PM Kisan Samman Nidhi 22nd Installment Update – देश के करोड़ों अन्नदाताओं के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Yojana) किसी वरदान से कम नहीं है। हर साल सरकार की तरफ से मिलने वाली आर्थिक मदद खेती-किसानी के छोटे-मोटे खर्चों को पूरा करने में बड़ा सहारा बनती है। अब देशभर के किसान बेसब्री से योजना की 22वीं किस्त (22nd Installment) का इंतजार कर रहे हैं, जिसके नए साल की शुरुआत में ही खातों में आने की उम्मीद है। लेकिन इस खुशखबरी के बीच एक बड़ा अपडेट भी सामने आया है, जिसे नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है।
‘फार्मर आईडी’ बनी नई शर्त, वरना नहीं मिलेगा लाभ
सरकार ने पीएम किसान योजना में पारदर्शिता लाने और बिचौलियों को खत्म करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। अब हर किसान की एक डिजिटल पहचान यानी ‘फार्मर आईडी’ (Farmer ID) बनाई जाएगी। यह आईडी भविष्य में सिर्फ पीएम किसान ही नहीं, बल्कि अन्य कई सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए अनिवार्य होगी। नेशनल ई-गवर्नेंस प्लान इन एग्रीकल्चर (NeGPA) के तहत ‘फार्मर रजिस्ट्री’ (Farmer Registry) तैयार की जा रही है।
क्या है ‘फार्मर रजिस्ट्री’ और इसके फायदे?
दरभंगा में आयोजित एक प्रशिक्षण कार्यक्रम में अधिकारियों ने बताया कि फार्मर आईडी बनने के बाद किसानों को बार-बार कागजी कार्यवाही के झंझट से मुक्ति मिल जाएगी। एक ही डिजिटल पहचान से पीएम किसान सम्मान निधि, फसल बीमा, बीज अनुदान और अन्य कृषि योजनाओं का सीधा लाभ मिलेगा। इस आईडी में किसान की जमीन का ब्योरा, आधार नंबर, मोबाइल नंबर और अन्य जरूरी जानकारियां दर्ज होंगी। इससे आपदा या फसल नुकसान की स्थिति में मुआवजा मिलने की प्रक्रिया भी बेहद आसान और तेज हो जाएगी।
विश्लेषण: डिजिटल इंडिया की ओर बढ़ता एक और कदम (Expert Analysis)
‘फार्मर आईडी’ बनाने का फैसला सरकार की दूरदर्शी सोच को दर्शाता है। यह केवल एक पहचान पत्र नहीं है, बल्कि यह कृषि क्षेत्र में डिजिटल क्रांति की शुरुआत है। इससे न केवल योजनाओं में होने वाले फर्जीवाड़े पर लगाम लगेगी, बल्कि सरकार के पास किसानों का एक सटीक और अपडेटेड डेटाबेस भी तैयार होगा। यह डेटाबेस भविष्य में किसानों के लिए बेहतर नीतियां बनाने में मददगार साबित होगा। हालांकि, चुनौती यह है कि ग्रामीण इलाकों में डिजिटल साक्षरता की कमी के बीच इस प्रक्रिया को सुचारू रूप से कैसे लागू किया जाए। सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी पात्र किसान जानकारी के अभाव में इस आईडी से वंचित न रह जाए।
आम किसान पर असर (Human Impact)
कई किसानों को पिछली किस्तें इसलिए नहीं मिल पाईं क्योंकि उनके दस्तावेज पूरे नहीं थे या ई-केवाईसी (e-KYC) पेंडिंग थी। अब ‘फार्मर आईडी’ के रूप में एक और नया नियम जुड़ गया है। इसका सीधा मतलब है कि अगर आप बिना किसी रुकावट के अगली किस्त चाहते हैं, तो आपको तुरंत अपनी डिजिटल आईडी बनवानी होगी। यह एक बार की मेहनत है, लेकिन इसके फायदे लंबे समय तक मिलेंगे।
जानें पूरा मामला (Background)
पीएम किसान योजना के तहत सरकार हर साल किसानों को 6000 रुपये की आर्थिक सहायता तीन समान किस्तों में देती है। अब तक 21 किस्तें जारी की जा चुकी हैं। 22वीं किस्त से पहले सरकार ने ‘फार्मर रजिस्ट्री’ पर जोर देना शुरू कर दिया है। उदाहरण के लिए, दरभंगा जिले में करीब 2,26,000 लाभार्थी किसान हैं, जिनमें से अब तक केवल 67,800 से ज्यादा की ही डिजिटल आईडी बन पाई है। बाकी किसानों का पंजीकरण युद्धस्तर पर किया जा रहा है।
मुख्य बातें (Key Points)
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PM Kisan Yojana की 22वीं किस्त नए साल में जारी होने की संभावना है।
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अब हर लाभार्थी किसान के लिए Farmer ID (डिजिटल पहचान) बनाना अनिवार्य होगा।
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‘फार्मर रजिस्ट्री’ के तहत किसानों का सटीक Digital Database तैयार किया जा रहा है।
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फार्मर आईडी से फसल बीमा, बीज अनुदान जैसी अन्य Government Schemes का लाभ लेना भी आसान होगा।
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बिना डिजिटल आईडी के भविष्य में सरकारी योजनाओं का लाभ मिलने में मुश्किल आ सकती है।






