Digital Governance Model: पंजाब का प्रशासन वर्ष 2025 के दौरान बड़े डिजिटल परिवर्तन का गवाह बना है, जिसके तहत अब नागरिक-केंद्रित सेवाएं लोगों को सीधे उनकी दहलीज़ पर ही प्रदान की जा रही हैं और सरकारी दफ्तरों में लंबी कतारें लगना तथा लोगों की परेशानी अब बीते समय की बात हो गई है। सेवाओं की डिलीवरी में पारदर्शिता, पहुंचयोग्यता, कुशलता और ईमानदारी ने प्रदेश के प्रशासन को एक नया रूप देने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिससे नागरिकों के लिए प्रशासनिक सेवाएं लेना अब अधिक सुचारू और सुगम हो गया है।
पंजाब के सुशासन प्रशासन एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अमन अरोड़ा ने प्रदेश के प्रशासन में लागू किए गए बुनियादी सुधारों पर जोर देते हुए बताया कि पटवारियों को ई-सेवा पोर्टल पर ऑन-बोर्ड करने के बाद 12.46 लाख से अधिक आवेदनों का ऑनलाइन निपटारा किया गया है। इसके अलावा ‘भगवंत मान सरकार, तुहाड़े द्वार’ स्कीम के तहत 1,85,000 से अधिक नागरिकों को उनकी दहलीज़ पर सेवाएं प्रदान की गई हैं। ये आंकड़े ‘सिफारिश और देरी’ की रिवायत से डिजिटल मान-सम्मान वाली प्रणाली में परिवर्तन को दर्शाते हैं।
श्री अमन अरोड़ा ने कहा कि जमीनी स्तर से लोगों द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों को सशक्त बनाते हुए देश में अपनी तरह की अनोखी पहल के तहत पंजाब ने अपने सरपंचों, नंबरदारों और नगर काउंसलरों (एमसीज़) को विभिन्न प्रमाण-पत्रों के लिए आवेदनों की ऑनलाइन तसदीक करने का अधिकार दिया है। इस कदम ने लाल फीताशाही को समाप्त करते हुए नागरिकों को विभिन्न प्रमाण-पत्रों के लिए आवश्यक दस्तावेजों की तसदीक के लिए बार-बार चक्कर लगाने से होने वाली परेशानी से निजात दिलाई है। उन्होंने कहा कि इन जन-हितैषी कदमों का उद्देश्य आम नागरिकों के सम्मान को बहाल करना है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार पुरानी प्रणाली से नई डिजिटल प्रणाली में प्रवेश कर रही है, जिसमें सरकार लोगों तक पहुंचकर उनके काम करती है, जिससे अब नागरिकों को अपना काम करवाने के लिए कतारों में लगकर लंबा समय इंतजार करने की जरूरत नहीं।
ग्रामीण प्रशासन में भी कई क्रांतिकारी सुधार किए गए हैं, जिसके तहत प्रदेश सरकार ने सभी पटवारियों को केंद्रीकृत सेवा पोर्टल पर ऑन-बोर्ड किया है। इस पोर्टल पर अब तक 12.46 लाख से अधिक आवेदनों की ऑनलाइन प्रक्रिया से न केवल किसानों और नागरिकों के कीमती समय की बचत हुई है बल्कि यह पारदर्शिता में महत्वपूर्ण वृद्धि के साथ-साथ संभावित भ्रष्टाचार पर रोक लगाने वाला महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है।
श्री अमन अरोड़ा ने कहा कि ‘भगवंत मान सरकार, तुहाड़े द्वार’ फ्लैगशिप स्कीम ने सरकारी सेवाओं को नागरिकों के द्वार तक पहुंचाया है। अब नागरिक केवल हेल्पलाइन नंबर 1076 पर कॉल करके अपने घर बैठे 437 नागरिक-केंद्रित सेवाएं प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना के तहत अब तक 1.85 लाख से अधिक सेवाएं सफलतापूर्वक प्रदान की गई हैं, जो प्रदेश सरकार की लोक-कल्याणकारी पहलों में लोगों के दृढ़ विश्वास को दर्शाता है।
नौकरशाही स्तर पर होने वाली देरी को रोकने के लिए अब पंजाब में डिजिटल हस्ताक्षर वाले क्यू.आर.-कोडेड प्रमाण-पत्र जारी करके सीधे आवेदक को उसके मोबाइल फोन पर ही भेज दिए जाते हैं। इनका किसी भी समय किसी भी स्थान से प्रिंट लिया जा सकता है, जिससे इनमें कोई हेरा-फेरी नहीं हो सकती और पूरी प्रक्रिया अधिक सुगम एवं सुविधाजनक बन गई है।
सुशासन प्रशासन एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (डी.जी.जी.आई.टी.) ने सभी विभागीय सेवाओं को वास्तविक समय में ट्रैक करने के लिए एक डैशबोर्ड लागू किया है। इस डिजिटल निगरानी उपकरण ने एक वर्ष में राज्य की सर्विस पेंडेंसी को 0.33 प्रतिशत तक घटाने में मदद की है। इस बड़ी डिजिटल उपलब्धि के कारण प्रदेश को राजस्थान में टेक्नोलॉजी सभा कॉन्फ्रेंस में पहला इनाम मिला।
श्री अमन अरोड़ा ने कहा कि विभाग ने 13 प्रमुख सेवाओं (आय, निवास और जाति प्रमाण-पत्र जैसी आवश्यक सेवाओं सहित) के लिए कागजी फॉर्म भरने की जटिल प्रक्रिया को समाप्त कर दिया है। इन सरकारी सेवाओं का लाभ उठाने के लिए नागरिकों को अब कागजी फॉर्म जमा करवाने की जरूरत नहीं।
‘आप दी सरकार, आप दे द्वार’ योजना के तहत प्रदेश सरकार जमीनी स्तर पर लोगों को सेवाएं प्रदान कर रही है। इसके तहत वर्ष दौरान प्रदेश भर में 11,151 कैंप लगाए गए, जिनमें 52,380 शिकायतों का निपटारा सफलतापूर्वक किया गया। इसके साथ ही गांवों एवं कस्बों में 5.10 लाख से अधिक सेवाएं प्रदान की गईं। इन कैंपों के माध्यम से नागरिकों की प्रौद्योगिकी तक पहुंच को भी सुनिश्चित किया गया।
श्री अमन अरोड़ा ने कहा कि यह तो सिर्फ शुरुआत है। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य 100 प्रतिशत सुचारू, कागजरहित एवं बिना संपर्क वाली सेवा प्रणाली लागू करना है। उन्होंने कहा कि नागरिकों का समय, संतुष्टि एवं विश्वास हमारी प्रमुख प्राथमिकता हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 के दौरान पंजाब के प्रशासनिक विभाग में की गई पहलों को एक ऐतिहासिक क्रांति के रूप में याद किया जाएगा जब शासन सत्ता का दिखावा वाला न रहकर नागरिकों को विश्वसनीय ढंग से सेवाएं प्रदान कर रहा है और सरकार अब लोगों से दूर रहने की पुरानी परंपरा के विपरीत उनके तक पहुंचकर सेवाएं प्रदान कर रही है।








