दिल्ली एयरपोर्ट पर कस्टम्स की बड़ी बैठक: व्यापार को आसान बनाने पर जोर, CCFC Meeting
एफएसएसएआई, ड्रग कंट्रोलर और व्यापारिक संगठनों के साथ मंथन, पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाने का वादा
Delhi Customs CCFC Meeting News – इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय (IGI) हवाई अड्डे पर दिल्ली सीमा शुल्क (Customs) ने व्यापार को सुगम बनाने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया है। दिल्ली जोन के मुख्य सीमा शुल्क आयुक्त की अध्यक्षता में सीमा शुल्क मंजूरी सुविधा समिति (CCFC) की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य सीमा शुल्क मंजूरी प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी, तेज और कुशल बनाना था, जिससे आयातकों और निर्यातकों को सीधा लाभ मिल सके।
कौन-कौन हुआ शामिल?
कल्पना चावला सम्मेलन कक्ष में आयोजित इस बैठक में सिर्फ कस्टम अधिकारी ही नहीं, बल्कि इस पूरी प्रक्रिया से जुड़े हर अहम हितधारक मौजूद थे। इनमें खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण (FSSAI), प्लांट क्वारंटाइन और ड्रग कंट्रोलर जैसी सहयोगी सरकारी एजेंसियों के प्रतिनिधि शामिल थे। इसके अलावा, कस्टम्स ब्रोकर, एसोचैम (ASSOCHAM), रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (GJEPC) जैसे व्यापारिक संघों, संरक्षकों, आयातकों और निर्यातकों ने भी हिस्सा लिया।
डिजिटल पहल और व्यावहारिक समाधानों पर चर्चा
बैठक में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) द्वारा शुरू की गई नई डिजिटल पहलों पर विस्तार से चर्चा हुई। दिल्ली कस्टम जोन में इन पहलों को कैसे जमीनी स्तर पर लागू किया जाए, इस पर विशेष जोर दिया गया। व्यापारिक समुदाय ने अपने सामने आने वाली रोजमर्रा की परिचालन संबंधी दिक्कतों को खुलकर सामने रखा। अच्छी बात यह रही कि इन मुद्दों पर सकारात्मक चर्चा हुई और व्यावहारिक समाधान निकाले गए, जिससे भविष्य में कस्टम क्लियरेंस की प्रक्रिया और तेज होगी।
विश्लेषण: भरोसे का नया दौर (Expert Analysis)
यह बैठक महज एक औपचारिकता नहीं थी, बल्कि सरकार और व्यापारिक समुदाय के बीच बढ़ते भरोसे का प्रतीक है। जिस तरह से सभी हितधारकों को एक मंच पर लाया गया और उनकी समस्याओं को सुना गया, यह दर्शाता है कि दिल्ली सीमा शुल्क विभाग ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ (Ease of Doing Business) को लेकर गंभीर है। पारदर्शिता, सुलभता और दक्षता के सिद्धांतों पर जोर देने से न केवल भ्रष्टाचार की गुंजाइश कम होगी, बल्कि विदेशी निवेशकों का भी भारत की व्यवस्था पर भरोसा बढ़ेगा। यह कदम भारत को वैश्विक व्यापार का एक प्रमुख केंद्र बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
आम आदमी और व्यापार पर असर (Human Impact)
जब कस्टम क्लियरेंस की प्रक्रिया आसान और तेज होती है, तो इसका सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ता है। विदेशों से आने वाला सामान जल्दी और कम लागत में बाजार तक पहुंचता है, जिससे महंगाई पर काबू पाने में मदद मिलती है। वहीं, छोटे और मझोले व्यापारियों के लिए यह एक बड़ी राहत है, क्योंकि उन्हें अब लालफीताशाही और देरी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
जानें पूरा मामला (Background)
सीमा शुल्क मंजूरी सुविधा समिति (CCFC) एक ऐसा मंच है, जिसे सीमा शुल्क विभाग ने व्यापार से जुड़ी सभी एजेंसियों और हितधारकों को एक साथ लाने के लिए बनाया है। इसका मकसद कस्टम क्लियरेंस प्रक्रिया में आने वाली बाधाओं को दूर करना और आपसी समन्वय बढ़ाना है, ताकि देश का आयात-निर्यात व्यापार बिना किसी रुकावट के चल सके।
मुख्य बातें (Key Points)
-
Delhi Customs ने IGI एयरपोर्ट पर CCFC की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की।
-
बैठक में FSSAI, ड्रग कंट्रोलर और विभिन्न व्यापारिक संघों ने हिस्सा लिया।
-
CBIC की डिजिटल पहलों और परिचालन संबंधी मुद्दों पर चर्चा हुई।
-
दिल्ली कस्टम ने पारदर्शिता, सुलभता और दक्षता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
-
इस पहल से Ease of Doing Business को बढ़ावा मिलेगा और व्यापारिक समुदाय का भरोसा बढ़ेगा।
FAQ – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न






