8th Pay Commission का इंतजार कर रहे लाखों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए सरकार की तरफ से स्थिति स्पष्ट कर दी गई है। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार ने वेतन वृद्धि के गणित और तौर-तरीकों को लेकर एक अहम जानकारी साझा की है, जिससे सोशल मीडिया पर चल रही तमाम अफवाहों पर विराम लग गया है।
सैलरी कैलकुलेशन पर सरकार का स्पष्टीकरण
केंद्रीय कर्मचारियों के बीच Salary Hike और Fitment Factor को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच सरकार ने एक बड़ा संकेत दिया है। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने साफ कर दिया है कि 8वां वेतन आयोग अपनी सिफारिशें तैयार करने के लिए किसी पुराने ढर्रे पर नहीं, बल्कि खुद की नई Methodology और प्रक्रिया (Process) तय करेगा।
इसका सीधा मतलब यह है कि इस बार सैलरी बढ़ाने का तरीका और Formula पिछले आयोगों से बिल्कुल अलग हो सकता है। सरकार के इस बयान ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अभी किसी भी तरह के आंकड़ों या दावों पर भरोसा करना जल्दबाजी होगी।
लोकसभा में क्या बोले मंत्री?
यह मामला 8 दिसंबर 2025 को लोकसभा में उठे एक सवाल के दौरान सामने आया। जब सरकार से पूछा गया कि क्या वह 8वें वेतन आयोग के काम में देरी के चलते कर्मचारियों की शिकायतों पर विचार करेगी? इस पर जवाब देते हुए वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि आयोग अपनी सिफारिशें बनाने के लिए अपनी खुद की कार्यप्रणाली तय करने के लिए स्वतंत्र है।
सोशल मीडिया पर Arrears और बढ़ोतरी को लेकर किए जा रहे दावों को खारिज करते हुए यह साफ हो गया है कि अंतिम फैसला आयोग की रिपोर्ट के बाद ही सामने आएगा।
कर्मचारी संगठनों की प्रमुख मांगें
आयोग के Terms of Reference (ToR) जारी होने के बाद से ही कर्मचारी यूनियनों ने अपनी कमर कस ली है। उनकी सबसे बड़ी मांग महंगाई भत्ते (DA) को Basic Salary में मर्ज करने की है। इसके अलावा, पेंशनर्स के लिए स्पष्ट प्रावधान और सिफारिशों को 1 जनवरी 2026 से लागू करने की मांग जोर-शोर से उठाई जा रही है।
कर्मचारी संगठन यह भी चाहते हैं कि आयोग अपनी रिपोर्ट देने से पहले Interim Relief (अंतरिम राहत) की घोषणा करे, ताकि कर्मचारियों को बढ़ती महंगाई से थोड़ी राहत मिल सके। हालांकि, मंत्री के बयान से यह संकेत मिलता है कि इन सभी मुद्दों पर फैसला सरकार सीधे नहीं, बल्कि आयोग की सिफारिशों के आधार पर करेगी।
विशेषज्ञ विश्लेषण: क्या बदलेगा इस बार?
एक वरिष्ठ संपादक के तौर पर इस घटनाक्रम को देखें, तो यह साफ है कि सरकार इस बार वेतन निर्धारण में वैज्ञानिक और आधुनिक दृष्टिकोण अपनाना चाहती है। जानकारों का मानना है कि 8वां वेतन आयोग अपनी रिपोर्ट सौंपने में करीब 18 महीने का समय ले सकता है।
इतिहास गवाह है कि हर वेतन आयोग ने पुराने सिस्टम को बदला है। जैसे 7वें वेतन आयोग ने Running Pay Band और Grade Pay सिस्टम को खत्म कर Pay Matrix लागू किया था। इसी तर्ज पर 8वां आयोग भी एक बिल्कुल नया और अनूठा Formula ला सकता है, जो कर्मचारियों की सैलरी स्ट्रक्चर को पूरी तरह बदल देगा। फिलहाल, आधिकारिक रिपोर्ट का इंतजार करना ही समझदारी है।
मुख्य बातें (Key Points)
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सरकार ने साफ किया कि 8वां वेतन आयोग अपनी Methodology खुद तय करेगा।
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सोशल मीडिया पर चल रहे Fitment Factor के दावों पर भरोसा न करने की सलाह।
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महंगाई भत्ते को Basic Salary में मर्ज करने और अंतरिम राहत की मांग तेज।
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आयोग को रिपोर्ट सौंपने में करीब 18 महीने का समय लगने का अनुमान है।






