Indian Railway Ticket Booking को लेकर रेलवे ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है, जो करोड़ों यात्रियों के लिए राहत की खबर है। त्योहारों के समय कंफर्म टिकट पाने के लिए अब आपको दलालों (Agents) के भरोसे नहीं रहना होगा और न ही अवैध सॉफ्टवेयर के जरिए सीटें ब्लॉक होने का डर सताएगा, क्योंकि रेलवे ने बुकिंग के नियमों में बड़ा और सख्त बदलाव कर दिया है।
‘दलालों के सॉफ्टवेयर’ पर सर्जिकल स्ट्राइक
अक्सर देखा जाता है कि जैसे ही त्योहारों के लिए बुकिंग खुलती है, चंद सेकंड में सारी सीटें फुल हो जाती हैं। आम आदमी जब तक अपनी जानकारी भरता है, तब तक वेटिंग लिस्ट आ जाती है। इसका मुख्य कारण दलाल हैं, जो अवैध सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके पलक झपकते ही सारी सीटें हड़प लेते हैं। लेकिन अब रेलवे ने इस पर लगाम लगाने के लिए आधार ऑथेंटिकेशन (Aadhaar Authentication) को अनिवार्य बनाने का दायरा बढ़ा दिया है। यह कदम सीधे तौर पर उन दलालों पर चोट करेगा जो फेक आईडी और सॉफ्टवेयर के जरिए टिकटों की कालाबाजारी करते हैं।
‘चरणबद्ध तरीके से लागू होगा नया नियम’
रेलवे बोर्ड ने इस नई व्यवस्था को लागू करने के लिए एक विस्तृत प्लान तैयार किया है, जिसे धीरे-धीरे (Phased Manner) लागू किया जाएगा ताकि यात्रियों को कोई असुविधा न हो। रेलवे द्वारा जारी किए गए नए निर्देशों के अनुसार, समय सीमा को तीन चरणों में बढ़ाया जा रहा है:
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पहला चरण (29 तारीख से): इसी महीने की 29 तारीख से, सुबह 8:00 बजे से लेकर दोपहर 12:00 बजे तक ऑनलाइन टिकट बुकिंग के लिए आधार वेरिफिकेशन अनिवार्य होगा।
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दूसरा चरण (5 जनवरी से): इसके बाद आगामी 5 जनवरी से इस समय सीमा को और बढ़ा दिया जाएगा। तब सुबह 8:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक बिना आधार वेरिफिकेशन के टिकट बुक नहीं हो पाएगी।
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तीसरा चरण (12 जनवरी 2026 से): अंतिम और सबसे कड़े चरण में, 12 जनवरी 2026 से सुबह 8:00 बजे से लेकर रात के 12:00 बजे तक ऑनलाइन बुकिंग के लिए आधार ऑथेंटिकेशन पूरी तरह अनिवार्य होगा।
‘आम यात्रियों के लिए क्या बदला?’
रेलवे के इस फैसले का सबसे बड़ा फायदा यह है कि अब ‘एडवांस रिजर्वेशन पीरियड’ (ARP) के पहले दिन, जब बुकिंग खुलती है, तो केवल वही व्यक्ति टिकट बुक कर पाएगा जिसकी आईडी आधार से वेरीफाइड है। पहले यह नियम केवल शुरुआती 15 मिनट और बाद में 2 घंटे के लिए था, लेकिन अब इसे पूरे दिन के लिए लागू किया जा रहा है। इसका सीधा मतलब है कि सॉफ्टवेयर आधारित बुकिंग सिस्टम अब काम नहीं करेगा, क्योंकि आधार वेरिफिकेशन में मानवीय हस्तक्षेप (Human Verification) की जरूरत होती है, जिसे कोई भी ऑटोमेटेड सॉफ्टवेयर बाईपास नहीं कर सकता।
‘क्या है पृष्ठभूमि’
रेलवे टिकटों की बुकिंग में अवैध सॉफ्टवेयर और दलालों की बढ़ती दखलअंदाजी लंबे समय से एक बड़ी समस्या रही है। दलाल एआरपी (Advance Reservation Period) खुलते ही भारी मात्रा में टिकटें बुक कर लेते थे और बाद में उन्हें ऊंचे दामों पर बेचते थे। रेलवे ने इसे रोकने के लिए पहले 15 मिनट का कैप लगाया था, लेकिन दलालों ने अपने तरीके बदल लिए। इसी को देखते हुए रेलवे ने अब आधार आधारित बुकिंग का समय सुबह से लेकर रात तक बढ़ाने का यह कठोर और निर्णायक कदम उठाया है।
‘मुख्य बातें (Key Points)’
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सख्त नियम: 12 जनवरी 2026 से सुबह 8 बजे से रात 12 बजे तक ऑनलाइन बुकिंग के लिए आधार जरूरी।
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दलालों पर नकेल: अवैध सॉफ्टवेयर से होने वाली बल्क बुकिंग अब पूरी तरह बंद हो जाएगी।
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काउंटर टिकट: रेलवे के कंप्यूटराइज्ड पीआरएस काउंटर्स (Offline Counters) पर टिकट बुकिंग प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं हुआ है, वहां पहले की तरह टिकट मिलेगी।
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चरणबद्ध बदलाव: नियम 29 तारीख, 5 जनवरी और 12 जनवरी से अलग-अलग समय सीमा के साथ लागू होंगे।






