Rahul on MGNREGA: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मनरेगा (MGNREGA) की जगह लाए गए नए ‘जी-राम-जी’ (विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन–ग्रामीण) विधेयक को लेकर केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि उसने 20 साल पुराने ऐतिहासिक मनरेगा कानून को “एक दिन में ध्वस्त” कर दिया है और बिना किसी जांच-पड़ताल के संसद से जबरदस्ती नया विधेयक पास करा लिया है।
‘अधिकार छीना, राशन स्कीम बना दिया’
राहुल गांधी ने इस नए कानून को सिरे से खारिज करते हुए इसे “गांव विरोधी और राज्य विरोधी” करार दिया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि मनरेगा एक ‘अधिकार आधारित’ और ‘मांग आधारित’ रोजगार गारंटी थी, जिसे सरकार ने अब दिल्ली से रिमोट कंट्रोल द्वारा चलाई जाने वाली “राशन-टाइप स्कीम” में बदल दिया है। उनका सीधा आरोप है कि इस बदलाव से राज्यों की ताकत कम होगी और पंचायतों की स्वायत्तता (Autonomy) पर गहरा असर पड़ेगा।
गरीबों की ढाल और कोविड का सहारा
कांग्रेस नेता ने याद दिलाया कि कैसे कोविड-19 महामारी के दौरान जब देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई थी, तब मनरेगा ने ही करोड़ों लोगों को भुखमरी और कर्ज के जाल में फंसने से बचाया था। उन्होंने कहा कि मनरेगा ने ग्रामीण मजदूरों को मोलभाव करने (Bargaining) की ताकत दी थी, जिससे उनका शोषण कम हुआ और पलायन घटा। राहुल ने दावा किया कि नया विधेयक मजदूरों की इसी ताकत को तोड़ने और सत्ता का केंद्रीकरण करने की एक साजिश है।
संपादक का विश्लेषण: नाम बदलने से ज्यादा नीति बदलने का खेल
एक वरिष्ठ Editor के तौर पर इस सियासी टकराव को देखें, तो यह लड़ाई सिर्फ एक योजना के नाम बदलने (महात्मा गांधी का नाम हटाने) तक सीमित नहीं है। राहुल गांधी का विरोध इस बात पर है कि मनरेगा ‘हक’ था, जबकि नई योजना ‘स्कीम’ नजर आ रही है। अगर रोजगार की गारंटी मांग के बजाय सरकार के आवंटन पर निर्भर हो जाएगी, तो यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा झटका हो सकता है। सरकार ने इसे ‘सुधार’ का नाम दिया है, लेकिन विपक्ष इसे ‘अधिकारों का हनन’ मान रहा है। यह मुद्दा आने वाले समय में केंद्र बनाम राज्य और गरीब बनाम सरकार की बड़ी बहस का रूप ले सकता है।
संसद से सड़क तक संघर्ष का ऐलान
राहुल गांधी ने प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि विपक्ष की मांग के बावजूद बिल को स्टैंडिंग कमेटी (Standing Committee) में नहीं भेजा गया। इतने बड़े बदलाव को बिना विशेषज्ञ सलाह और सार्वजनिक सुनवाई के पास करना लोकतांत्रिक प्रक्रिया का अपमान है। उन्होंने साफ संकेत दिया है कि कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी। पार्टी मजदूरों, पंचायतों और राज्यों के साथ मिलकर इस कानून के खिलाफ सड़क से लेकर संसद तक देशव्यापी संघर्ष करेगी।
जानें पूरा मामला
गुरुवार रात संसद ने भारी विरोध के बीच ‘विकसित भारत जी-राम-जी’ विधेयक पारित किया है। यह कानून 2005 के मनरेगा एक्ट की जगह लेगा। नए कानून में ग्रामीण परिवारों को साल में 125 दिन रोजगार की गारंटी देने का प्रावधान है। विपक्ष ने महात्मा गांधी का नाम हटाए जाने और राज्यों पर वित्तीय बोझ डालने का कड़ा विरोध किया है।
मुख्य बातें (Key Points)
-
राहुल गांधी ने नए कानून को बताया गांव और राज्य विरोधी, कहा- पंचायतों की आजादी खत्म होगी।
-
आरोप- मनरेगा के ‘अधिकार’ को खत्म कर ‘राशन स्कीम’ बना दिया गया।
-
सरकार ने बिना स्टैंडिंग कमेटी में भेजे जल्दबाजी में पास कराया बिल।
-
कांग्रेस ने कानून वापस लेने के लिए देशव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी।






