Income Tax New Rules 2025 : आजकल सोशल मीडिया और वॉट्सऐप पर एक खबर जंगल की आग की तरह फैल रही है कि 1 अप्रैल 2026 से इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपके निजी ईमेल, वॉट्सऐप, फेसबुक और इंस्टाग्राम के मैसेज पढ़ना शुरू कर देगा। लोग दहशत में हैं कि क्या सरकार अब उनकी हर गतिविधि पर नजर रखेगी? इस वायरल दावे का सच कुछ और ही है, जिसे समझना हर टैक्सपेयर के लिए जरूरी है।
क्या है सेक्शन 247 का असली सच?
इनकम टैक्स एक्ट 2025 में सेक्शन 247 (Section 247) के तहत एक नया प्रावधान जोड़ा गया है। यह सच है कि विभाग को डिजिटल डेटा एक्सेस करने की शक्ति दी गई है, लेकिन यह शक्ति ‘अनलिमिटेड’ नहीं है। यह नियम केवल उन्हीं मामलों में लागू होगा जहां विभाग के पास टैक्स चोरी या काले धन के पुख्ता सबूत होंगे और कानूनी रूप से सर्च या सर्वे (Search or Survey) चल रहा होगा। इसके लिए भी वरिष्ठ अधिकारियों की मंजूरी अनिवार्य होगी। पीआईबी (PIB) ने साफ किया है कि आम नागरिकों की रोजमर्रा की निगरानी या रैंडम जांच नहीं होगी। ईमानदार टैक्सपेयर्स को इससे घबराने की कोई जरूरत नहीं है।
रिफंड अटकने का मैसेज: डरें नहीं, सलाह है
लाखों लोगों को एसएमएस मिल रहे हैं कि ‘रिस्क मैनेजमेंट डिस्क्रिपेंसीज’ के कारण उनका रिफंड होल्ड पर है और उन्हें 31 दिसंबर 2025 तक रिवाइज्ड रिटर्न (Revised Return) फाइल करना होगा। यह कोई सजा या पीनल एक्शन नहीं है, बल्कि एक मौका है। विभाग के पास एआईएस (AIS) के जरिए आपकी कमाई का पूरा डेटा होता है। अगर आपके आईटीआर और सरकारी डेटा में अंतर दिखता है, तो यह मैसेज भेजा जाता है। आप पोर्टल पर जाकर चेक करें, अगर गलती है तो सुधार लें, वरना इसे इग्नोर कर दें।
विदेशी संपत्ति छिपाना पड़ेगा भारी
तीसरी बड़ी खबर उन लोगों के लिए है जिनके पास विदेशी संपत्ति (Foreign Assets) है। सरकार ने काले धन पर नकेल कसने के लिए सख्त रुख अपनाया है। अगर आपके पास विदेश में बैंक अकाउंट, शेयर्स, प्रॉपर्टी, क्रिप्टो या ईसॉप्स (ESOPs) हैं, तो उसे डिक्लेयर करना अनिवार्य है, भले ही उससे कोई कमाई न हो रही हो। अंतरराष्ट्रीय समझौतों के जरिए सरकार को सब पता चल जाता है। जानकारी छिपाने पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना और ब्लैक मनी एक्ट के तहत कार्रवाई हो सकती है।
एक्सपर्ट की राय: गलती सुधारने का मौका
टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर आपसे अनजाने में कोई जानकारी छूट गई है, तो 31 दिसंबर से पहले अपनी आईटीआर रिवाइज कर लें। पिछले साल भी ऐसे नोटिस भेजे गए थे, जिससे 3000 करोड़ रुपये की अघोषित विदेशी संपत्ति का खुलासा हुआ था। छोटी सी लापरवाही आपको बड़ी मुसीबत में डाल सकती है, इसलिए अपने एफए (FA) और एफएसआई (FSI) शेड्यूल को ध्यान से चेक करें।
विश्लेषण: पारदर्शिता की ओर बढ़ता कदम
सरकार के इन कदमों का मकसद ईमानदार करदाताओं को परेशान करना नहीं, बल्कि टैक्स चोरी के रास्तों को बंद करना है। डिजिटल निगरानी और डेटा शेयरिंग से सिस्टम पारदर्शी हो रहा है। हालांकि, कुछ लोगों को डर है कि इन कानूनों का दुरुपयोग हो सकता है, लेकिन फिलहाल यह काले धन के खिलाफ एक मजबूत हथियार नजर आ रहा है। आम आदमी के लिए सबसे बड़ा सबक यही है कि वित्तीय मामलों में पारदर्शिता बरतें और अफवाहों पर ध्यान देने की बजाय आधिकारिक जानकारी पर भरोसा करें।
जानें पूरा मामला
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है कि 2026 से इनकम टैक्स विभाग निजी मैसेज पढ़ेगा, जो पूरी तरह सच नहीं है। यह शक्ति केवल विशेष सर्च ऑपरेशन के दौरान ही इस्तेमाल होगी। साथ ही, रिफंड होल्ड और विदेशी संपत्ति डिक्लेरेशन को लेकर विभाग सख्ती बरत रहा है और लोगों को 31 दिसंबर तक गलतियां सुधारने का मौका दे रहा है।
मुख्य बातें (Key Points)
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इनकम टैक्स विभाग बिना ठोस सबूत और मंजूरी के आपके निजी मैसेज एक्सेस नहीं करेगा।
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रिफंड होल्ड के मैसेज एक चेतावनी हैं, सजा नहीं; गलती होने पर रिवाइज्ड रिटर्न भरें।
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विदेशी संपत्ति (शेयर्स, प्रॉपर्टी, क्रिप्टो) की जानकारी छिपाने पर 10 लाख का जुर्माना हो सकता है।
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सरकार के पास एआईएस (AIS) के जरिए आपकी कमाई का पूरा कच्चा चिट्ठा मौजूद है।
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31 दिसंबर 2025 तक अपनी आईटीआर में सुधार करने का अंतिम मौका है।






