BSF Agniveer Reservation Rule : पूर्व Agniveers के भविष्य को लेकर अक्सर उठने वाले सवालों पर केंद्र सरकार ने पूर्णविराम लगाते हुए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। गृह मंत्रालय ने सीमा सुरक्षा बल (BSF) में Constable भर्ती के नियमों में बड़ा संशोधन करते हुए नई Notification जारी कर दी है। भारत के राजपत्र (Gazette) में प्रकाशित इस फैसले ने देश सेवा का जज्बा रखने वाले युवाओं को एक बड़ी राहत दी है।
खुशखबरी: अब BSF में 50% सीटें अग्निवीरों के नाम
सरकार द्वारा जारी नई व्यवस्था के तहत, अब BSF में सीधी भर्ती के जरिए होने वाली Constable की नियुक्तियों में बड़ा बदलाव किया गया है। हर भर्ती वर्ष में कुल रिक्तियों का 50 प्रतिशत हिस्सा अब पूर्व Agniveers के लिए आरक्षित रहेगा। इसका सीधा मतलब है कि सेना में 4 साल की सेवा पूरी करने के बाद लौटने वाले युवाओं के लिए अर्धसैनिक बलों में स्थाई नौकरी पाने का रास्ता अब बेहद आसान हो गया है। यह फैसला उन हजारों युवाओं के लिए संजीवनी बूटी की तरह है जो अपनी करियर सुरक्षा को लेकर चिंतित थे।
‘उम्र सीमा में 5 साल तक की बड़ी छूट’
सिर्फ सीटों में आरक्षण ही नहीं, बल्कि उम्र में भी बड़ी राहत दी गई है। सामान्य तौर पर Constable (GD) पद के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष और अधिकतम आयु 23 वर्ष तय की गई है, जिसकी गणना SSC या नोडल फोर्स की Notification के अनुसार होती है। लेकिन, पूर्व Agniveers को इस आयु सीमा में विशेष छूट दी गई है। नोटिफिकेशन के मुताबिक, उन्हें अधिकतम 5 साल तक की छूट (Relaxation) मिलेगी। यानी, जो अग्निवीर सेना से रिटायर होकर आएंगे, वे अधिक उम्र होने के बावजूद BSF भर्ती के लिए पात्र होंगे।
‘पूर्व सैनिकों और ट्रेड्समैन का भी रखा ख्याल’
गृह मंत्रालय ने इस संशोधन में संतुलन बनाने की पूरी कोशिश की है। नोटिफिकेशन में साफ किया गया है कि पूर्व सैनिकों (Ex-Servicemen) के लिए भी 10 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था रहेगी। इसके अलावा, 3 प्रतिशत पद कॉम्बैटाइज्ड कांस्टेबल (Combative Constable Tradesman) के समायोजन के लिए सुरक्षित रखे गए हैं। यह ढांचागत बदलाव इस बात को सुनिश्चित करता है कि सुरक्षा बलों में अनुभवी और प्रशिक्षित लोगों को प्राथमिकता दी जाए।
‘आम युवाओं और परिवारों पर असर’
इस फैसले का सबसे गहरा असर उन मध्यम और गरीब वर्गीय परिवारों पर पड़ेगा, जिनके बच्चे सेना में जाने का सपना देखते हैं। Agniveer योजना को लेकर जो अनिश्चितता का माहौल था, वह इस 50% आरक्षण से काफी हद तक कम हो जाएगा। अब एक युवा को पता है कि 4 साल की सेवा के बाद भी उसके पास BSF जैसी प्रतिष्ठित फोर्स में जाने का एक ठोस और सुरक्षित विकल्प मौजूद है।
‘संपादकीय विश्लेषण: सुरक्षा तंत्र को मिलेगी मजबूती’
गृह मंत्रालय का यह कदम केवल रोजगार देने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह National Security के लिहाज से भी एक स्मार्ट फैसला है। BSF को अब ऐसे जवान मिलेंगे जो पहले से ही भारतीय सेना की कठिन ट्रेनिंग और अनुशासन से गुजर चुके हैं। इससे BSF की ट्रेनिंग लागत और समय दोनों की बचत होगी, साथ ही सीमा सुरक्षा को एक तैयार और ‘बैटल-हार्डन’ (Battle-Hardened) वर्कफोर्स मिलेगा। यह फैसला Agniveer Scheme के आलोचकों के लिए भी एक ठोस जवाब है कि सरकार अपने जवानों के भविष्य को लेकर गंभीर है।
‘जानें पूरा मामला’
यह बदलाव गृह मंत्रालय द्वारा BSF कांस्टेबल भर्ती नियमों में संशोधन के बाद आया है। इसका मुख्य उद्देश्य सेना की Agnipath Scheme से निकलने वाले जवानों को अर्धसैनिक बलों में समायोजित करना है। इसे आधिकारिक रूप से भारत के राजपत्र में प्रकाशित कर लागू कर दिया गया है।
‘मुख्य बातें (Key Points)’
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BSF कांस्टेबल भर्ती में पूर्व Agniveers के लिए 50% पद आरक्षित कर दिए गए हैं।
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पूर्व Agniveers को आयु सीमा में अधिकतम 5 साल की विशेष छूट मिलेगी।
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भर्ती में 10% आरक्षण पूर्व सैनिकों (Ex-Servicemen) के लिए भी रखा गया है।
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सामान्य अभ्यर्थियों के लिए आयु सीमा 18 से 23 वर्ष तय की गई है।
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यह नोटिफिकेशन गृह मंत्रालय द्वारा जारी कर भारत के राजपत्र में प्रकाशित किया गया है।






