Diabetes Cure in Ayurveda : खराब लाइफस्टाइल और गलत खानपान की वजह से डायबिटीज (Diabetes) आज हर घर की कहानी बन गई है। चाहे शहर हो या गांव, शुगर के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। कई लोग रोज इंसुलिन के इंजेक्शन और मुट्ठी भर दवाइयां खाने को मजबूर हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आयुर्वेद में एक ऐसा ‘जादुई फॉर्मूला’ है जो न सिर्फ शुगर को कंट्रोल कर सकता है, बल्कि इंसुलिन की जरूरत को भी खत्म कर सकता है?
मशहूर आयुर्वेद एक्सपर्ट सुभाष गोयल (Subhash Goyal) ने एक खास इंटरव्यू में शुगर को जड़ से काबू करने का एक प्राचीन और प्रभावी नुस्खा साझा किया है। उन्होंने बताया कि कैसे घर की रसोई में मौजूद चीजों से ही आप इस बीमारी को मात दे सकते हैं।
प्री-डायबिटिक लोगों के लिए आसान उपाय
सुभाष गोयल के मुताबिक, आजकल बहुत से लोग ‘प्री-डायबिटिक’ (Pre-diabetic) होते हैं, जिनका शुगर लेवल बॉर्डरलाइन (100 के आसपास) होता है, लेकिन डॉक्टर उन्हें मरीज घोषित कर देते हैं। ऐसे लोगों के लिए उन्होंने एक बहुत ही सरल उपाय बताया है:
-
नुस्खा: मेथी दाना, कलौंजी और काले चने।
-
विधि: इन तीनों को रात में भिगो दें और सुबह खाली पेट खाएं।
-
फायदा: यह साधारण सा उपाय ब्लड शुगर को बिल्कुल नॉर्मल कर देता है और डायबिटीज को आगे बढ़ने से रोकता है।
शुगर के मरीजों के लिए ’10 चीजों वाला फॉर्मूला’
जिन लोगों का शुगर लेवल बहुत ज्यादा रहता है (200-300 या उससे ऊपर), उनके लिए सुभाष गोयल ने एक विशेष आयुर्वेदिक चूर्ण का फॉर्मूला बताया है। इसमें कुल 10 चीजें इस्तेमाल होती हैं।
सामग्री:
-
गुड़मार बूटी (Gudmar)
-
करेला (Karela)
-
जामुन (Jamun)
-
मेथी दाना (Methi Dana)
-
बेल पत्र (Bel Patra)
-
वीट ग्रास (Wheat Grass)
-
मोरिंगा (Moringa)
-
काली हल्दी (Kali Haldi)
-
अंबा हल्दी (Amba Haldi)
-
दारू हल्दी (Daru Haldi)
बनाने की विधि:
इन पहली 9 चीजों को 100-100 ग्राम की मात्रा में लें। अब इसमें दसवीं चीज ‘कॉटन सीड’ (Cotton Seed) मिलाएं, लेकिन इसकी मात्रा सिर्फ 10 ग्राम होनी चाहिए। इन सबको मिलाकर चूर्ण तैयार कर लें।
सेवन विधि:
डायबिटिक मरीज को रोज सुबह खाली पेट इस चूर्ण का एक चम्मच खिलाएं। एक्सपर्ट का दावा है कि अगर इसे 5-6 महीने लगातार लिया जाए, तो अंग्रेजी दवाइयां और इंसुलिन तक छूट सकते हैं।
शुगर और रोमांस: एक छिपा हुआ सच
सुभाष गोयल ने एक और गंभीर मुद्दे पर बात की। उन्होंने बताया कि डायबिटीज का सीधा असर मरीज की ‘रोमांटिक लाइफ’ और शारीरिक क्षमता पर पड़ता है। अक्सर मरीज संकोचवश यह बात किसी से नहीं कह पाते।
-
पुरुषों में कमजोरी और थकान की समस्या आम हो जाती है।
-
महिलाओं में भी इच्छा की कमी और अन्य समस्याएं आती हैं।
उन्होंने सुझाव दिया कि आयुर्वेद में इसके लिए ‘एक्स प्लस गोल्ड’ (X-Plus Gold) जैसे फॉर्मूलेशन उपलब्ध हैं जो मेल और फीमेल दोनों की मदद करते हैं। साथ ही, उन्होंने जोड़ों को सलाह दी कि साल में कम से कम 5 दिन एक-दूसरे के साथ घूमने जाएं और तनाव मुक्त रहें, क्योंकि खुश रहने से भी शुगर कंट्रोल में रहती है।
आम आदमी पर असर (Human Impact)
यह जानकारी उन लाखों परिवारों के लिए उम्मीद की किरण है जो महंगी डायबिटीज की दवाओं और उनके साइड इफेक्ट्स से परेशान हैं। यह नुस्खा सस्ता है और घर पर आसानी से बनाया जा सकता है। अगर यह कारगर साबित होता है, तो यह न केवल आर्थिक बोझ कम करेगा, बल्कि मरीजों को किडनी और आंखों पर होने वाले डायबिटीज के बुरे असर से भी बचाएगा।
विश्लेषण: आयुर्वेद बनाम एलोपैथी
डायबिटिक मरीज अक्सर सालों तक एलोपैथी दवाएं खाते हैं, लेकिन फिर भी शुगर कंट्रोल नहीं होती और साइड इफेक्ट्स अलग से झेलने पड़ते हैं। सुभाष गोयल का यह तर्क सही लगता है कि ‘प्री-डायबिटिक’ स्टेज पर ही अगर आयुर्वेद को अपना लिया जाए, तो बीमारी को गंभीर होने से रोका जा सकता है। गुड़मार (जिसे ‘शुगर डिस्ट्रॉयर’ भी कहा जाता है) और हल्दी जैसी जड़ी-बूटियों की वैज्ञानिक महत्ता भी अब दुनिया मान रही है। यह वीडियो हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि हम अपनी जड़ों और प्राकृतिक चिकित्सा को क्यों भूल गए हैं।
मुख्य बातें (Key Points)
-
Formula: गुड़मार, करेला, जामुन, मेथी, बेलपत्र, वीट ग्रास, मोरिंगा और तीन प्रकार की हल्दी का चूर्ण शुगर कंट्रोल करता है।
-
Pre-Diabetes: मेथी, कलौंजी और काले चने भिगोकर खाने से बॉर्डरलाइन शुगर ठीक हो सकती है।
-
Lifestyle: शुगर के मरीजों के लिए तनाव मुक्त रहना और खुश रहना सबसे बड़ी दवा है।
-
Warning: एक्सपर्ट ने सलाह दी है कि अंग्रेजी दवाओं के साइड इफेक्ट से बचने के लिए आयुर्वेद को जल्दी अपनाना चाहिए।






