Punjab Breaking News Updates: पंजाब की राजनीति और प्रशासनिक गलियारों में आज का दिन बेहद गहमागहमी भरा रहा। एक तरफ सस्पेंड चल रहे एक डीआईजी (DIG) ने अपनी गिरफ्तारी को गलत बताते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, तो दूसरी तरफ जेल में बंद अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की जमानत याचिका पर देश की सबसे बड़ी अदालत ने पंजाब सरकार से जवाब तलब किया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का ऐलान कर दिया है।
सस्पेंड DIG के घर से मिले थे नोटों के पहाड़
पंजाब पुलिस के सस्पेंड डीआईजी हरचरण सिंह भुल्लर ने सीबीआई (CBI) द्वारा दर्ज की गई एफआईआर को रद्द करवाने के लिए अब सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। भुल्लर का आरोप है कि सीबीआई की कार्रवाई अधिकार क्षेत्र से बाहर थी। गौरतलब है कि सीबीआई ने उन्हें मंडी गोबिंदगढ़ के एक व्यापारी से 8 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं हुई थी—जब सीबीआई ने तलाशी ली, तो उनके घर से करीब 7.5 करोड़ रुपये की नगदी, भारी मात्रा में जेवरात और शराब बरामद हुई थी।
भुल्लर का तर्क है कि सीबीआई ने मोहाली में कार्रवाई की, जिसके लिए उन्हें पंजाब सरकार से अनुमति लेनी चाहिए थी। हालांकि, इससे पहले पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने उनकी याचिका यह कहकर खारिज कर दी थी कि बरामदगी चंडीगढ़ में हुई है, इसलिए सीबीआई की कार्रवाई सही है। अब यह हाई-प्रोफाइल मामला सुप्रीम कोर्ट की चौखट पर है।
मजीठिया की जमानत पर सरकार को नोटिस
आय से अधिक संपत्ति के मामले में नाभा जेल में बंद अकाली दल के कद्दावर नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की जमानत याचिका पर भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। अदालत ने पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार को नोटिस जारी कर चार हफ्तों के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है। इससे पहले हाईकोर्ट ने मजीठिया की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। अब इस मामले की अगली सुनवाई 19 जनवरी को तय की गई है, जिस पर सबकी नजरें टिकी होंगी।
मनरेगा पर केंद्र से आर-पार की तैयारी
पंजाब सरकार ने केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा मनरेगा (MGNREGA) स्कीम में किए जा रहे कथित बदलावों के खिलाफ बड़ा सियासी दांव खेला है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ऐलान किया है कि जनवरी के दूसरे हफ्ते में पंजाब विधानसभा का Special Session बुलाया जाएगा। सीएम मान ने सोशल मीडिया पर कड़े शब्दों में लिखा कि केंद्र सरकार मनरेगा को बंद करके गरीबों और मजदूरों के घरों के चूल्हे ठंडे करना चाहती है। इस “धक्केशाही” के खिलाफ पंजाबियों की आवाज बुलंद करने के लिए ही यह विशेष सत्र बुलाया जा रहा है।
नवजोत कौर सिद्धू के बयान पर नहीं होगी CBI जांच
उधर, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें नवजोत कौर सिद्धू के उस बयान की सीबीआई जांच की मांग की गई थी, जिसमें उन्होंने 500 करोड़ रुपये में सीएम पद की बोली लगाने की बात कही थी। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि केवल मीडिया या सार्वजनिक मंचों पर दिए गए बयानों के आधार पर जांच के आदेश नहीं दिए जा सकते। कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर किसी में इतने गंभीर आरोप लगाने की हिम्मत है, तो उसे लिखित में शिकायत भी दर्ज करानी चाहिए। हवा-हवाई बयानों पर जनहित याचिकाएं स्वीकार नहीं की जा सकतीं।
संपादक का विश्लेषण: भ्रष्टाचार बनाम सियासत
एक वरिष्ठ Editor के तौर पर पंजाब के मौजूदा हालात का विश्लेषण करें, तो तस्वीर बहुत साफ है। एक तरफ ब्यूरोक्रेसी में फैले भ्रष्टाचार की जड़ें इतनी गहरी हैं कि डीआईजी स्तर के अधिकारी के घर से करोड़ों की नगदी मिल रही है, जो सिस्टम के खोखलेपन को उजागर करता है। वहीं दूसरी तरफ, मनरेगा के मुद्दे पर विधानसभा का सत्र बुलाना भगवंत मान सरकार की एक सोची-समझी रणनीति है। लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, ऐसे में ‘गरीबों का मसीहा’ बनकर केंद्र को घेरना राजनीतिक रूप से फायदेमंद हो सकता है। लेकिन जनता सवाल पूछ रही है—भ्रष्टाचार के इन नोटों के पहाड़ों और सियासी बयानों के बीच आम आदमी का असली विकास कहां है?
मुख्य बातें (Key Points)
-
सस्पेंड DIG हरचरण भुल्लर ने 7.5 करोड़ की रिकवरी और FIR के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की।
-
बिक्रम मजीठिया की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से 4 हफ्ते में जवाब मांगा।
-
मनरेगा मुद्दे पर केंद्र को घेरने के लिए जनवरी में पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाएगा।
-
नवजोत कौर सिद्धू के ‘500 करोड़’ वाले बयान पर CBI जांच की मांग हाईकोर्ट ने खारिज की।






