Income Tax Notice : दिसंबर 2025 का महीना खत्म होने वाला है और इनकम टैक्स विभाग (Income Tax Department) की तरफ से लाखों लोगों को ईमेल और एसएमएस (SMS) भेजे जा रहे हैं। इन संदेशों में कहा जा रहा है कि आपके द्वारा फाइल किए गए ITR (Income Tax Return) और विभाग के पास मौजूद डेटा में ‘मिसमैच’ (Mismatch) यानी अंतर पाया गया है। अगर आपको भी ऐसा कोई मैसेज मिला है, तो घबराने की नहीं, बल्कि सतर्क होने की जरूरत है क्योंकि 31 दिसंबर 2025 तक आपके पास अपनी गलती सुधारने का आखिरी मौका है।
क्या है यह ‘मिसमैच’ का पूरा गणित?
वीडियो में दी गई जानकारी के अनुसार, यह इनकम टैक्स विभाग का एक Nudge Campaign (जागरूकता अभियान) है। यह कोई कानूनी नोटिस या सजा का फरमान नहीं है, बल्कि एक ‘एडवाइजरी’ (सलाह) है।
विभाग के सिस्टम ने आपके ITR डेटा और उनके पास मौजूद AIS (Annual Information Statement) में अंतर पकड़ा है।
यह अंतर इन कारणों से हो सकता है:
-
High Value Transactions: आपने कोई बड़ी प्रॉपर्टी खरीदी, बड़ा निवेश किया या भारी कैश जमा किया, लेकिन ITR में नहीं बताया।
-
Deduction Mismatch: फॉर्म 16 और ITR में दिखाए गए डिडक्शन (जैसे 80C, HRA) में फर्क होना।
-
TDS Details: टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स के आंकड़ों में अंतर होना।
तुरंत क्या करें? (Action Plan)
अगर आपको मैसेज आया है, तो पैनिक न करें। सबसे पहले incometax.gov.in पर लॉग-इन करें और अपना AIS (एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट) चेक करें।
-
अगर डेटा सही है: और आपको लगता है कि आपने ITR सही भरा है, तो आप कंप्लायंस पोर्टल पर फीडबैक देकर इसे इग्नोर कर सकते हैं। बस अपने दस्तावेज़ (Documents) तैयार रखें।
-
अगर गलती है: तो आपके पास 31 दिसंबर तक का समय है। आप अपना Revised ITR (संशोधित रिटर्न) फाइल कर सकते हैं।
-
अगर रिटर्न नहीं भरा: तो आप Belated Return (विलंबित रिटर्न) फाइल कर सकते हैं।
31 दिसंबर के बाद क्या होगा?
31 दिसंबर की तारीख बहुत अहम है। अगर आप इस तारीख तक रिवाइज्ड रिटर्न फाइल नहीं करते हैं, तो बाद में आपको Updated Return (ITR-U) फाइल करना पड़ेगा। इसमें आपको न केवल बकाया टैक्स देना होगा, बल्कि उस पर भारी Penalty (जुर्माना) और अतिरिक्त टैक्स भी देना पड़ सकता है। विभाग का साफ कहना है कि यह “ट्रस्ट बेस्ड अप्रोच” है—सजा देने से पहले हम आपको सुधारने का मौका दे रहे हैं।
वरिष्ठ पत्रकार का विश्लेषण
यह कदम भारत के टैक्स सिस्टम में आ रहे ‘डिजिटल बदलाव’ का प्रतीक है। पहले जहां स्क्रूटनी नोटिस (Scrutiny Notice) आने पर लोगों के कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगते थे, अब विभाग AI और डेटा एनालिटिक्स का इस्तेमाल करके पहले ही बता रहा है कि “हम सब जानते हैं, इसे ठीक कर लीजिए।” यह ‘टैक्स टेररिज्म’ से ‘टैक्स टेक्नोलॉजी’ की ओर बढ़ा हुआ कदम है। आम करदाता के लिए यह राहत की बात है कि अनजाने में हुई गलती को सुधारने के लिए अब वकील के पास भागने की जरूरत नहीं, बस एक रिवाइज्ड रिटर्न भरने की देर है।
जानें पूरा मामला
दिसंबर के महीने में इनकम टैक्स विभाग ने एक विशेष अभियान चलाया है। इसके तहत उन टैक्स पेयर्स को चिन्हित किया गया है जिनके वित्तीय लेन-देन (Financial Transactions) उनकी घोषित आय से मेल नहीं खा रहे। इसका मकसद भविष्य में होने वाली कानूनी कार्रवाई और पेनाल्टी से करदाता को बचाना है। इसे एक चेतावनी (Warning) नहीं, बल्कि एक अवसर (Opportunity) के रूप में देखा जाना चाहिए।
मुख्य बातें (Key Points)
-
Alert: यह SMS/ईमेल केवल एक एडवाइजरी है, नोटिस नहीं।
-
Deadline: गलती सुधारने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर 2025 है।
-
Reason: ITR और AIS डेटा में अंतर होने पर मैसेज भेजे जा रहे हैं।
-
Solution: पोर्टल पर जाकर रिवाइज्ड रिटर्न (Revised Return) फाइल करें।






