New Airlines in India 2025 : भारतीय आसमान में अब तक एकतरफा राज करने वाली एयरलाइन कंपनियों की बादशाहत अब खतरे में है। यात्रियों को बड़ी राहत देते हुए केंद्र सरकार ने तीन नई एयरलाइंस—Shankh Air, Al Hind Air और Fly Express—के लिए रास्ता साफ कर दिया है। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने पुष्टि की है कि इन कंपनियों को मंजूरी मिलने के बाद अब हवाई सफर के बाजार में मुकाबला कड़ा होने वाला है।
आसमान में गूंजेगी नई आवाजें
पिछले कुछ समय से Indigo और Air India जैसी बड़ी कंपनियों का मार्केट में दबदबा बना हुआ था। इंडिगो की अकेले 65% हिस्सेदारी है। लेकिन हाल ही में फ्लाइट कैंसिलेशन और यात्रियों को हुई परेशानियों ने सरकार को सोचने पर मजबूर कर दिया।
इसी का नतीजा है कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने पिछले एक हफ्ते में तीन नई एयरलाइंस को NOC (No Objection Certificate) जारी कर दिया है। मंत्री राममोहन नायडू ने बताया कि उनका लक्ष्य देश में ज्यादा से ज्यादा नई एयरलाइंस को बढ़ावा देना है ताकि यात्रियों के पास सिर्फ एक या दो विकल्प न रहें।
यूपी वालों के लिए बड़ी खुशखबरी: आ रही है ‘शंख एयर’
इस पूरी खबर में सबसे ज्यादा फायदा उत्तर प्रदेश को होने वाला है। नई नवेली Shankh Air उत्तर प्रदेश की पहली ‘शेड्यूल एयरलाइन’ होगी। इसका मुख्य केंद्र (Hub) लखनऊ और नोएडा में होगा।
कंपनी ने अपनी योजना साफ कर दी है कि वह शुरुआत में लखनऊ से वाराणसी, गोरखपुर, अयोध्या, चित्रकूट, इंदौर और देहरादून जैसे शहरों के लिए अपनी सेवाएं शुरू करेगी। इसका सीधा मतलब है कि अब छोटे शहरों के लोग भी आसानी से और शायद कम किराए में हवाई सफर कर सकेंगे।
आम आदमी पर क्या होगा असर?
यह फैसला आम आदमी की जेब और सुविधा दोनों के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है। जब बाजार में Shankh Air, Al Hind Air और Fly Express जैसी नई कंपनियां उतरेंगी, तो पुरानी कंपनियों की मनमानी (दादागिरी) खत्म होगी। कॉम्पिटिशन बढ़ने से किराए में कमी आ सकती है और यात्रियों को बेहतर सेवाएं मिलेंगी। अब तक मजबूरन महंगी टिकट खरीदने वाले यात्रियों के पास ‘ना’ कहने का विकल्प होगा।
सरकार का विजन: 5 बड़ी एयरलाइंस की जरूरत
सरकार का मानना है कि भारत जैसे विशाल देश में कम से कम 5 बड़ी एयरलाइंस के लिए जगह है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ता एविएशन मार्केट बन गया है।
‘उड़ान’ (UDAAN) योजना ने पहले ही Star Air, IndiaOne Air और Fly91 जैसी छोटी कंपनियों को क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में मजबूत किया है। अब सरकार चाहती है कि नई कंपनियां आकर बाजार को संतुलित करें। हालांकि, इंडस्ट्री की मांग है कि सरकार जेट फ्यूल (ATF) की ऊंची कीमतों और टैक्स पर भी ध्यान दे, ताकि ये नई कंपनियां लंबे समय तक टिक सकें।
विश्लेषण: क्या टूट पाएगा ‘डुओपोली’ का चक्रव्यूह?
भारत का एविएशन इतिहास गवाह है कि यहाँ एयरलाइंस का शुरू होना आसान है, लेकिन टिकना मुश्किल। किंगफिशर से लेकर गो-फर्स्ट तक, कई बड़े नाम धराशायी हो गए। मौजूदा समय में इंडिगो और एयर इंडिया की ‘डुओपोली’ (दो का राज) है। ऐसे में इन तीन नई कंपनियों का आना ताजी हवा के झोंके जैसा है। अगर ये कंपनियां ‘लो-कॉस्ट मॉडल’ और ‘पंक्चुअलिटी’ पर खरी उतरीं, तो यह भारतीय एविएशन के इतिहास का सबसे बड़ा टर्निंग पॉइंट होगा। सबसे बड़ी चुनौती ‘ऑपरेटिंग कॉस्ट’ को संभालना होगा, जो भारत में दुनिया में सबसे ज्यादा है।
जानें पूरा मामला
यह पूरा घटनाक्रम तब शुरू हुआ जब केंद्रीय मंत्री ने पिछले हफ्ते नई एयरलाइंस की टीमों से मुलाकात की। शंख एयर को पहले ही एनओसी मिल चुकी थी, जबकि अल हिंद और फ्लाई एक्सप्रेस को इसी हफ्ते मंजूरी मिली है। इसका उद्देश्य सिर्फ कनेक्टिविटी बढ़ाना नहीं, बल्कि बाजार में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा पैदा करना है ताकि यात्रियों को फ्लाइट कैंसिल होने या मनमाना किराया वसूलने जैसी समस्याओं से बचाया जा सके।
मुख्य बातें (Key Points)
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तीन नई एयरलाइंस Shankh Air, Al Hind Air और Fly Express को सरकार से NOC मिल गई है।
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Shankh Air यूपी की पहली एयरलाइन होगी, जो लखनऊ, अयोध्या और वाराणसी जैसे शहरों को जोड़ेगी।
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सरकार का लक्ष्य इंडिगो और एयर इंडिया की मोनोपोली को कम करना और यात्रियों को विकल्प देना है।
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भारत में एयरलाइंस के लिए ‘ऑपरेटिंग कॉस्ट’ और टैक्स सबसे बड़ी चुनौती है।






