Priyanka Gandhi PM Candidate – देश की सबसे पुरानी पार्टी Congress के भीतर अब नेतृत्व को लेकर एक नई और बड़ी बहस छिड़ गई है। अभी तक Rahul Gandhi को प्रधानमंत्री पद का स्वाभाविक दावेदार माना जाता था, लेकिन अब खुद पार्टी के सांसद और परिवार के सदस्य ही Priyanka Gandhi को देश की कमान सौंपने की वकालत करने लगे हैं।
देश की राजनीति में आज एक नया भूचाल आ गया है। कांग्रेस के भीतर से ही यह आवाज उठने लगी है कि Rahul Gandhi नहीं, बल्कि Priyanka Gandhi को देश का प्रधानमंत्री होना चाहिए। यह मांग किसी और ने नहीं बल्कि कांग्रेस के ही सांसद इमरान मसूद ने उठाई है, जिसका समर्थन खुद प्रियंका के पति रॉबर्ट वाड्रा ने भी किया है। इस घटनाक्रम ने सियासी गलियारों में यह चर्चा तेज कर दी है कि क्या कांग्रेस अब राहुल गांधी के चेहरे से आगे बढ़कर प्रियंका पर दांव लगाने की तैयारी कर रही है?
इमरान मसूद ने क्यों की प्रियंका की मांग?
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने साफ शब्दों में कहा है कि प्रियंका गांधी में अपनी दादी इंदिरा गांधी की छवि दिखती है। मसूद का कहना है कि प्रियंका गांधी सख्त फैसले लेने की क्षमता रखती हैं, जैसा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी लिया करती थीं। उन्होंने हाल ही में बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों का उदाहरण देते हुए कहा कि अगर प्रियंका गांधी प्रधानमंत्री होतीं, तो वह इस मसले पर इंदिरा गांधी की तरह ही कोई सख्त और ऐतिहासिक कदम उठातीं। यह बयान सीधे तौर पर राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल खड़े करता है।
रॉबर्ट वाड्रा बोले – ‘प्रियंका के लिए मांग उठ रही है’
इस पूरे मामले में सबसे बड़ा मोड़ तब आया जब रॉबर्ट वाड्रा भी खुलकर सामने आ गए। उन्होंने इमरान मसूद के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि आने वाले समय में देश के बहुत से लोग प्रियंका गांधी को प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहेंगे। वाड्रा ने कहा कि प्रियंका ने अपनी दादी इंदिरा, पिता राजीव, मां सोनिया और भाई राहुल गांधी से बहुत कुछ सीखा है।
वाड्रा ने आगे कहा, “प्रियंका गांधी को लोग पसंद करते हैं क्योंकि वह दिल से बोलती हैं। वह केवल अपनी बात नहीं रखतीं, बल्कि लोगों की बात सुनती भी हैं और उन्हें साथ लेकर चलने में विश्वास रखती हैं।” उनका मानना है कि प्रियंका का भविष्य बेहद उज्ज्वल है और उनका प्रधानमंत्री बनना केवल समय की बात है।
‘इंदिरा जैसी नाक और छवि’ – एक बड़ा फैक्टर
राजनीतिक जानकारों और कांग्रेस के भीतर भी यह चर्चा आम है कि प्रियंका गांधी का व्यक्तित्व उनकी दादी इंदिरा गांधी से काफी मिलता-जुलता है। उनकी नाक-नक्श और बोलने का अंदाज लोगों को इंदिरा गांधी की याद दिलाता है। कांग्रेस के कई नेता मानते हैं कि यही ‘इंदिरा फैक्टर’ उन्हें राहुल गांधी के मुकाबले एक बेहतर और मजबूत प्रधानमंत्री उम्मीदवार बना सकता है, जो जनता के साथ भावनात्मक जुड़ाव बना सकें।
भाजपा का तंज – ‘अब तो परिवार को भी भरोसा नहीं’
कांग्रेस के भीतर चल रही इस खींचतान पर BJP ने तीखा हमला बोला है। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि राहुल गांधी पर अब जनता का तो छोड़िए, उनके अपने परिवार और पार्टी के लोगों का भी भरोसा नहीं रहा। पूनावाला ने कहा, “यह साफ है कि कांग्रेस में अब ‘राहुल हटाओ, प्रियंका लाओ’ का अभियान चल रहा है। पहले इंडी गठबंधन के साथियों ने सवाल उठाए और अब घर के अंदर से ही आवाजें उठ रही हैं।” भाजपा ने इसे राहुल गांधी के खिलाफ एक तरह का ‘अविश्वास प्रस्ताव’ करार दिया है।
क्या है पृष्ठभूमि
गौरतलब है कि 2024 के चुनावों तक राहुल गांधी को ही विपक्ष का प्रधानमंत्री चेहरा माना जा रहा था। लेकिन संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान, जब राहुल गांधी चुनावी सुधारों पर बात कर रहे थे, तब प्रियंका गांधी विरासत और ‘वंदे मातरम’ जैसे भावनात्मक मुद्दों पर आगे आई थीं। तभी से यह कयास लगाए जा रहे थे कि कांग्रेस अपनी रणनीति बदल सकती है। अब इमरान मसूद और रॉबर्ट वाड्रा के बयानों ने इन कयासों को और हवा दे दी है।
मुख्य बातें (Key Points)
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कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने प्रियंका गांधी को पीएम उम्मीदवार बनाने की मांग की।
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रॉबर्ट वाड्रा ने कहा, देश प्रियंका को प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहता है।
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प्रियंका गांधी की तुलना इंदिरा गांधी की कार्यशैली और सख्त फैसलों से की गई।
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भाजपा का आरोप – राहुल गांधी पर अब उनके परिवार को भी विश्वास नहीं रहा।






