Guru Gobind Singh Jayanti 2025 – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (27 दिसंबर) सिखों के दसवें गुरु, श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के पवित्र प्रकाश उत्सव के मौके पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है। नई दिल्ली से देश को संबोधित करते हुए, पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (X) पर दशमेश पिता के अदम्य साहस, करुणा और सर्वोच्च बलिदान को याद किया। उन्होंने अपनी पटना साहिब यात्रा की कुछ अनदेखी तस्वीरें भी साझा कीं, जो गुरु साहिब के प्रति उनकी गहरी आस्था को दर्शाती हैं।
On the sacred Parkash Utsav of Sri Guru Gobind Singh Ji, we bow in reverence to him. He remains an embodiment of courage, compassion and sacrifice. His life and teachings inspire us to stand for truth, justice, righteousness and to protect human dignity. Sri Guru Gobind Singh… pic.twitter.com/QfudU2di3U
— Narendra Modi (@narendramodi) December 27, 2025
‘सत्य और न्याय के लिए खड़ा होना सिखाया’
प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में लिखा कि गुरु गोबिंद सिंह जी का जीवन मानवता के लिए एक प्रकाश स्तंभ की तरह है। उन्होंने कहा, “हम उनके सामने श्रद्धा से सिर झुकाते हैं। उनका जीवन और उनकी शिक्षाएं हमें सत्य, न्याय, धर्म और मानव गरिमा की रक्षा के लिए अडिग रहने की प्रेरणा देती हैं।” पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि गुरु साहिब की दृष्टि आने वाली पीढ़ियों को सेवा और निस्वार्थ कर्तव्य के पथ पर चलने के लिए हमेशा मार्गदर्शन करती रहेगी।
पटना साहिब की यादें हुईं ताजा
इस विशेष अवसर पर प्रधानमंत्री ने इस साल की शुरुआत में अपनी Takhat Sri Harmandir Ji Patna Sahib की यात्रा को याद किया। उन्होंने उस यात्रा की तस्वीरें साझा करते हुए बताया कि कैसे उन्हें वहां श्री गुरु गोबिंद सिंह जी और माता साहिब कौर जी के पवित्र ‘जोरे साहिब’ (चरण पादुका) के दर्शन करने का सौभाग्य मिला था। तस्वीरों में प्रधानमंत्री गुरुद्वारे में नतमस्तक होते और बेहद श्रद्धा भाव से दर्शन करते नजर आ रहे हैं।
विश्लेषण: संत-सिपाही की परंपरा और आज का भारत (Expert Analysis)
प्रधानमंत्री का यह संदेश केवल एक औपचारिक बधाई नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को मजबूत करने का एक प्रयास है। गुरु गोबिंद सिंह जी ने ‘संत-सिपाही’ की जो अवधारणा दी थी, वह आज के दौर में और भी प्रासंगिक हो गई है। उन्होंने सिखाया कि भक्ति के साथ-साथ शक्ति और अन्याय के खिलाफ लड़ने का जज्बा भी उतना ही जरूरी है। पीएम मोदी द्वारा बार-बार सिख गुरुओं के बलिदान को याद करना और वीर बाल दिवस जैसे कार्यक्रमों की शुरुआत करना, यह दर्शाता है कि सरकार सिख समुदाय के गौरवशाली इतिहास को राष्ट्रीय पटल पर वह स्थान दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसके वे हकदार हैं।
आम आदमी के जीवन पर प्रभाव (Human Impact)
गुरु गोबिंद सिंह जी की शिक्षाएं आज के आम आदमी को यह सिखाती हैं कि कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए। उनका जीवन ‘चिड़ियों से मैं बाज लड़ाऊं’ के जज्बे के साथ, कमजोरों की रक्षा करने और निस्वार्थ सेवा (सेवा भाव) अपनाने के लिए प्रेरित करता है, जो एक बेहतर समाज के निर्माण के लिए जरूरी है।
जानें पूरा मामला (Background)
श्री गुरु गोबिंद सिंह जी सिखों के दसवें गुरु थे। उनका जन्म बिहार के पटना साहिब में हुआ था। उन्होंने 1699 में खालसा पंथ की स्थापना की थी, जिसने जाति-पाति के भेदभाव को मिटाकर समानता का संदेश दिया। उन्होंने धर्म और न्याय की रक्षा के लिए अपने पूरे परिवार (चार साहिबजादों) का बलिदान दे दिया था। उनका प्रकाश पर्व (जयंती) हर साल दुनिया भर में धूमधाम से मनाया जाता है।
मुख्य बातें (Key Points)
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PM Narendra Modi ने गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व पर श्रद्धांजलि दी।
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पीएम ने उन्हें साहस, करुणा और Sacrifice का प्रतीक बताया।
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पटना साहिब यात्रा की तस्वीरें साझा कीं, जहाँ उन्होंने पवित्र Jora Sahib के दर्शन किए थे।
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गुरु साहिब की शिक्षाओं को सत्य और Justice के लिए लड़ने की प्रेरणा बताया।
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यह पर्व देश भर में धार्मिक हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है।
FAQ – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न






