Donald Trump Sues BBC Defamation Case : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और दुनिया के बड़े मीडिया संस्थान BBC के बीच जंग छिड़ गई है। ट्रंप ने अपनी छवि खराब करने और भाषण को तोड़-मरोड़ कर पेश करने के आरोप में बीबीसी पर 10 अरब डॉलर का भारी-भरकम मुकदमा कर दिया है। मियामी की Federal Court में दायर इस मुकदमे ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है, क्योंकि यह लड़ाई अब ‘मीडिया की आजादी’ बनाम ‘तथ्यों की सटीकता’ की बन गई है।
46 पन्नों का मुकदमा और गंभीर आरोप
डोनाल्ड ट्रंप ने बीबीसी के खिलाफ मियामी कोर्ट में 46 पन्नों का एक विस्तृत मुकदमा दायर किया है। उनका आरोप है कि बीबीसी ने उनके भाषण की गलत तरीके से Editing की है। ट्रंप का कहना है कि मीडिया संस्थान ने जानबूझकर उनके बयानों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया ताकि दर्शकों को गुमराह किया जा सके।
ट्रंप ने बीबीसी पर मानहानि (Defamation) और अनुचित तरीके से व्यापार करने का आरोप लगाया है। उनका दावा है कि बीबीसी ने फ्लोरिडा के कानूनों का उल्लंघन किया है, जो भ्रामक कारोबारी गतिविधियों पर रोक लगाते हैं।
डॉक्यूमेंट्री बनी विवाद की जड़
इस पूरे विवाद की जड़ 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से ठीक पहले बीबीसी द्वारा प्रकाशित एक Documentary है। इस डॉक्यूमेंट्री में 6 जनवरी 2021 के उस भाषण के अंश दिखाए गए थे, जब अमेरिका में कैपिटल हिल (संसद) पर हिंसा भड़की थी।
बीबीसी ने ट्रंप के भाषण का वह हिस्सा प्रमुखता से दिखाया जिसमें वे अपने समर्थकों से कह रहे थे, “जान की बाजी लगाकर लड़ो।” इस बयान को सीधे कैपिटल हिल हिंसा से जोड़कर पेश किया गया, जिससे यह संदेश गया कि ट्रंप ने ही हिंसा भड़काई थी।
सच्चाई छुपाने का आरोप
ट्रंप का गुस्सा इस बात पर है कि बीबीसी ने उनके भाषण का सिर्फ उकसाने वाला हिस्सा दिखाया, लेकिन उस हिस्से को पूरी तरह काट दिया जिसमें उन्होंने “शांतिपूर्ण प्रदर्शन” (Peaceful Protest) की अपील की थी।
ट्रंप की कानूनी टीम का कहना है कि बीबीसी ने एक सोची-समझी साजिश के तहत ऐसा किया। उनका मकसद चुनाव से पहले ट्रंप की छवि को धूमिल करना और उन्हें हिंसा का मुख्य सूत्रधार साबित करना था। इसे ट्रंप ने “दुर्भावनापूर्ण चित्रण” करार दिया है।
मांगे 10 अरब डॉलर, ब्रिटेन में मचेगा हड़कंप
ट्रंप ने दो अलग-अलग आरोपों के लिए 5-5 अरब डॉलर यानी कुल $10 Billion (अरब डॉलर) के हर्जाने की मांग की है। अगर बीबीसी यह मुकदमा हार जाता है, तो ब्रिटेन में भारी बवाल मच सकता है।
इसकी वजह यह है कि बीबीसी को फंडिंग ब्रिटेन की जनता से वसूले जाने वाले अनिवार्य License Fees से मिलती है। ब्रिटेन के वकीलों का मानना है कि अगर यह पैसा हर्जाने के तौर पर देना पड़ा, तो यह मामला राजनीतिक रूप से बेहद संवेदनशील हो जाएगा।
बीबीसी ने मानी थी गलती
हैरानी की बात यह है कि इससे पहले नवंबर महीने में बीबीसी ने अपनी गलती मानी थी और माफी भी मांगी थी। बीबीसी के चीफ समीर शाह ने स्वीकार किया था कि Editing के फैसले में उनसे चूक हुई है। इसके बाद बीबीसी के शीर्ष कार्यकारी अधिकारी और समाचार प्रमुख ने इस्तीफा भी दे दिया था।
बावजूद इसके, ट्रंप ने अब आर-पार की लड़ाई का मन बना लिया है। उन्होंने साफ कहा है कि बीबीसी का काम उनके मुंह में अपने शब्द डालना रहा है और यह उनके वामपंथी एजेंडे (Leftist Agenda) को सूट करता है।
जानें पूरा मामला
यह मामला 2024 चुनाव से पहले की एक डॉक्यूमेंट्री से जुड़ा है। ट्रंप का आरोप है कि बीबीसी ने उनके 6 जनवरी 2021 के भाषण को गलत संदर्भ में पेश किया। बीबीसी ने दिखाया कि ट्रंप समर्थकों को संसद की ओर मार्च करने और लड़ने के लिए कह रहे थे, जबकि शांति की अपील को हटा दिया गया। अब ट्रंप ने इसे लेकर कानूनी लड़ाई छेड़ दी है और वे किसी भी हाल में पीछे हटने के मूड में नहीं हैं।
मुख्य बातें (Key Points)
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डोनाल्ड ट्रंप ने बीबीसी पर $10 Billion का मानहानि मुकदमा दायर किया है।
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बीबीसी पर डॉक्यूमेंट्री में ट्रंप के भाषण की गलत Editing करने का आरोप है।
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ट्रंप का दावा है कि उनकी “शांतिपूर्ण अपील” को हटाकर सिर्फ उकसाने वाले हिस्से दिखाए गए।
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बीबीसी ने पूर्व में गलती स्वीकार करते हुए माफी मांगी थी, लेकिन ट्रंप ने फिर भी केस कर दिया।






