Indian Railway Luggage Rule भारतीय रेलवे से सफर करने वाले यात्रियों के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण अपडेट सामने आया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने स्पष्ट कर दिया है कि अब ट्रेन में यात्रा के दौरान एक निश्चित सीमा से अधिक सामान ले जाने पर यात्रियों को अतिरिक्त शुल्क का भुगतान करना होगा। यह जानकारी संसद में एक सवाल के लिखित जवाब के दौरान दी गई, जिससे अब रेल यात्रा के दौरान सामान के बोझ को लेकर स्थिति पूरी तरह साफ हो गई है।
लोकसभा में सांसद प्रभाकर रेड्डी के एक सवाल का जवाब देते हुए रेल मंत्री ने बताया कि रेलवे में हवाई अड्डों की तरह ही सामान ले जाने के कड़े नियम पहले से ही मौजूद हैं। यात्रियों को अब इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि वे किस श्रेणी के कोच में सफर कर रहे हैं और वहां सामान ले जाने की फ्री लिमिट कितनी है। अगर सामान उस सीमा को पार करता है, तो जेब ढीली होना तय है।
किस क्लास में कितना वजन ले जा सकते हैं?
रेलवे ने कोच की श्रेणी के अनुसार सामान की सीमा तय की है। सेकंड क्लास (Second Class) में सफर करने वाले यात्री 35 किलोग्राम तक का सामान बिना किसी शुल्क के ले जा सकते हैं, जबकि भुगतान के साथ इसकी अधिकतम सीमा 70 किलोग्राम है। वहीं, स्लीपर क्लास (Sleeper Class) के यात्रियों के लिए 40 किलोग्राम तक का सामान फ्री है और वे अधिकतम 80 किलोग्राम वजन ले जा सकते हैं।
एसी कोच के लिए अलग हैं नियम
एसी थ्री चेयर और चेयर कार (AC 3 Tier/Chair Car) में यात्रियों को 40 किलोग्राम तक की निशुल्क सुविधा दी गई है और यही वहां की अधिकतम सीमा भी तय की गई है। एसी टू टियर (AC 2 Tier) में यह सीमा थोड़ी ज्यादा है, जहां 50 किलोग्राम तक सामान निशुल्क और अधिकतम 100 किलोग्राम तक ले जाया जा सकता है। सबसे प्रीमियम क्लास, यानी एसी फर्स्ट क्लास (AC First Class) में यात्री 70 किलोग्राम तक का वजन बिना किसी शुल्क के और अधिकतम 150 किलोग्राम तक का सामान शुल्क देकर ले जा सकते हैं।
व्यापारिक सामान पर पूरी तरह रोक
रेल मंत्री ने अपने जवाब में एक और महत्वपूर्ण बात साफ की है। उन्होंने कहा कि कोई भी यात्री व्यक्तिगत सामान के नाम पर व्यावसायिक या व्यापारिक सामान (Commercial Luggage) कोच के भीतर नहीं ले जा सकता। कोच के भीतर केवल निजी उपयोग की वस्तुओं को ही अनुमति दी गई है। अगर कोई व्यक्ति व्यापारिक सामान ले जाता पाया गया, तो उस पर रेलवे के नियमों के अनुसार कड़ी कार्रवाई और जुर्माना लगाया जा सकता है।
आम पाठक पर असर
इस नियम का सीधा असर उन यात्रियों पर पड़ेगा जो लंबी दूरी की यात्रा के दौरान भारी भरकम सामान साथ लेकर चलते हैं। अब यात्रियों को अपनी पैकिंग रेलवे के वजन नियमों के अनुसार ही करनी होगी, वरना स्टेशन पर जांच के दौरान उन्हें भारी अतिरिक्त शुल्क चुकाना पड़ सकता है, जिससे यात्रा का बजट बिगड़ सकता है।
क्या है पृष्ठभूमि
रेलवे में बैगेज नियमों को लेकर अक्सर यात्रियों के मन में भ्रम रहता था। हवाई अड्डों पर सामान की तौल और सख्ती को देखते हुए संसद में यह सवाल उठाया गया था कि क्या रेलवे भी इसी तर्ज पर काम करेगा। रेल मंत्री के इस बयान के बाद अब यह स्पष्ट हो गया है कि रेलवे में नियम पहले से ही मौजूद हैं और अब उन्हें और भी सख्ती से लागू किया जा रहा है।
मुख्य बातें (Key Points)
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अतिरिक्त शुल्क: निर्धारित सीमा से अधिक सामान ले जाने पर अब रेलवे यात्रियों से अतिरिक्त चार्ज वसूल करेगा।
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श्रेणीवार सीमा: अलग-अलग कोच श्रेणियों (General, Sleeper, AC) के लिए सामान ले जाने की वजन सीमा अलग-अलग तय की गई है।
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निशुल्क सीमा: सेकंड क्लास में 35kg, स्लीपर में 40kg और एसी फर्स्ट क्लास में 70kg तक सामान फ्री ले जाया जा सकता है।
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कमर्शियल सामान पर बैन: ट्रेन के कोच में व्यापारिक सामान ले जाना पूरी तरह प्रतिबंधित है, पकड़े जाने पर कार्रवाई होगी।






