Weather Update North India – साल 2025 का आगाज कड़ाके की ठंड और घने कोहरे के साथ होने वाला है। नए साल के जश्न की तैयारियों में जुटे लोगों के लिए मौसम विभाग (IMD) ने एक बड़ी चेतावनी जारी की है। उत्तर भारत में ठंड ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है और आने वाले कुछ दिन राहत की बजाय आफत लेकर आ सकते हैं। कई राज्यों में घना कोहरा (Dense Fog), ‘कोल्ड डे’ (Cold Day) और शीतलहर (Cold Wave) जैसी स्थितियां बनी रहेंगी, जिससे न केवल आम जनजीवन अस्त-व्यस्त होगा, बल्कि सड़क और रेल यातायात पर भी बुरा असर पड़ने की आशंका है।
इन राज्यों में 1 जनवरी तक ‘रेड अलर्ट’ जैसा कोहरा
मौसम विभाग के अनुसार, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और उत्तर प्रदेश में 1 जनवरी तक रात और सुबह के समय घने से बहुत घना कोहरा छाए रहने की प्रबल संभावना है। विजिबिलिटी (दृश्यता) इतनी कम हो सकती है कि हाथ को हाथ न दिखे। ऐसे में अगर आप नए साल पर कहीं घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो सड़क और रेलवे ट्रैक पर बेहद सावधानी बरतने की जरूरत है।
शीतलहर और बारिश का डबल अटैक
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कोल्ड डे: 29 दिसंबर को उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और बिहार के कुछ हिस्सों में ‘कोल्ड डे’ जैसी स्थिति बनी रहेगी, यानी दिन में भी धूप के दर्शन मुश्किल होंगे।
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शीतलहर: पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश के कुछ इलाकों में बर्फीली हवाएं चल सकती हैं, जिससे तापमान सामान्य से काफी नीचे गिर जाएगा।
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बर्फबारी: 30 दिसंबर से एक नया पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) हिमालयी क्षेत्रों में दस्तक देगा। इसके असर से जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बारिश और बर्फबारी हो सकती है। यह पर्यटकों के लिए खुशखबरी हो सकती है, लेकिन इससे मैदानी इलाकों में ठिठुरन और बढ़ जाएगी।
दिल्ली-एनसीआर: नए साल की शाम कैसा रहेगा मौसम?
राजधानी दिल्ली और एनसीआर में 30 दिसंबर तक मौसम शुष्क रहेगा, लेकिन सुबह के समय कोहरा लोगों को परेशान करेगा। 31 दिसंबर की शाम, जब आप नए साल का जश्न मना रहे होंगे, तो आसमान में आंशिक रूप से बादल छाए रह सकते हैं। अधिकतम तापमान 23 से 25 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 7 से 9 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है, यानी रात सर्द रहेगी।
विश्लेषण: जलवायु परिवर्तन का असर या सामान्य सर्दी? (Expert Analysis)
दिसंबर के अंत में उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ना सामान्य है, लेकिन जिस तरह से मौसम के पैटर्न में अचानक बदलाव आ रहे हैं—कभी तेज धूप तो कभी अचानक घना कोहरा—यह जलवायु परिवर्तन (Climate Change) के संकेतों की ओर भी इशारा करता है। पश्चिमी विक्षोभ का समय और तीव्रता भी अब पहले जैसी नहीं रही। यह बदलाव न केवल हमारी सेहत पर असर डाल रहा है, बल्कि कृषि और यातायात व्यवस्था के लिए भी नई चुनौतियां खड़ी कर रहा है। प्रशासन को अब ‘फॉग मैनेजमेंट’ (Fog Management) के लिए और अधिक आधुनिक तकनीकों का सहारा लेना होगा।
आम आदमी पर असर (Human Impact)
घने कोहरे और शीतलहर का सबसे ज्यादा असर उन लोगों पर पड़ेगा जो रोजमर्रा के काम के लिए सुबह जल्दी घर से निकलते हैं। स्कूल जाने वाले बच्चों और सड़क किनारे रहने वाले बेघरों के लिए यह समय बेहद कठिन होगा। ड्राइवरों को जीरो विजिबिलिटी में गाड़ी चलानी पड़ सकती है, जिससे हादसों का खतरा बढ़ जाता है। किसानों की फसलों को भी पाले से नुकसान हो सकता है।
जानें पूरा मामला (Background)
उत्तर भारत में हर साल दिसंबर और जनवरी के महीने में कड़ाके की ठंड पड़ती है। लेकिन इस बार पश्चिमी विक्षोभ और मैदानी इलाकों में नमी के कारण कोहरे का प्रकोप ज्यादा देखने को मिल रहा है। राजस्थान के सीकर, झुंझुनू और चूरू में तो तापमान पहले ही 4 डिग्री से नीचे चल रहा है।
मुख्य बातें (Key Points)
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IMD ने 1 जनवरी तक उत्तर भारत में घने कोहरे और शीतलहर की चेतावनी जारी की है।
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30 दिसंबर से पहाड़ों पर Snowfall और बारिश की संभावना है।
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Delhi NCR में 31 दिसंबर की शाम बादल छाए रह सकते हैं, रात ठंडी रहेगी।
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यूपी, बिहार और उत्तराखंड में Cold Day की स्थिति बनी रहेगी।
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खराब विजिबिलिटी के कारण सड़क और रेल यातायात प्रभावित हो सकता है।






