8th Pay Commission : साल 2025 खत्म होने की कगार पर है और Central Government Employees की निगाहें अब 1 जनवरी 2026 पर टिकी हैं। कर्मचारियों की तरफ से सरकार के सामने 2.64 Fitment Factor की जोरदार मांग रखी गई है, अगर यह मांग मान ली जाती है तो सरकारी कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में ऐतिहासिक उछाल देखने को मिल सकता है।
सैलरी में कितनी होगी बढ़ोतरी?
ऑल इंडिया एनपीएस एंप्लॉय फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मंजीत पटेल ने कर्मचारियों की मांगों को लेकर स्थिति स्पष्ट कर दी है। उन्होंने सरकार के सामने 2.64 Fitment Factor का प्रस्ताव रखा है। यह आंकड़ा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे सीधे तौर पर आपकी ‘इन-हैंड’ सैलरी प्रभावित होगी।
अगर हम गणित को समझें, तो मौजूदा समय में लेवल 1 (Level 1) के कर्मचारी की बेसिक सैलरी 18,000 रुपये है। यदि 2.64 का फॉर्मूला लागू होता है, तो यह बेसिक पे सीधे बढ़कर 47,520 रुपये हो जाएगी। इसी तरह, लेवल 2 के लिए 19,900 रुपये की बेसिक सैलरी बढ़कर 52,536 रुपये और लेवल 3 के लिए 21,700 रुपये की सैलरी बढ़कर 57,288 रुपये तक पहुंच सकती है।
फिटमेंट फैक्टर का पूरा गणित
अक्सर कर्मचारियों के मन में सवाल होता है कि आखिर यह Fitment Factor क्या बला है? आसान भाषा में समझें तो यह एक Multiplier (गुणांक) होता है। सरकार इसी फैक्टर से आपकी बेसिक सैलरी को गुणा करके नई सैलरी तय करती है। जितना ज्यादा फिटमेंट फैक्टर होगा, सैलरी और पेंशन में उतनी ही ज्यादा बढ़ोतरी होगी।
इसे तय करते समय सरकार महंगाई, जीवन यापन की लागत (Cost of Living), CPI के आंकड़े और सरकारी खजाने की स्थिति को ध्यान में रखती है। प्राइवेट सेक्टर की सैलरी और मार्केट बेंचमार्क भी इसमें अहम भूमिका निभाते हैं।
जानें पूरा मामला
सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) का कार्यकाल 31 दिसंबर 2025 को समाप्त हो रहा है। नियमों के मुताबिक, 1 जनवरी 2026 से 8th Pay Commission लागू होने की संभावना है। हालांकि, जानकारों का मानना है कि आयोग की सिफारिशों को मंजूर करने और लागू करने में सरकार को करीब 2 साल का समय लग सकता है। लेकिन अच्छी खबर यह है कि इस देरी के दौरान का पैसा कर्मचारियों को एरियर (Arrears) के रूप में मिलने की पूरी उम्मीद है।
आम आदमी पर प्रभाव
इस वेतन आयोग का असर सिर्फ सरकारी बाबुओं तक सीमित नहीं रहेगा। जब लाखों कर्मचारियों के हाथ में बढ़ा हुआ पैसा आएगा, तो बाजार में मांग बढ़ेगी। इससे रियल एस्टेट, ऑटोमोबाइल और रिटेल सेक्टर में भी तेजी आने की उम्मीद है, जिसका सीधा फायदा देश की अर्थव्यवस्था को मिलेगा।
वरिष्ठ पत्रकार का विश्लेषण
मौजूदा आर्थिक हालातों और महंगाई दर को देखते हुए 2.64 फिटमेंट फैक्टर की मांग को पूरी तरह से खारिज नहीं किया जा सकता। हालांकि, सरकार के लिए यह फैसला आसान नहीं होगा क्योंकि इससे राजकोषीय घाटे (Fiscal Deficit) पर दबाव बढ़ेगा। लेकिन 2026 के आसपास चुनावी समीकरण और कर्मचारियों की नाराजगी से बचने के लिए सरकार एक बीच का रास्ता निकाल सकती है, जो 2.64 न सही, लेकिन मौजूदा फैक्टर से काफी बेहतर हो सकता है। यह बढ़ोतरी मध्यम वर्गीय कर्मचारियों के लिए ‘संजीवनी’ का काम करेगी।
मुख्य बातें (Key Points)
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Deadline: 7वां वेतन आयोग 31 दिसंबर 2025 को खत्म हो रहा है।
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Demand: कर्मचारी संगठन 2.64 Fitment Factor की मांग कर रहे हैं।
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Impact: लेवल 1 की बेसिक सैलरी 18,000 से बढ़कर 47,520 रुपये हो सकती है।
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Process: नई सिफारिशों को मंजूरी मिलने में 2 साल तक का वक्त लग सकता है।






