Supreme Court Order on Delhi Pollution : देश की राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण और सीमाओं पर लगने वाले जाम को खत्म करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक और सख्त कदम उठाया है। अब दिल्ली में प्रवेश करने वाले उन कमर्शियल वाहनों को भी Environment Compensation Cess (ECC) यानी पर्यावरण शुल्क देना होगा, जो दूध, सब्जी, फल और अनाज जैसा जरूरी सामान लेकर आते हैं। कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि सीमाओं पर खड़ी गाड़ियाँ प्रदूषण का बड़ा कारण बन रही हैं, इसलिए 10 साल पुरानी इस छूट को तत्काल प्रभाव से खत्म किया जा रहा है।
खड़ी गाड़ियां बढ़ा रही हैं प्रदूषण
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच ने यह फैसला सुनाया है। कोर्ट ने पाया कि जरूरी सामान लाने वाली गाड़ियों को मिली छूट का उल्टा असर हो रहा था। दरअसल, यह चेक करने के लिए कि गाड़ी में सचमुच जरूरी सामान (अंडे, बर्फ, अनाज आदि) है या नहीं, गाड़ियों को बॉर्डर पर Physical Verification के लिए रोका जाता था।
इस जांच के कारण बॉर्डर पर गाड़ियों की लंबी-लंबी कतारें लग जाती थीं। घंटों तक कतार में खड़ी और स्टार्ट गाड़ियाँ (Idling Vehicles) भारी मात्रा में धुआं छोड़ती हैं, जिससे दिल्ली की हवा और जहरीली हो रही थी। अब सभी को टैक्स देना होगा, जिससे जांच का झंझट खत्म होगा और गाड़ियाँ बिना रुके निकल सकेंगी।
आम आदमी की जेब पर कितना असर?
इस खबर के बाद आम जनता के मन में महंगाई का डर होना स्वाभाविक है। लेकिन कोर्ट और एमसीडी (MCD) ने इस चिंता को भी दूर किया है। बेंच ने स्पष्ट किया कि इस टैक्स के लगने से जरूरी चीजों की कीमतों पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा।
नगर निकाय के अधिकारियों ने हिसाब लगाकर बताया है कि इस फैसले से वस्तुओं की कीमतों में मात्र 0.13 पैसे से लेकर 0.28 पैसे प्रति किलोग्राम तक का ही मामूली अंतर आएगा। यानी आम आदमी की रसोई के बजट पर इसका कोई बड़ा बोझ नहीं पड़ने वाला है।
जाम से मिलेगी मुक्ति
एमसीडी ने कोर्ट में दलील दी थी कि अलग-अलग गाड़ियों की जांच करने में बहुत समय बर्बाद होता है और Traffic Jam लगता है। अब जब सभी कमर्शियल गाड़ियों पर एक समान ECC लगेगा, तो किसी को रोकने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
इस कदम से दिल्ली के टोल कलेक्शन सिस्टम को एनएचएआई (NHAI) के Fast Tag सिस्टम के साथ जोड़ना आसान हो जाएगा। इससे बॉर्डर पॉइंट्स पर ट्रैफिक का प्रवाह बेहतर होगा और लोगों को घंटों जाम में नहीं फंसना पड़ेगा।
किन गाड़ियों को अभी भी रहेगी छूट?
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने आपातकालीन सेवाओं का पूरा ध्यान रखा है। कोर्ट के आदेश के मुताबिक, एंबुलेंस (Ambulance), फायर ब्रिगेड की गाड़ियाँ (Fire Engines) और तेल के टैंकरों (Oil Tankers) को अभी भी ईसीसी (ECC) से छूट मिलती रहेगी। इन्हें रोकने या टैक्स वसूलने की कोई नई व्यवस्था लागू नहीं होगी।
जानें पूरा मामला
साल 2015 में दिल्ली में गंभीर वायु प्रदूषण को देखते हुए कमर्शियल गाड़ियों पर ECC लगाने की शुरुआत की गई थी। उस समय फल, सब्जी, दूध, राशन और पोल्ट्री आइटम लाने वाली गाड़ियों को इस टैक्स से बाहर रखा गया था ताकि जनता को महंगाई न झेलनी पड़े। लेकिन बीते शुक्रवार को एमसीडी की अर्जी पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पाया कि यह छूट अब फायदे की जगह नुकसान (प्रदूषण और जाम) दे रही है, जिसके बाद यह बड़ा बदलाव किया गया।
मुख्य बातें (Key Points)
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सुप्रीम कोर्ट ने जरूरी सामान लाने वाले कमर्शियल वाहनों से ECC छूट वापस ले ली है।
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बॉर्डर पर जांच के लिए गाड़ियों का रुकना प्रदूषण और जाम की बड़ी वजह बन रहा था।
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इस फैसले से चीजों के दाम में महज 0.13 से 0.28 पैसे प्रति किलो का फर्क पड़ेगा।
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एंबुलेंस, फायर इंजन और तेल टैंकरों को टैक्स से छूट जारी रहेगी।
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यह फैसला दिल्ली में ट्रैफिक फ्लो सुधारने और प्रदूषण कम करने के लिए लिया गया है।






