Addiction Home Remedy : आज के दौर में जहां युवा और बुजुर्ग नशे की गिरफ्त में फंसकर अपना जीवन और परिवार बर्बाद कर रहे हैं, वहीं एक बेहद सरल और सस्ता घरेलू नुस्खा उम्मीद की नई किरण लेकर आया है। राजीव दीक्षित जी के सिद्धांतों और आयुर्वेद पर आधारित इस वीडियो में दावा किया गया है कि कैसे महज रसोई में मौजूद अदरक और ₹5 की एक होम्योपैथिक दवा से शराब, सिगरेट और गुटखे की बरसों पुरानी लत को हमेशा के लिए छोड़ा जा सकता है।
नशा न केवल शरीर को खोखला करता है, बल्कि यह इंसान के सामाजिक सम्मान को भी मिट्टी में मिला देता है। वीडियो में स्पष्ट संदेश दिया गया है कि जो व्यक्ति व्यसन (Addiction) में फंसा है, वह समाज में कभी भी आदर्श प्रस्तुत नहीं कर सकता। लेकिन सबसे बड़ी समस्या यह है कि नशा छोड़ने की चाहत रखने वाले लोग भी ‘तलब’ (Craving) के आगे घुटने टेक देते हैं। इसी समस्या का जड़ से इलाज करने के लिए वीडियो में तीन अचूक उपाय बताए गए हैं जो मानसिक और शारीरिक दोनों स्तरों पर काम करते हैं।
‘मन की कमजोरी’ है नशे की असली जड़
जिन लोगों को बार-बार तलब लगती है और जो अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण नहीं रख पाते, उनका ‘मन कमजोर’ होता है। इसे मजबूत बनाने के लिए एक बेहद आसान ‘प्राणायाम’ बताया गया है। इसके लिए सुखासन (आलती-पालती) में बैठकर अपनी दाहिनी नाक (Right Nostril) को बंद करें और केवल बाईं नाक (Left Nostril) से सांस लें और छोड़ें। इसे ‘चंद्र नाड़ी’ की सक्रियता कहा जाता है। दावा है कि रोजाना ऐसा करने से मन की संकल्प शक्ति इतनी बढ़ जाती है कि व्यक्ति किसी भी व्यसन को आसानी से छोड़ सकता है।
जेब में रखें अदरक, मिट जाएगी तलब
शारीरिक स्तर पर तलब को रोकने के लिए एक अद्भुत घरेलू नुस्खा साझा किया गया है। इसके लिए अदरक के छोटे-छोटे टुकड़े करें, उस पर नींबू निचोड़ें और थोड़ा काला नमक मिलाएं। इसे धूप में सुखा लें ताकि इसका पानी सूख जाए। अब इन टुकड़ों को हमेशा अपनी जेब में रखें। जब भी सिगरेट, बीड़ी या गुटखे की तलब उठे, तो एक टुकड़ा मुंह में डालें और उसे चूसते रहें (चबाना नहीं है)। अदरक का रस जैसे ही लार में मिलेगा, तलब अपने आप खत्म हो जाएगी। अगर इसे 15-20 दिन लगातार किया जाए, तो लत हमेशा के लिए छूट सकती है।
‘सल्फर’ का वैज्ञानिक कनेक्शन
इस नुस्खे के पीछे का विज्ञान भी वीडियो में समझाया गया है। अदरक में ‘सल्फर’ (Sulfur) भरपूर मात्रा में होता है। विज्ञान के अनुसार, जब शरीर में सल्फर की कमी होती है, तभी व्यक्ति को नशे की तलब लगती है। अदरक चूसने से यह कमी पूरी हो जाती है और तलब शांत हो जाती है। इसके अलावा, होम्योपैथी में भी ‘सल्फर’ (Sulfur) नाम की दवा आती है।
वीडियो में बताया गया है कि होम्योपैथी दुकान से ‘Sulfur 200’ (दो सौ पोटेंसी) की लिक्विड दवा लाएं। इसकी एक बूंद सुबह खाली पेट जीभ पर डालें। लगातार तीन दिन ऐसा करने से 50-60% लोगों की लत छूट जाती है। जो लोग बहुत ज्यादा शराब पीते हैं, वे इसे हफ्ते में एक बार ले सकते हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि ₹5 की 5 मिलीलीटर दवा या ₹12 की बड़ी बोतल सैकड़ों लोगों का नशा छुड़वाने की ताकत रखती है।
विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण (Analysis):
अक्सर नशा मुक्ति के लिए लोग महंगे रिहैब सेंटर और एलोपैथिक दवाओं का सहारा लेते हैं, जिनके साइड इफेक्ट्स भी होते हैं। लेकिन यह रिपोर्ट एक क्रांतिकारी दृष्टिकोण पेश करती है—’केमिकल बैलेंस’ को प्राकृतिक रूप से ठीक करना। शरीर में ‘सल्फर’ की कमी को नशे का कारण बताना और उसे अदरक या होम्योपैथी से पूरा करना, यह दर्शाता है कि समाधान कितना सरल हो सकता है। यह विधि न केवल किफायती है, बल्कि यह व्यक्ति को मानसिक रूप से भी सशक्त बनाती है। जहां बाजारवाद ने नशे के इलाज को एक व्यापार बना दिया है, वहां यह देसी नुस्खा आत्मनिर्भरता की मिसाल है।
‘जानें पूरा मामला’
यह जानकारी राजीव दीक्षित जी के विचारों और आयुर्वेद के ज्ञान पर आधारित है। वीडियो में बताया गया है कि कैसे आधुनिक जीवनशैली और गलत खानपान ने मन को कमजोर कर दिया है। स्वामी जी और राजीव दीक्षित जी का मानना था कि व्यसन मुक्त समाज ही एक मजबूत राष्ट्र का निर्माण कर सकता है। इसी उद्देश्य से उन्होंने अदरक और सल्फर जैसे सस्ते और सुलभ उपायों को जन-जन तक पहुंचाने की बात कही थी।
‘मुख्य बातें (Key Points)
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मन की शक्ति: बाईं नाक से सांस लेने (चंद्र नाड़ी) से मन मजबूत होता है और इच्छाशक्ति बढ़ती है।
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अदरक का नुस्खा: अदरक, नींबू और काला नमक का सूखा हुआ टुकड़ा चूसने से गुटखे और सिगरेट की तलब नहीं लगती।
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सल्फर की भूमिका: शरीर में सल्फर की कमी ही नशे की तलब का मुख्य कारण है।
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होम्योपैथी डोज: ‘Sulfur 200’ की एक बूंद खाली पेट लेने से पुरानी शराब की लत भी छूट सकती है।
Disclaimer : यह जानकारी घरेलू नुस्खों पर आधारित है। इसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।






