Rabri Devi Bungalow Politics – बिहार की राजनीति का केंद्र रहे 10 सर्कुलर रोड बंगले से पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी का सामान अब शिफ्ट होने लगा है। राज्य सरकार के नोटिस के बाद राबड़ी देवी ने अपना आधिकारिक आवास खाली करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, लेकिन यह सब दिन के उजाले में नहीं, बल्कि रात के अंधेरे में हो रहा है, जिसने विपक्ष को हमले का एक और मौका दे दिया है।
राबड़ी देवी का 10 सर्कुलर रोड वाला बंगला, जो पिछले करीब दो दशकों से बिहार की सत्ता और विपक्ष की धुरी बना हुआ था, अब सूना होने लगा है। Government के नोटिस के बाद, 10 नंबर बंगले से सामान को 39 नंबर हार्डिंग रोड स्थित नए आवास में Shift किया जा रहा है। हालांकि, यह सामान्य प्रक्रिया एक बड़े सियासी विवाद में बदल गई है। बीजेपी ने इस शिफ्टिंग की टाइमिंग पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं और पूछा है कि आखिर ऐसी क्या मजबूरी है कि सामान रात के अंधेरे में ले जाना पड़ रहा है?
रात के अंधेरे में ही क्यों?
भाजपा की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई है। सवाल पूछा जा रहा है कि “यह कौन सी माया है?” Politics में सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग एक अक्षम्य अपराध माना जाता है। विरोधियों का कहना है कि मकान खाली करना तो नियमों के तहत है, लेकिन जिस तरह से रातों-रात सामान हटाया जा रहा है, वह संदेह पैदा करता है। उनका कहना है कि “बड़े बेआबरू होकर तेरे कूचे से हम निकले” वाली कहावत यहाँ चरितार्थ हो रही है। राबड़ी देवी रात के अंधेरे में मकान क्यों खाली कर रही हैं? दिन के उजाले में क्यों नहीं?
क्या छिपाना चाहता है लालू परिवार?
विपक्ष का हमला यहीं नहीं रुका। उन्होंने सीधा आरोप लगाया कि जनता और Media से कुछ छिपाने की कोशिश हो रही है। सवाल यह है कि क्या सरकारी संपत्ति का दुरुपयोग हो रहा था? या फिर वहां कोई “खजाना” छिपा कर रखा गया था, जिसे अब चोरों की तरह चुपके से हटाना पड़ रहा है? आरोप लगाया गया है कि लालू परिवार दिन के उजाले में कोई काम कर ही नहीं सकता। भाजपा ने इसे ‘भ्रष्टाचारी’ और ‘अपराधी’ परिवार की संज्ञा देते हुए कहा कि लाख फजीहत के बाद अब बंगला खाली भी कर रहे हैं, तो वह भी छिपाकर।
संपत्ति की लंबी लिस्ट पर तंज
इस सियासी घमासान के बीच, लालू परिवार की अन्य संपत्तियों का भी जिक्र छिड़ गया है। विरोधियों ने तंज कसते हुए कहा है कि लालू जी के पास तो “संपत्ति की श्रृंखला” है। चाहे तो कौटिल्य नगर में रहें, महुआ बाग में रहें, पटना में शेखपुरा में रहें या जहां मर्जी वहां रहें। उनके पास पटना में ही कई मकान हैं। लेकिन संदेश साफ है—सरकारी बंगला खाली करना ही होगा, क्योंकि यह भवन निर्माण विभाग का सक्षम आदेश है। साथ ही चेतावनी भी दी गई है कि सरकारी साजो-सामान में कोई क्षति नहीं होनी चाहिए, वरना इसे राजनीतिक रूप से अनैतिक माना जाएगा।
विश्लेषण: धारणा की लड़ाई (Expert Analysis)
राजनीति में ‘टाइमिंग’ और ‘परसेप्शन’ (धारणा) ही सब कुछ होता है। राबड़ी देवी द्वारा रात में बंगला खाली करना तकनीकी रूप से गलत नहीं हो सकता, लेकिन राजनीतिक रूप से यह एक ‘सेल्फ-गोल’ जैसा प्रतीत होता है। जब आप एक सार्वजनिक जीवन में होते हैं, तो पारदर्शिता सबसे बड़ा हथियार होती है। रात के अंधेरे में शिफ्टिंग ने विरोधियों को यह नैरेटिव सेट करने का मौका दे दिया है कि “जरूर कुछ गड़बड़ है”। अगर यह काम दिन के उजाले में मीडिया के कैमरों के सामने होता, तो शायद यह एक सामान्य सरकारी प्रक्रिया मानी जाती, लेकिन गोपनीयता ने इसे एक रहस्यमयी मुद्दे में बदल दिया है, जिससे विपक्ष को बैठे-बिठाए एक नया हथियार मिल गया है।
मुख्य बातें (Key Points)
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राबड़ी देवी ने 10 सर्कुलर रोड बंगला खाली करना शुरू कर दिया है।
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सामान को नए आवंटित आवास 39 हार्डिंग रोड में Shift किया जा रहा है।
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BJP ने रात में शिफ्टिंग करने पर सवाल उठाए हैं और इसे संदिग्ध बताया है।
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आरोप है कि मीडिया और जनता से सरकारी संपत्ति के दुरुपयोग को छिपाया जा रहा है।
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विरोधियों ने लालू परिवार की अन्य संपत्तियों (कौटिल्य नगर, महुआ बाग) का भी जिक्र किया।






