No Fuel Without PUCC : देश की राजधानी दिल्ली में जहरीली हवा के चलते गुरुवार, 18 दिसंबर से सरकार ने अब तक के सबसे सख्त कदम उठा लिए हैं। अगर आप दिल्ली में गाड़ी चलाते हैं और आपके पास प्रदूषण जांच सर्टिफिकेट (PUC) नहीं है, तो अब आपको पेट्रोल पंप पर फ्यूल नहीं मिलेगा। इतना ही नहीं, नियम तोड़ने पर आपकी जेब पर 20,000 रुपये तक का भारी जुर्माना लग सकता है और आपकी गाड़ी भी जब्त हो सकती है।
पेट्रोल पंप पर सख्त पहरा: नो पीयूसी, नो फ्यूल
दिल्ली सरकार और ट्रैफिक पुलिस ने साफ कर दिया है कि अब प्रदूषण फैलाना कोई “छोटी गलती” नहीं मानी जाएगी। पेट्रोल पंपों पर अब फ्यूल नोजल थामने से पहले कर्मचारियों को गाड़ियों का PUC Certificate चेक करना होगा। सरकार ने इसके लिए पेट्रोल पंपों पर ANPR कैमरे और मैनुअल चेकिंग की व्यवस्था के निर्देश दिए हैं।
पर्यावरण मंत्री ने स्पष्ट किया है कि गाड़ियों से निकलने वाला धुआं इस समय दिल्ली का दम घोंट रहा है। इसलिए, चाहे आपकी गाड़ी पेट्रोल हो, डीजल हो या सीएनजी, अगर सर्टिफिकेट अपडेट नहीं है, तो सड़क पर निकलना भारी पड़ेगा। 10,000 से लेकर 20,000 रुपये तक के चालान के डर से अब लोग प्रदूषण जांच केंद्रों के बाहर लंबी कतारें लगा रहे हैं।
ग्रैप-4 का हंटर: स्कूल और ऑफिस के बदले नियम
हवा का स्तर (AQI) 400 के पार और कुछ इलाकों में तो इससे भी ज्यादा खतरनाक होने के बाद GRAP-4 (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) लागू कर दिया गया है। इसका सबसे बड़ा असर स्कूलों और दफ्तरों पर पड़ा है। दिल्ली में अब कक्षा 5 तक के स्कूल पूरी तरह ऑनलाइन चलेंगे।
कक्षा 6 से 9 और 11वीं के छात्रों के लिए हाइब्रिड मोड (ऑनलाइन/ऑफलाइन) की व्यवस्था की गई है, जबकि 10वीं और 12वीं की कक्षाएं ऑफलाइन चलेंगी। वहीं, प्रदूषण और सड़कों पर ट्रैफिक कम करने के लिए सरकारी और प्राइवेट दफ्तरों को 50% क्षमता के साथ काम करने का आदेश दिया गया है। बाकी आधे कर्मचारियों को Work From Home करना होगा।
मजदूरों को बड़ी राहत और फ्लाइट्स पर कोहरे की मार
दिल्ली में निर्माण कार्यों (Construction) और तोड़फोड़ पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। इससे दिहाड़ी मजदूरों की रोजी-रोटी पर संकट न आए, इसके लिए सरकार ने बड़ा ऐलान किया है। हर रजिस्टर्ड कंस्ट्रक्शन मजदूर को 10,000 रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। अब तक ढाई लाख से ज्यादा मजदूरों को इसका फायदा मिलने की उम्मीद है।
दूसरी तरफ, आसमान में छाई धुंध और कोहरे ने हवाई यात्रियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। हालांकि फ्लाइट्स पूरी तरह कैंसिल नहीं हुई हैं, लेकिन कम विजिबिलिटी (Low Visibility) के कारण उड़ानों में देरी हो रही है और सड़कों पर गाड़ियां रेंगकर चल रही हैं।
डीजल ट्रकों की एंट्री पर लगा ताला
सड़कों पर दौड़ने वाली पुरानी और ज्यादा धुआं छोड़ने वाली गाड़ियों पर शिकंजा कस दिया गया है। दिल्ली में अब डीजल ट्रकों की एंट्री पूरी तरह बैन है, सिर्फ जरूरी सेवाओं वाले ट्रकों को ही छूट मिलेगी। पुरानी BS-1 और BS-2 गाड़ियां, जो नई गाड़ियों के मुकाबले कई गुना ज्यादा जहरीला धुआं छोड़ती हैं, उन्हें हटाने पर जोर दिया जा रहा है। सिर्फ BS-6 और कुछ BS-4 गाड़ियों को ही सीमित राहत दी गई है।
आम आदमी पर दोहरी मार
दिल्ली के आम नागरिक इस वक्त दोहरी मुसीबत झेल रहे हैं। एक तरफ जहरीली हवा ने सांस लेना दूभर कर दिया है, तो दूसरी तरफ इन सख्त पाबंदियों ने रोजमर्रा की जिंदगी की रफ्तार धीमी कर दी है। ऑफिस जाने वालों के लिए मेट्रो और बसों में भीड़ बढ़ेगी, और अपनी गाड़ी से चलने वालों को भारी चालान का डर सता रहा है।
‘जानें क्यों बिगड़े हालात’
दिल्ली की हवा इस वक्त ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बनी हुई है, जहां औसत AQI 328 के आसपास है और कई इलाकों में यह 400 पार कर चुका है। इसे देखते हुए ही सरकार को GRAP के चौथे चरण को लागू करना पड़ा। अधिकारियों का कहना है कि जब तक प्रदूषण का स्तर नीचे नहीं आता और हवा सांस लेने लायक नहीं होती, तब तक ये सख्त पाबंदियां जारी रहेंगी। अस्पताल, फायर सर्विस और बिजली-पानी जैसी जरूरी सेवाओं को ही इन नियमों से छूट मिली है।
मुख्य बातें (Key Points)
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बिना वैध PUC के पेट्रोल-डीजल नहीं मिलेगा, 20,000 रुपये तक का चालान संभव।
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दिल्ली में 5वीं तक के स्कूल ऑनलाइन, ऑफिस में 50% Work From Home लागू।
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निर्माण कार्य बंद, बेरोजगार हुए मजदूरों को सरकार देगी 10,000 रुपये की मदद।
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डीजल ट्रकों की दिल्ली में एंट्री बैन, सिर्फ जरूरी सेवाओं को छूट।






