RSS Leader Dattatreya Hosabale Statement आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने मुसलमानों को लेकर एक बड़ा और चौंकाने वाला बयान दिया है। गोरखपुर के खोराबार क्षेत्र में आयोजित एक हिंदू सम्मेलन के दौरान उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म वास्तव में एक मानव धर्म है और मुस्लिम भाइयों को नमाज के साथ-साथ पर्यावरण की दृष्टि से नदियों की पूजा और सूर्य नमस्कार भी करना चाहिए। 17 दिसंबर को मालवीय नगर श्रीराम बस्ती खेल मैदान में हुए इस कार्यक्रम में होसबोले ने स्पष्ट किया कि संघ नमाज छोड़ने की बात नहीं कर रहा, बल्कि भारतीय संस्कृति की श्रेष्ठ बातों को अपनाने का आह्वान कर रहा है।
‘नमाज पढ़ते रहें, लेकिन पर्यावरण के लिए करें नदी की पूजा’
दत्तात्रेय होसबोले ने अपने संबोधन में जोर देकर कहा कि अगर मुस्लिम भाई नमाज पढ़ते हुए नदियों की पूजा करते हैं या सूर्य नमस्कार और प्राणायाम करते हैं, तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है। उन्होंने कहा कि हम मुसलमानों से नमाज छोड़ने के लिए नहीं कह रहे हैं, हम तो चाहते हैं कि वह नमाज पढ़ते रहें। लेकिन साथ ही यहां के पर्यावरण की दृष्टि से नदियों की पूजा भी करें तो क्या बिगड़ जाता है? उनके अनुसार, जब हम हिंदू धर्म कहते हैं तो यह वास्तव में एक मानव धर्म है जिसे पूरी दुनिया अपना सकती है।
‘दुनिया भर में बढ़ रहा है हिंदू संस्कृति का गौरव’
होसबोले ने इस दौरान हिंदू धर्म के वैश्विक विस्तार का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि हमारे देश की संस्कृति के बारे में जानने के लिए दुनिया के अन्य देशों के लोग उत्सुक हैं। रूस में चर्च को मंदिर में परिवर्तन करने के लिए वहां के लोगों ने अनुमति दी है, जबकि अमेरिका में जहां-जहां हिंदू हैं, वहां भव्य मंदिर बनते जा रहे हैं। इतना ही नहीं, जर्मनी के कई विश्वविद्यालयों में संस्कृत सिखाई जा रही है और आयुर्वेद का अध्ययन कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया भारत की प्रतिभा और परिश्रम का स्वागत कर रही है।
‘विश्व गुरु बनने के लिए हिंदुत्व को जीवन में उतारना जरूरी’
आरएसएस नेता ने कहा कि यदि भारत को वास्तव में विश्व गुरु बनाना है, तो हिंदू धर्म, हिंदुत्व और इसकी श्रेष्ठ परंपराओं को अपने दैनिक जीवन में उतारना होगा। उन्होंने धर्म और पंथ के बीच अंतर स्पष्ट करते हुए कहा कि धर्म वही है जो अपने आप पर है। आप शैव, वैष्णव, जैन या बौद्ध हो सकते हैं, यह आपकी ‘गाड़ी’ बदलने जैसा है, लेकिन मूल धर्म नहीं बदलता। उन्होंने प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य बताया कि वह अपनी महान हिंदू संस्कृति की रक्षा के लिए आगे आए और उसे अपने जीवन में स्थान दे।
‘वरिष्ठ संपादक का विश्लेषण’
दत्तात्रेय होसबोले का यह बयान संघ की उस समावेशी विचारधारा को प्रदर्शित करने का प्रयास है, जिसमें वह भारतीयता और संस्कृति को उपासना पद्धति से ऊपर रखने की बात करता है। मुसलमानों को नमाज के साथ सूर्य नमस्कार और नदी पूजा की सलाह देना, असल में ‘सांस्कृतिक राष्ट्रवाद’ के दायरे को और व्यापक बनाने की कोशिश है। हालांकि, धार्मिक परंपराओं को लेकर संवेदनशील रहने वाले संगठनों के बीच इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। यह बयान आने वाले समय में एक बड़ी वैचारिक बहस को जन्म दे सकता है।
‘जानें पूरा मामला’
यह बयान गोरखपुर में आयोजित एक हिंदू सम्मेलन के दौरान आया, जहाँ दत्तात्रेय होसबोले मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे। उन्होंने हिंदू धर्म को ‘मानव धर्म’ बताते हुए इसे दुनिया के सभी मतों के लिए प्रेरणादायक बताया। उन्होंने देश की एकता और पर्यावरण संरक्षण के लिए सभी समुदायों को भारतीय संस्कृति के मूल तत्वों, जैसे योग और प्राकृतिक पूजा से जुड़ने की अपील की है।
‘मुख्य बातें (Key Points)’
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दत्तात्रेय होसबोले ने हिंदू धर्म को ‘मानव धर्म’ बताते हुए सभी के लिए अनुकरणीय कहा।
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मुसलमानों से नमाज के साथ पर्यावरण संरक्षण हेतु नदी पूजा और सूर्य नमस्कार करने की अपील की।
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रूस, अमेरिका और जर्मनी जैसे देशों में हिंदू संस्कृति और संस्कृत के बढ़ते प्रभाव का उल्लेख किया।
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भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए हिंदू संस्कृति की श्रेष्ठ बातों को अपनाने पर जोर दिया।






