Silver Price Hike : आज सराफा बाजार में एक नया इतिहास रच दिया गया है। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, आज सुबह चांदी की कीमतों ने पहली बार 2 लाख रुपये का जादुई आंकड़ा पार कर लिया है, जिससे बाजार में हड़कंप और निवेशकों में खुशी की लहर है।
महज 9 महीने में 1 लाख से 2 लाख का सफर
वीडियो में दी गई जानकारी के मुताबिक, आज एक किलो चांदी की कीमत 2 लाख 750 रुपये दर्ज की गई है। यह तेजी इसलिए भी हैरान करने वाली है क्योंकि इसी साल मार्च महीने में चांदी का भाव 1 लाख रुपये प्रति किलोग्राम था। मार्च के बाद अब दिसंबर आते-आते यह कीमत दोगुनी हो चुकी है। इसका सीधा मतलब यह है कि अगर किसी निवेशक ने मार्च में चांदी में 1 लाख रुपये लगाए होते, तो महज 9 महीने में उसका मुनाफा दोगुना हो गया है। जब सोने ने 1 लाख का आंकड़ा छुआ था, तब माना जा रहा था कि चांदी में भी उछाल आएगा, लेकिन इतनी तेज रफ्तार की उम्मीद किसी को नहीं थी।
चांदी की चाल: 2004 से अब तक
चांदी की कीमतों का इतिहास देखें तो आंकड़े चौंकाने वाले हैं। साल 2004 में 1 किलो चांदी की कीमत सिर्फ 10 से 11 हजार रुपये के बीच थी। इसके बाद 2011 में यह बढ़कर 50 हजार रुपये हो गई, यानी 7 साल में कीमत पांच गुना बढ़ी। इसके बाद अक्टूबर 2024 में चांदी ने पहली बार 1 लाख रुपये का स्तर छुआ। मार्च 2025 तक इसमें बहुत ज्यादा बदलाव नहीं आया था, लेकिन उसके बाद आई तेजी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए।
संपादकीय विश्लेषण: क्यों बदल रही है बाजार की दिशा?
एक वरिष्ठ संपादक के तौर पर इस घटनाक्रम को देखें तो यह केवल सट्टेबाजी या सामान्य तेजी नहीं है। यह एक ‘स्ट्रक्चरल शिफ्ट’ है। अब चांदी केवल गहनों या बर्तनों तक सीमित नहीं रह गई है, बल्कि यह भविष्य की तकनीक यानी Future Technology का मुख्य आधार बन गई है। जिस तरह से दुनिया Green Energy की तरफ बढ़ रही है, चांदी की मांग का बढ़ना तय था। यह तेजी यह भी संकेत देती है कि निवेशक अब पारंपरिक मुद्राओं (Currency) की बजाय ठोस धातुओं (Hard Assets) पर ज्यादा भरोसा कर रहे हैं।
तेजी की असली वजह: ट्रंप और टेक्नोलॉजी
चांदी में आई इस जबरदस्त तेजी के पीछे कई बड़े कारण हैं। सबसे मुख्य वजह इसका औद्योगिक इस्तेमाल है। चांदी का उपयोग Solar Panels, Electronics, Microchips और Electric Vehicles (EV) में बड़े पैमाने पर होता है। चूंकि दुनिया का फोकस अब EV और Solar Energy पर बढ़ रहा है, इसलिए चांदी की खपत भी बढ़ रही है। इसके अलावा, Trump Tariff का डर भी बाजार को प्रभावित कर रहा है। अमेरिकी कंपनियां इस डर से चांदी का Stock जमा कर रही हैं, जिससे बाजार में इसकी कमी और कीमतों में बढ़ोतरी देखी जा रही है।
आम आदमी पर क्या होगा असर?
इस खबर का आम आदमी पर मिला-जुला असर होगा। जिन्होंने पहले से चांदी खरीद रखी है, उनके लिए यह जश्न का मौका है। लेकिन जिन परिवारों में शादियां हैं या जो निवेश के लिए चांदी खरीदना चाहते थे, उनके लिए अब यह जेब पर बहुत भारी पड़ेगा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह तेजी अभी रुकने वाली नहीं है और अगले एक साल में चांदी 2.5 लाख रुपये प्रति किलो तक पहुंच सकती है।
मुख्य बातें (Key Points)
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चांदी की कीमत ने पहली बार 2 लाख रुपये प्रति किलोग्राम का आंकड़ा पार किया।
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इसी साल मार्च में भाव 1 लाख रुपये था, जो दिसंबर में दोगुना हो गया।
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Solar, EV और Microchips में बढ़ती मांग कीमतों में उछाल की बड़ी वजह है।
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अमेरिकी कंपनियों द्वारा Panic Stocking और Trump Tariff के डर ने आग में घी का काम किया है।






