Bangladesh Violence Update – पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में अराजकता और हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। अब वहां की कट्टरपंथी भीड़ के निशाने पर कलाकार और संस्कृति आ गई है। ताजा मामला ढाका से करीब 120 किलोमीटर दूर फरीदपुर (Faridpur) का है, जहां बांग्लादेश के मशहूर रॉकस्टार और प्लेबैक सिंगर ‘जेम्स’ (James) के एक कॉन्सर्ट पर उपद्रवियों ने हमला कर दिया। एक स्कूल की वर्षगांठ के जश्न में डूबा माहौल तब चीख-पुकार में बदल गया जब भीड़ ने ईंट-पत्थर बरसाने शुरू कर दिए। हालात इतने बिगड़ गए कि प्रशासन को कार्यक्रम तत्काल रद्द करना पड़ा और इस हिंसा में 15 से 20 छात्रों के घायल होने की खबर है।
रात 9 बजे शुरू हुआ उपद्रव का खेल
यह घटना फरीदपुर के एक स्कूल की वर्षगांठ समारोह के दौरान घटी। रात करीब 9 बजे, जब मशहूर सिंगर जेम्स अपनी प्रस्तुति देने वाले थे, तभी स्कूल के बाहर जमा भीड़ ने जबरन अंदर घुसने की कोशिश की। जब आयोजकों और सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोका, तो भीड़ बेकाबू हो गई। उपद्रवियों ने कार्यक्रम स्थल पर ईंट-पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। देखते ही देखते संगीत का मंच रणक्षेत्र में तब्दील हो गया। छात्रों ने हमलावरों का विरोध करने की कोशिश की, लेकिन हिंसा इतनी बढ़ गई कि कई छात्र लहुलुहान हो गए।
प्रशासन का आदेश: बंद करो संगीत
हालात को बेकाबू होता देख और कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ते देख, जिला प्रशासन ने हस्तक्षेप किया। आयोजन समिति के संयोजक मुस्तफिजुर रहमान शमीम ने भारी मन से मंच से ऐलान किया कि प्रशासन के निर्देश पर जेम्स का कॉन्सर्ट रद्द किया जा रहा है। जो लोग संगीत के जरिए थोड़ी राहत पाने आए थे, उन्हें डर और दहशत के साये में वापस लौटना पड़ा।
तस्लीमा नसरीन का दर्द: ‘राख हो रही संस्कृति’
इस घटना पर बांग्लादेश की निर्वासित लेखिका तस्लीमा नसरीन (Taslima Nasreen) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर गहरा दुख और चिंता व्यक्त की है। उन्होंने खुलासा किया कि बांग्लादेश में सांस्कृतिक केंद्रों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने लिखा कि प्रसिद्ध सांस्कृतिक केंद्र ‘छायानाट’ (Chhayanaut) को जलाकर राख कर दिया गया और संगीत-नृत्य को बढ़ावा देने वाले संगठन ‘उदीची’ (Udichi) को भी आग के हवाले कर दिया गया। उन्होंने यह भी बताया कि मेहर घराने के उस्ताद अलाउद्दीन खान के बेटे सिराज अली खान भी डर के कारण बिना परफॉर्म किए ढाका से भारत लौट गए।
विश्लेषण: कला का गला घोंटता कट्टरपंथ (Expert Analysis)
बांग्लादेश में जेम्स के कॉन्सर्ट पर हुआ यह हमला केवल एक कानून-व्यवस्था का मसला नहीं है, बल्कि यह उस देश की बदलती और खतरनाक होती तस्वीर को बयां करता है। जब किसी समाज में संगीत, कला और संस्कृति पर सुनियोजित हमले होने लगें, तो यह तालिबानी मानसिकता के हावी होने का संकेत है। जेम्स, जिन्होंने ‘भीगी-भीगी’ (फिल्म गैंगस्टर) और ‘अलविदा’ (लाइफ इन अ मेट्रो) जैसे गानों से भारत में भी पहचान बनाई है, वे बांग्लादेश में एक आइकन हैं। अगर ऐसे कलाकार भी वहां सुरक्षित नहीं हैं, तो यह साफ है कि वहां उदारवादी सोच के लिए जगह तेजी से कम हो रही है। यह भारत के लिए भी चिंता का विषय है क्योंकि पड़ोसी के घर में लगी आग की तपिश अक्सर सरहदों को पार कर जाती है।
जानें पूरा मामला (Background)
बांग्लादेश में पिछले कुछ समय से राजनीतिक अस्थिरता के साथ-साथ धार्मिक और सांस्कृतिक असहिष्णुता बढ़ी है। फरीदपुर में आयोजित यह कार्यक्रम एक सांस्कृतिक संध्या थी, जिसका उद्देश्य छात्रों और स्थानीय लोगों को मनोरंजन प्रदान करना था। लेकिन उपद्रवियों ने इसे निशाना बनाकर यह संदेश देने की कोशिश की है कि वे किसी भी तरह के ‘गैर-इस्लामिक’ माने जाने वाले सांस्कृतिक जमावड़े को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
मुख्य बातें (Key Points)
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Bangladesh के फरीदपुर में मशहूर सिंगर जेम्स का कॉन्सर्ट हिंसा के कारण रद्द।
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स्कूल की वर्षगांठ पर Stone Pelting में 15-20 छात्र घायल।
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Taslima Nasreen ने बताया- छायानाट और उदीची जैसे सांस्कृतिक केंद्रों को जलाया गया।
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मशहूर शास्त्रीय संगीतकार Siraj Ali Khan सुरक्षा कारणों से ढाका से भारत लौटे।
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सिंगर जेम्स ने बॉलीवुड में ‘भीगी-भीगी’ और ‘अलविदा’ जैसे हिट गाने गाए हैं।






