Real Estate Price Hike: अगर आप भी अपने सपनों का आशियाना बनाने की सोच रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए किसी झटके से कम नहीं है। क्रेडाई (CREDAI) और सीआरई मैट्रिक्स (CRE Matrix) की ताजा रिपोर्ट ने साफ कर दिया है कि साल 2026 में घरों की कीमतें थमने वाली नहीं हैं, बल्कि इनमें 5% से ज्यादा की बढ़ोतरी होने वाली है। यह खुलासा दिल्ली में आयोजित नेशनल कॉन्क्लेव के दौरान किया गया है, जिसने घर खरीदारों की चिंता बढ़ा दी है।
अगर आप इस उम्मीद में बैठे हैं कि प्रॉपर्टी के दाम गिरेंगे, तो आपको अपनी रणनीति बदलनी होगी। ताजा Developer Sentiment Survey के मुताबिक, रियल एस्टेट सेक्टर में महंगाई का दौर जारी रहने वाला है। सर्वे में शामिल 68% डेवलपर्स ने पुष्टि की है कि 2026 में रिहायशी संपत्तियों (Residential Properties) की कीमतों में उछाल आएगा।
15 से 25 फीसदी तक बढ़ सकते हैं दाम
हैरानी की बात यह है कि कुछ डेवलपर्स तो कीमतों में 10 से 15% और यहां तक कि 25% से ज्यादा बढ़ोतरी की संभावना जता रहे हैं। वहीं, केवल 8% डेवलपर्स ऐसे हैं जिन्हें लगता है कि कीमतों में गिरावट आ सकती है। यह Report नवंबर-दिसंबर 2025 में 647 डेवलपर्स पर किए गए सर्वे पर आधारित है, जिसे 19-20 दिसंबर को दिल्ली में जारी किया गया। यह स्पष्ट संकेत है कि बाजार में मंदी की कोई गुंजाइश नहीं है।
सट्टेबाजी नहीं, असली खरीददार हैं वजह
अक्सर माना जाता है कि प्रॉपर्टी के दाम सट्टेबाजी (Speculation) के कारण बढ़ते हैं, लेकिन इस बार मामला अलग है। क्रेडाई के अध्यक्ष शेखर जी पटेल के अनुसार, यह तेजी असली खरीदारों यानी End Users की मजबूत मांग से संचालित है। बाजार में अब वो लोग ज्यादा हैं जो निवेश के लिए नहीं, बल्कि खुद के रहने के लिए घर खरीद रहे हैं। जब खरीदार असली होता है, तो कीमतें गिरने की संभावना कम हो जाती है।
महंगाई बढ़ने के 4 बड़े कारण
आखिर कीमतें क्यों बढ़ रही हैं? इसके पीछे कई ठोस कारण हैं। पहला, Technology का इस्तेमाल बढ़ने से घरों की गुणवत्ता सुधरी है, लेकिन इससे निर्माण की लागत (Cost) भी बढ़ गई है। दूसरा, Developers अब अंधाधुंध प्रोजेक्ट्स लॉन्च नहीं कर रहे हैं, जिससे बाजार में सप्लाई नियंत्रित है। तीसरा, GST Rationalization से थोड़ी राहत जरूर मिली है, लेकिन दबाव अब भी बरकरार है। चौथा, प्रोजेक्ट्स के Approval में देरी और नियमों में स्पष्टता की कमी भी सप्लाई को प्रभावित कर रही है।
हमारा विश्लेषण: आम आदमी पर बढ़ेगा बोझ
इस रिपोर्ट का गहरा विश्लेषण करें तो यह साफ होता है कि भारतीय Real Estate बाजार अब एक परिपक्व (Mature) दौर में पहुंच गया है। पहले जहां निवेशक बाजार को चलाते थे, अब जरूरतमंद लोग इसे चला रहे हैं। यह सेक्टर के लिए तो अच्छी खबर है क्योंकि इससे स्थिरता (Stability) आती है, लेकिन मध्यम वर्गीय परिवार के लिए यह बुरी खबर है। अगर आय के स्रोत इसी रफ्तार से नहीं बढ़े, तो 2026 में एक आम नौकरीपेशा व्यक्ति के लिए मेट्रो शहरों में घर खरीदना लगभग नामुमकिन हो सकता है। यह ‘डिले’ (Delay) करने का नहीं, बल्कि ‘डील’ (Deal) फाइनल करने का समय है।
‘जानें पूरा मामला’
यह पूरा डेटा CREDAI और CRE Matrix के संयुक्त सर्वेक्षण से सामने आया है। रिपोर्ट बताती है कि लगभग दो-तिहाई डेवलपर्स का मानना है कि 2026 में घरों की मांग (Demand) में भी 5% से ज्यादा का इजाफा होगा। सेक्टर अब ‘अनुशासित सप्लाई’ और ‘लॉन्ग टर्म वैल्यू क्रिएशन’ पर फोकस कर रहा है। विशेषज्ञों की सलाह है कि अगर बजट है, तो 2025 में ही घर बुक कर लें, क्योंकि लोकेशन, डेवलपर की विश्वसनीयता और RERA Registration चेक करके फैसला लेना ही समझदारी होगी।
मुख्य बातें (Key Points)
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साल 2026 में घरों की कीमतों में 5% से लेकर 25% तक की बढ़ोतरी होने की संभावना है।
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सर्वे में शामिल 68% डेवलपर्स ने दाम बढ़ने की पुष्टि की है, केवल 8% को गिरावट की उम्मीद है।
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कीमतों में उछाल का मुख्य कारण सट्टेबाजी नहीं, बल्कि End Users की बढ़ती मांग है।
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Technology की लागत और सप्लाई की कमी के चलते प्रॉपर्टी मार्केट महंगा हो रहा है।






