IAS Tina Dabi Controversy : राजस्थान के Barmer में एक कॉलेज प्रदर्शन ने तब नाटकीय मोड़ ले लिया जब जिले की District Collector को लेकर की गई एक टिप्पणी पुलिस कार्रवाई की वजह बन गई। शुक्रवार को फीस बढ़ोतरी के खिलाफ आवाज उठा रहे छात्र नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया, जिसके बाद छात्राओं ने पुलिस थाने के भीतर ही डेरा डाल दिया और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
Barmer के मुल्तान मल भीखचंद छाजेड़ महिला कॉलेज में 20 दिसंबर को माहौल उस समय गरमा गया जब फीस वृद्धि के विरोध में ABVP के छात्र नेता और छात्राएं प्रदर्शन कर रहे थे। एक शांतिपूर्ण प्रदर्शन अचानक प्रशासनिक टकराव में बदल गया। मौके पर मौजूद कोतवाली पुलिस ने दो छात्र नेताओं को हिरासत में ले लिया। इस कार्रवाई से नाराज छात्राएं थाने पहुंच गईं और वहां धरना शुरू कर दिया। छात्राओं का सीधा आरोप है कि पुलिस ने यह कार्रवाई केवल इसलिए की क्योंकि छात्र नेताओं ने बाड़मेर की कलेक्टर IAS Tina Dabi के लिए ‘रील स्टार’ (Reel Star) शब्द का इस्तेमाल किया था।
‘सफाई अभियान में दिखती हैं, कचरा नहीं दिखता’
थाने में धरने पर बैठी छात्रा हिना खत्री ने प्रशासन के रवैये पर तीखे सवाल उठाए। उनका कहना था कि छात्र नेता ने सिर्फ इतना कहा था कि “मैडम टीना डाबी रील स्टार हैं।” छात्राओं ने तर्क दिया कि जहां सफाई अभियान होता है, वहां मैडम पूरी तैयारी के साथ कैमरों के बीच नजर आती हैं और ‘नवो बाड़मेर’ की बातें करती हैं। लेकिन कॉलेज के बाहर मुख्य सड़क पर कचरे के ढेर लगे हैं, जिससे खतरा बना हुआ है। छात्राओं ने सवाल दागा कि क्या यही ‘नवो बाड़मेर’ है? उनका कहना था कि ‘रील स्टार’ कहना कोई अपमान नहीं है, बल्कि वे जमीनी हकीकत दिखाना चाहते थे।
रोल मॉडल को लेकर छिड़ी बहस
विवाद की जड़ में एक वैचारिक बहस भी सामने आई। प्रदर्शनकारी छात्राओं ने बताया कि कॉलेज के एक शिक्षक ने Tina Dabi को रोल मॉडल बताया था। इस पर छात्र नेताओं ने आपत्ति जताते हुए कहा कि उनकी रोल मॉडल अहिल्या बाई होल्कर और रानी दुर्गावती हैं, जिनसे उन्हें सीखने की जरूरत है। छात्रों का आरोप है कि ‘रोल मॉडल’ और ‘रील स्टार’ वाली बात प्रशासन को नागवार गुजरी, जिसके चलते धरना खत्म होने के बाद पुलिस छात्र नेताओं को पकड़कर ले गई। छात्रों ने सवाल उठाया कि अगर कुछ गलत बोला गया था, तो उसी वक्त कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
एसपी की समझाइश और कलेक्टर का पक्ष
थाने में बवाल बढ़ता देख बाड़मेर के SP Narendra Singh खुद मोर्चा संभालते नजर आए। वायरल वीडियो में वे प्रदर्शनकारियों को शांत करते हुए और यहां तक कि “गलती हो गई” कहते हुए भी दिखे, लेकिन छात्र इस बात पर अड़े रहे कि जिसने आदेश दिया है, वह माफी मांगे। दूसरी ओर, इस पूरे घटनाक्रम पर Collector Tina Dabi ने सफाई दी है। उन्होंने इसे एक सामान्य प्रक्रिया बताते हुए कहा कि प्रदर्शन के दौरान अधिकारियों के साथ बदसलूकी की गई थी, इसलिए कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि छात्र नेताओं को बाद में बिना किसी मुकदमे के रिहा कर दिया गया था।
विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण (Analysis):
यह घटना सोशल मीडिया के दौर में ब्यूरोक्रेसी और जनता के बीच बदल रहे समीकरणों को दर्शाती है। जब प्रशासनिक अधिकारी ‘सेलिब्रिटी स्टेटस’ पा लेते हैं, तो जनता की उनसे उम्मीदें भी बदल जाती हैं और आलोचना का स्वरूप भी। छात्रों द्वारा IAS अधिकारी को ‘रील स्टार’ कहना केवल एक तंज नहीं, बल्कि यह ‘इमेज बिल्डिंग’ बनाम ‘ग्राउंड गवर्नेंस’ के बीच के संघर्ष को भी उजागर करता है। प्रशासन का इतनी छोटी टिप्पणी पर युवाओं को हिरासत में लेना, कहीं न कहीं असहमति के स्वरों को दबाने जैसा प्रतीत होता है, जो लोकतंत्र में एक चिंताजनक संकेत है।
‘जानें पूरा मामला’
यह पूरा विवाद 20 दिसंबर को शुरू हुआ था जब बाड़मेर के एक महिला कॉलेज में बढ़ी हुई फीस को वापस लेने की मांग को लेकर ABVP और छात्राएं प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदर्शन तो खत्म हो गया, लेकिन उसके बाद पुलिस द्वारा छात्र नेताओं को हिरासत में लेने से मामला तूल पकड़ गया। छात्रों का आरोप है कि यह कार्रवाई उनके द्वारा कलेक्टर की कार्यशैली पर सवाल उठाने के कारण बदले की भावना से की गई थी।
‘मुख्य बातें (Key Points)
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बाड़मेर में फीस बढ़ोतरी के विरोध में प्रदर्शन के दौरान ABVP छात्र नेताओं को हिरासत में लिया गया।
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छात्राओं का आरोप है कि IAS Tina Dabi को ‘रील स्टार’ कहने पर पुलिस ने कार्रवाई की।
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कलेक्टर टीना डाबी ने इसे कानून व्यवस्था का मामला बताया और कहा कि छात्रों को रिहा कर दिया गया।
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छात्रों ने Police Station के अंदर धरना दिया और पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए।






