Canada Shooting News – कनाडा की धरती एक बार फिर भारतीय खून से लाल हो गई है। टोरंटो में क्रिसमस के दिन (25 दिसंबर) दिनदहाड़े हुई अंधाधुंध गोलीबारी में 20 साल के भारतीय छात्र शिवांक अवस्थी की दर्दनाक मौत हो गई। यह दिल दहला देने वाली घटना टोरंटो यूनिवर्सिटी के पास घटी, जहां शिवांक अपनी पढ़ाई के सपनों को पूरा करने गया था। महज दो दिनों के भीतर कनाडा में यह दूसरे भारतीय नागरिक की हत्या है, जिससे वहां रह रहे भारतीय समुदाय और छात्रों में खौफ का माहौल पैदा हो गया है।
क्रिसमस की खुशियां मातम में बदलीं
जिस दिन पूरी दुनिया क्रिसमस का जश्न मना रही थी, उसी दिन टोरंटो यूनिवर्सिटी के स्कारबोरो परिसर (Scarborough Campus) के पास मौत का तांडव हुआ। पुलिस को गोलीबारी की सूचना मिली और वे तुरंत घटना स्थल पर पहुंचे। वहां उन्हें शिवांक अवस्थी गंभीर रूप से घायल अवस्था में मिला, जिसे गोली लगी थी। अफसोस की बात यह रही कि पुलिस के पहुंचने तक या अस्पताल ले जाने से पहले ही उसकी मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, जब तक वे वहां पहुंचे, आरोपी वारदात को अंजाम देकर फरार हो चुके थे। जांच के दौरान पूरे परिसर को सील कर दिया गया है।
कौन था शिवांक अवस्थी?
शिवांक अवस्थी महज 20 साल का एक होनहार युवा था। वह टोरंटो यूनिवर्सिटी का छात्र था और वहां के ‘चेयर लीडर टीम’ का सदस्य भी था। वीडियो में मिली जानकारी के मुताबिक, वह पीएचडी (PhD) कर रहा था, जबकि सोशल मीडिया साइट रेडिट (Reddit) पर एक साथी छात्र ने उसे ‘लाइफ साइंसेज’ (Life Sciences) के तीसरे वर्ष का छात्र बताया है। एक हंसते-खेलते युवा की इस तरह अचानक हत्या ने साथी छात्रों को गहरे सदमे में डाल दिया है। भारतीय वाणिज्य दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (X) पर बयान जारी कर इस घटना पर गहरा दुख जताया है और कहा है कि वे शोक संतप्त परिवार के संपर्क में हैं और हर संभव मदद कर रहे हैं।
48 घंटे में दूसरी हत्या: हिमांशी के बाद शिवांक
यह घटना इसलिए और भी डरावनी है क्योंकि इससे ठीक दो दिन पहले ही टोरंटो में एक और भारतीय नागरिक, 30 वर्षीय हिमांशी खुराना की हत्या कर दी गई थी। पुलिस को शक है कि हिमांशी की हत्या उसके पार्टनर अब्दुल गफूरी ने की है, जिसे पार्टनर द्वारा की गई हिंसा (Domestic Violence) का मामला माना जा रहा है। महज दो दिनों के अंतराल में दो भारतीयों (हिमांशी और शिवांक) की हत्या ने पूरे कनाडा में रह रहे प्रवासी भारतीयों को झकझोर कर रख दिया है। यह इस साल टोरंटो में हुई 41वीं हत्या है।
कैंपस में डर का साया
शिवांक की हत्या के बाद यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो के छात्रों में डर और गुस्सा दोनों है। छात्र अब कैंपस में खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं। रेडिट और सोशल मीडिया पर छात्र सवाल उठा रहे हैं कि कैंपस वैली (Campus Valley) के अंदर गोलीबारी जैसी घटना कैसे हो सकती है? सुरक्षा व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े हो गए हैं। बाहर से पढ़ने गए छात्रों (International Students) को अब अपनी जान की चिंता सताने लगी है।
विश्लेषण: ‘सपनों के देश’ में सुरक्षा पर ग्रहण (Expert Analysis)
कनाडा, जिसे भारतीय छात्र अपने सुनहरे भविष्य का प्रवेश द्वार मानते हैं, अब धीरे-धीरे असुरक्षित होता जा रहा है। शिवांक अवस्थी की हत्या कोई इक्का-दुक्का घटना नहीं है, बल्कि यह वहां बिगड़ती कानून व्यवस्था और बढ़ते अपराध का एक और सबूत है। दिनदहाड़े यूनिवर्सिटी कैंपस के पास गोलीबारी होना यह दर्शाता है कि अपराधी कितने बेखौफ हो चुके हैं। यह केवल एक छात्र की हत्या नहीं है, बल्कि उन हजारों माता-पिता के विश्वास की हत्या है जो अपने बच्चों को सात समंदर पार पढ़ने भेजते हैं। भारत सरकार को कूटनीतिक स्तर पर कनाडा पर दबाव बनाना होगा कि वे भारतीय छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करें, वरना ‘कनाडाई ड्रीम’ जल्द ही एक डरावने सपने में बदल सकता है।
जानें पूरा मामला (Background)
यह घटना 25 दिसंबर को टोरंटो यूनिवर्सिटी के स्कारबोरो कैंपस के पास हुई। शिवांक अवस्थी वहां मौजूद था जब एक ‘ब्लाइंड फायरिंग’ (अंधाधुंध गोलीबारी) की घटना हुई, जिसका वह शिकार हो गया। पुलिस अभी तक आरोपियों को पकड़ नहीं पाई है। इससे पहले हिमांशी खुराना का मर्डर हुआ था, जिससे भारतीय समुदाय पहले से ही सदमे में था।
मुख्य बातें (Key Points)
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25 December को टोरंटो में गोलीबारी में 20 वर्षीय भारतीय छात्र शिवांक अवस्थी की मौत।
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घटना टोरंटो यूनिवर्सिटी के स्कारबोरो कैंपस के पास हुई; आरोपी फरार हैं।
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भारतीय वाणिज्य दूतावास ने दुख जताया और परिवार को मदद का भरोसा दिया।
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दो दिन पहले ही एक अन्य भारतीय महिला हिमांशी खुराना की भी हत्या हुई थी।
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छात्रों ने कैंपस सुरक्षा पर सवाल उठाए और डर का माहौल बना हुआ है।






