Punjab Cabinet Decisions News – पंजाब की भगवंत मान सरकार ने राज्य की जनता को नए साल से पहले एक और बड़ा तोहफा दिया है। सोमवार को मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान (CM Bhagwant Singh Mann) की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की अहम बैठक में प्रशासनिक ढांचे को मजबूत करने और आम आदमी की सुविधा के लिए कई ऐतिहासिक फैसले लिए गए। कैबिनेट ने एसएएस नगर (मोहाली) जिले के बनूर (Banur) को उप-तहसील से अपग्रेड करके सब-डिवीजन/तहसील बनाने की मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही होशियारपुर जिले में हरियाणा (Hariana) को नई उप-तहसील बनाने का भी फैसला लिया गया है।
प्रशासनिक कार्यों में आएगी तेजी
सरकार के इस फैसले का सबसे बड़ा फायदा बनूर और हरियाणा क्षेत्र के निवासियों को होगा। अब उन्हें अपने छोटे-मोटे प्रशासनिक कार्यों, जैसे प्रमाण पत्र बनवाना, जमीन की रजिस्ट्री या राजस्व संबंधी कामों के लिए दूर-दराज के दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। यह कदम ‘सरकार जनता के द्वार’ की मुहिम को और मजबूत करेगा। मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि यह निर्णय व्यापक जनहित को ध्यान में रखते हुए लिया गया है ताकि आम आदमी को रोजमर्रा के कार्यों में सहूलियत मिल सके।
लैंड रेवेन्यू एक्ट में बड़ा बदलाव
कैबिनेट ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए ‘पंजाब लैंड रेवेन्यू एक्ट, 1887’ (Punjab Land Revenue Act, 1887) में संशोधन को भी हरी झंडी दे दी है। इस संशोधन का सीधा असर जमीन जायदाद के झगड़ों और अपीलों पर पड़ेगा। इससे वादियों का कीमती समय बर्बाद होने से बचेगा और बेवजह की समन प्रक्रिया से मुक्ति मिलेगी। सबसे खास बात यह है कि अब डिजिटल रिकॉर्ड और डिजिटल हस्ताक्षर को कानूनी मान्यता मिलेगी, जिससे रिकॉर्ड कीपिंग पारदर्शी और नागरिक-हितैषी बनेगी।
‘खंगी तकसीम’ अब एक क्लिक पर
सरकार ने पहले ही https://eservices.punjab.gov.in वेबसाइट लॉन्च कर दी है, जो पारिवारिक जमीन बंटवारे (खंगी तकसीम) के लिए वरदान साबित हो रही है। अब लोग घर बैठे एक क्लिक पर अपनी जमीन का ब्योरा, जैसे नाम, गांव, तहसील, खाता और खिवत नंबर दर्ज कर आवेदन कर सकते हैं। इससे न केवल जमीन की खरीद-फरोख्त आसान होगी, बल्कि फसल खराब होने पर मुआवजा लेना और जमाबंदी की नकल प्राप्त करना भी चुटकियों का काम हो जाएगा।
स्पेशल टीचर एजुकेटर्स को तोहफा
शिक्षा के क्षेत्र में भी मान सरकार ने दरियादिली दिखाई है। कैबिनेट ने ‘समग्र शिक्षा अभियान’ (Samagra Shiksha Abhiyan) के तहत काम कर रहे संविदा कर्मचारियों (स्पेशल टीचर एजुकेटर्स) को रेगुलर करने के लिए ऊपरी आयु सीमा में एकमुश्त छूट देने का फैसला किया है। इससे विशेष आवश्यकता वाले बच्चों (CwSN) की शिक्षा में निरंतरता बनी रहेगी और राज्य के खजाने पर कोई अतिरिक्त बोझ भी नहीं पड़ेगा।
विश्लेषण: सुशासन की दिशा में ठोस कदम (Expert Analysis)
बनूर को सब-डिवीजन बनाना और लैंड रेवेन्यू एक्ट में संशोधन करना, यह दर्शाता है कि भगवंत मान सरकार प्रशासनिक सुधारों (Administrative Reforms) को लेकर गंभीर है। अक्सर देखा गया है कि तहसील या सब-डिवीजन दूर होने के कारण ग्रामीण इलाकों के लोगों को भारी परेशानी होती है। विकेंद्रीकरण (Decentralization) का यह कदम न केवल समय और धन की बचत करेगा, बल्कि प्रशासन और जनता के बीच की दूरी को भी कम करेगा। डिजिटल रिकॉर्ड्स को बढ़ावा देना भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की दिशा में एक कारगर हथियार साबित होगा।
आम आदमी पर असर (Human Impact)
इन फैसलों का सीधा असर आपकी जेब और समय पर पड़ेगा। अब आपको एक छोटे से साइन के लिए मीलों सफर नहीं करना पड़ेगा। जमीन के झगड़े, जो अदालतों में सालों-साल लटकते थे, अब डिजिटल प्रक्रियाओं और एक्ट में संशोधन के कारण जल्दी सुलझ सकेंगे। यह ‘ईज ऑफ लिविंग’ (Ease of Living) की दिशा में एक बड़ा प्रयास है।
जानें पूरा मामला (Background)
पंजाब में प्रशासनिक इकाइयों के पुनर्गठन की मांग लंबे समय से उठ रही थी। बनूर क्षेत्र का तेजी से शहरीकरण हो रहा है, जिसे देखते हुए इसे अपग्रेड करना समय की मांग थी। वहीं, होशियारपुर का हरियाणा कस्बा भी अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण उप-तहसील का दर्जा पाने का हकदार था। सीएम मान ने इन जरूरतों को समझते हुए कैबिनेट में इन प्रस्तावों को मंजूरी दी है।
मुख्य बातें (Key Points)
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Banur को सब-डिवीजन/तहसील और Hariana (होशियारपुर) को सब-तहसील बनाने की मंजूरी।
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पंजाब लैंड रेवेन्यू एक्ट, 1887 में संशोधन से डिजिटल रिकॉर्ड्स को मिलेगी मान्यता।
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eservices.punjab.gov.in के जरिए ‘खंगी तकसीम’ और जमाबंदी अब और आसान।
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समग्र शिक्षा अभियान के तहत Special Teacher Educators को आयु सीमा में छूट।
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इन फैसलों से जनता के समय और पैसे की बचत होगी, साथ ही मुकदमों में कमी आएगी।
FAQ – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न






