चंडीगढ़ (The News Air) चंडीगढ़ में सरकारी सहायता प्राप्त प्राइवेट कॉलेजों के टीचिंग और नॉन-टीचिंग स्टाफ की जॉइंट एक्शन कमेटी का प्रदर्शन बीते 1 फरवरी से लगातार जारी है। मंगलवार को प्रदर्शनकारियों ने सेक्टर-36 के देव समाज कॉलेज ऑफ एजुकेशन के बाहर से किसान भवन तक रोष मार्च निकाला। इस दौरान प्रशासन और सरकार मुर्दाबाद के नारे लगाए गए। कल 8 फरवरी को भी यह मार्च निकाला जाएगा।
DAV कॉलेज, सेक्टर 10 से शुरू हुआ यह प्रदर्शन शहर के कई प्राइवेट कॉलेजों के बाहर निकाला जा चुका है। आज बड़ी संख्या में टीचिंग और नॉन-टीचिंग स्टाफ इस प्रदर्शन में शामिल हुआ।
सेक्टर-36 के देव समाज कॉलेज ऑफ एजुकेशन से लेकर किसान भवन तक एसोसिएशन ने रोष मार्च निकाला।
उग्र प्रदर्शन की तैयारी में टीचर
DAV कॉलेज टीचर्स यूनियन के प्रेसिडेंट सुमित गोखलानी ने कहा कि उनका यह प्रदर्शन 8 फरवरी तक जारी रहेगा। वहीं, अगर उनकी मांगे न मानी गईं तो शहर में उग्र प्रदर्शन होगा। कहा गया कि मार्च, 2022 में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की घोषणा के बावजूद सेंट्रल सर्विस रुल्स उन पर लागू नहीं किए।
यह मांग है टीचर एसोसिएशन की
यूनियन का कहना है कि प्रशासन ने टीचर्स के लिए सेंट्रल सर्विस रुल्स लागू नहीं किए और नॉन-टीचिंग स्टाफ का छठा पे कमीशन भी लागू नहीं किया। चंडीगढ़ से जुड़े सभी सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेजों ने सेक्टर 10 स्थित DAV कॉलेज परिसर से यह प्रदर्शन शुरू किया था।
सर्विस बेनिफिट्स मिलने चाहिए
यूनियन का कहना है कि टीचर्स सहायता प्राप्त कॉलेजों में टीचर्स की सर्विस कंडीशन की स्थिति स्पष्ट नहीं है। वहीं, टीचर्स उन्हें सेंट्रल सर्विस रुल्स के तहत प्राप्त होने वाले लाभ के प्रति भी अनजान हैं। इनमें चाइल्ड केयर लीव, प्रोबेशन पीरियड, पास्ट सर्विस बेनिफिट्स आदि शामिल हैं।
नोटिफिकेशन के बावजूद हक नहीं मिला
नॉन-टीचिंग यूनियन, चंडीगढ़ के सेक्रेटरी दिवांकर तिवारी ने कहा कि वर्ष 2011 की MHA नोटिफिकेशन के तहत गवर्नमेंट और सहायता प्राप्त कॉलेजों के नॉन-टीचिंग स्टाफ में काफी समानता है। इसके बावजूद नॉन-टीचिंग स्टाफ 6वें पे कमीशन के लाभ का इंतजार कर रहा है।
नाकाम रहा प्रशासन
टीचिंग और नॉन-टीचिंग स्टाफ का कहना है कि चंडीगढ़ प्रशासन उनकी मांगों को पूरा करने में नाकाम रहा है। ऐसे में वह प्रदर्शन कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, यूनियन की प्रशासन के साथ मीटिंग भी बेनतीजा रही है। इससे पहले जॉइंट एक्शन कमेटी (JAC) द्वारा पूर्ण एजुकेशन बंद की मांग की थी।