कल बरनाला जेल से बाहर आएंगे सिमरजीत बैंस

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कल बरनाला जेल से बाहर आएंगे सिमरजीत बैंस: पोस्ट डाल

लुधियाना (The News Air) पंजाब के लुधियाना में लोक इंसाफ पार्टी के प्रधान व पूर्व विधायक सिमरजीत सिंह बैंस को रेप के मामले सहित अन्य 16 मुकदमों में जमानत मिल गई है। सोशल मीडिया पर पोस्ट डाल उनके समर्थकों ने दावा किया है कि कल 10 फरवरी को सुबह 12 बजे बैंस बरनाला जेल से बाहर आ जाएंगे। बैंस के स्वागत के लिए उन्होंने समर्थकों से अनुरोध किया कि वह स्वागती काफिले में जरूर पहुंचे।

बैंस ने पहले सेशन कोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी, जहां उसे रद्द कर दिया गया था। जिसके बाद पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई। यहां से बैंस को राहत मिली। बैंस को लुधियाना जेल में खतरा होने के चलते उन्हें बरनाला जेल में भेज दिया गया था।

बैंस सहित 6 लोगों को बनाया था भगोड़ा

ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट हरसिमरनजीत कौर की अदालत ने पूर्व विधायक सिमरजीत सिंह बैंस सहित 6 अन्य लोगों को रेप के मामले की सुनवाई में न पहुंचने पर भगोड़ा करार दिया था। साथ ही इनके खिलाफ अदालत में पेश न होने पर थाना डिवीजन 6 की पुलिस ने मामला दर्ज किया। 11 जुलाई को बैंस ने अपने 4 साथियों के साथ कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। वहीं 2 आरोपी पुलिस ने पहले दबोच लिए थे।

पार्टी द्वारा डाली गई पोस्ट।

पार्टी द्वारा डाली गई पोस्ट।

2021 में हुआ था केस दर्ज
गौरतलब है कि 10 जुलाई 2021 को थाना डिवीजन नंबर 6 में महिला ने रेप का आरोप लगाते हुए पूर्व विधायक बैंस और उनके साथियों के खिलाफ मामला कराया था। जिसके बाद बैंस पर धारा 376, 354, 354-ए, 506 और 120/बी के तहत मामला दर्ज हुआ था।

सिमरजीत सिंह बैंस का सियासी सफर

सिमरनजीत सिंह मान के साथ राजनीतिक करियर शुरू करने वाले सिमरजीत सिंह बैंस, सुखबीर सिंह बादल की अगुवाई में अकाली दल में शामिल हो गए थे। शिअद में उनके ऊपर कई आरोप लगते रहे। बैंस के खिलाफ तहसीलदार को कार्यालय में घुसकर मारपीट करने का भी मामला दर्ज हुआ था।

अकाली दल द्वारा चुनाव टिकट नहीं दिए जाने से नाराज होकर उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी। बाद में सिरमजीत सिंह बैंस और उनके भाई बलविंदर सिंह बैंस आजाद चुनाव लड़े और जीते भी गए थे। बैंस ने पिछले चुनाव में लोक इंसाफ पार्टी बनाई और AAP से गठजोड़ भी किया, लेकिन वह सिर्फ अपनी 2 सीटें ही बचा पाए थे। इस बार अकेले चुनाव लड़े, लेकिन झाड़ू की लहर के आगे टिक नहीं पाए और सभी सीटें हार गए।

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