क्षेत्र में भाजपा के खिलाफ विपक्ष ने एक उम्मीदवार दिया तो सत्तारूढ़ पार्टी के लिए बहुत मुश्किल समय होगा।
उन्होंने बिहार में जनता दल (यूनाइटेड) के भाजपा का साथ छोड़ने का हवाला देते हुए कहा कि देश में कई चीजें बदली हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह रोमांचक चुनाव होगा। मैं उन लोगों से सहमत नहीं हूं जिन्होंने 2024 में विपक्ष की संभावनाओं को अभी से खारिज कर दिया है।”